दलितों में विश्वास जगाता संघ का "प्रैक्टिकल"

यदि संघ के स्वयंसेवक इसी प्रकार कार्य करते रहें, तो मिशनरी को भगाना चुटकियों का खेल बन जाएगा... कुछ दिनों पहले इंदौर के भास्कर में खबर आई थी कि बडनगर के पास एक गाँव जाफला में कुछ राजपूत दबंगों ने एक दलित युवक को बारात निकालने से न सिर्फ रोका, बल्कि उसके साथ गालीगलौज भी की.

दबंगों के अनुसार उस गाँव में अभी तक किसी भी दलित ने घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने की "हिम्मत" नहीं की थी. बहरहाल, किसी तरह पुलिस की सुरक्षा में उस दलित युवक की न सिर्फ बारात निकली, बल्कि धूमधाम से शादी भी हुई. 

जब अखबारों द्वारा यह खबर फ़ैली, तो RSS के एक आनुषंगिक संगठन "सामाजिक समरसता मंच" के पदाधिकारियों ने अगले ही दिन उस गाँव का दौर किया. वहाँ के राजपूत समाज के साथ एक बैठक आयोजित की गई, वर्तमान सरपंच एवं पूर्व सरपंचों को साथ लेकर गाँव के सभी जाति के युवाओं की एक छोटी सभा आयोजित करके उन्हें समझाईश दी गई. इस आपसी मेलजोल का नतीजा यह निकला कि दोनों सरपंचों की मौजूदगी में गाँव के बुजुर्गों और युवाओं ने लिखित में यह शपथ ली कि भविष्य में वे इस प्रकार की हरकत कभी नहीं करेंगे और किसी भी दलित की बारात कभी नहीं रोकी जाएगी. इसके बाद सभी जातियों के लोगों द्वारा सामूहिक रूप से दुल्हन को हँसी-खुशी बिदाई दी गई.

RSS द्वारा इस प्रकार की जमीनी पहल किया जाना तथा उसका समुचित प्रचार किया जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि नकारात्मक ख़बरें तो मीडिया जल्दी पहुंचाता है, लेकिन इस प्रकार की सकारात्मक पहल कभी भी नेशनल हेडलाइन नहीं बन पाती. दलितों का सम्मान होना चाहिए, शहरों में तो काफी हद तक छुआछूत खत्म हो गई है, लेकिन अब गाँवों में भी वे दिन अब लद गए, जब दबंगों की चलती थी. संघ को इस प्रकार की पहल पूरे भारत में करनी चाहिए. कुछ समय पहले संघ का एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम घोषित हुआ था, "एक गाँव, एक कुआँ, एक मंदिर, एक श्मशान", इस कार्यक्रम की अभी तक क्या प्रोग्रेस रिपोर्ट है, इस बारे में मीडिया में कोई ख़बरें नहीं आई हैं. संघ द्वारा मीडिया से दूरी बनाए रखने के कारण "संवाद गैप" की स्थिति बनती है. RSS को यह सोचना होगा, कि संघ के जमीनी कार्यों और दलित-शोषितों की बस्ती में किए जाने वाले जागरण और सेवा कार्य आम जनता तक क्यों नहीं पहुँच पाते.

बहरहाल, बड़नगर (मप्र) की यह घटना आने वाले दिनों में न सिर्फ आगे बढ़नी चाहिए, बल्कि संघ को खुलकर दबंगों की इस प्रकार की हरकतों पर लगाम कसने के लिए आगे आना चाहिए.

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