एक ब्रिटिश खलासी डेनियल रौस के नाम पर इस द्वीप का नामकरण किए गया था. उस द्वीप पर एक देवी रहती हैं, जिसका नाम है “अनुराधा”. लेकिन मैं आपको इस अनुराधा की कहानी क्यों सुना रहा हूँ? पोर्ट ब्लेयर से मात्र दस मिनट की दूरी पर एक द्वीप है, जिसका नाम है “रौस द्वीप”. एक ब्रिटिश खलासी डेनियल रौस के नाम पर इस द्वीप का नामकरण किए गया था. उस द्वीप पर एक देवी रहती हैं, जिसका नाम है “अनुराधा”. लेकिन मैं आपको इस अनुराधा की कहानी क्यों सुना रहा हूँ? आखिर अनुराधा में ऐसा क्या खास है? यदि सरल शब्दों में कहूँ तो अनुराधा अंडमान की सबसे महत्त्वपूर्ण बात है. जिस तरह से स्वच्छ समुद्र किनारों और सेल्युलर जेल के बिना अंडमान का इतिहास नहीं बताया जा सकता, उससे भी महत्त्वपूर्ण है अनुराधा. 

पिछले १-२ वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है, हिंदी के कई खबरिया चैनलों और अख़बारों (परन्तु सभी समाचार चैनल या अखबार नहीं) में अंग्रेजी और रोमन लिपि का इतना अधिक प्रयोग शुरू हो चुका है कि उन्हें हिंदी चैनल/हिंदी अखबार कहने में भी शर्म आती है. मैंने  कई संपादकों को लिखा भी कि अपने हिंदी समाचार चैनल/ अख़बार को अर्द्ध-अंग्रेजी चैनल / अख़बार(सेमी-इंग्लिश) मत बनाइये पर इन चैनलों/ अख़बारों  के कर्ताधर्ताओं को ना तो अपने पाठकों से कोई सरोकार है और ना ही हिंदी भाषा से, इनके लिए हिंदी बस कमाई का एक जरिया है. मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में इनकी अक्ल ठिकाने जरूर आएगी क्योंकि आम दर्शक और पाठक के लिए हिंदी उनकी अपनी भाषा है, माँ भाषा है. मुट्ठीभर लोग हिंदी को बर्बाद करने में लगे हैं.

तीन साल पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने जब पैरिस समझौते से हाथ पीछे खींचे थे तब उन्होंने न महज़ एक प्रशासनिक फ़ैसला नहीं लिया था। उन्होंने असल में पूरी दुनिया को जलवायु संकट में झोंका था। उसका असर कुछ ऐसा हुआ कि दुनिया भर में जलवायु नीति पर काम करने वालों में हताशा, और मायूसी ने घर कर लिया।

राष्ट्रवाद की सांस्कृतिक अवधारणा के साथ भारत की शासनिक सत्ता पर भारतीय जनता पार्टी की धमक और उसके परिणामस्वरुप कांग्रेस व उसकी सहयोगी पार्टियों की हुई मरणासन्न हालत से देश में एक राष्ट्रीय विपक्ष की सख्त जरुरत महसूस होने लगी है । १६वीं लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को मिले व्यापक जनमत के कारण कांग्रेस इस कदर सत्ता से बेदखल हो गई कि वह कायदे से एक अदद ‘विपक्ष’ का दर्जा भी हासिल नहीं कर सकी.  

राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को लेकर आन्दोलन तेज है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी बैंसला का कहना है कि दो वर्षों से समाज को सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, इसलिए मजबूरी में उन्हें आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ा। हालांकि एक नवम्बर से जारी इस आन्दोलन से पहले ही गुर्जर समाज इस आन्दोलन को लेकर दोफाड़ हो गया है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घुसते ही आसमान में मंडराते चील-कौए-बाज आपका स्वागत करते मिलेंगे। बढ़ती जनसंख्या, बेतहाशा शहरीकरण और अंधाधुंध औद्योगिकीकरण ने दिल्ली के पर्यावरण को उसके पूरे पारिस्थितिकीय तंत्र को ध्वस्त कर दिया है। दिल्ली में मूलभूत समस्याओं आवास, यातायात, पानी व बिजली इत्यादि से निपटना अब चुनौती बन चुका है।

25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था। उसके राजनीतिक, सामाजिक और तात्कालिक कारण क्या थे, यह बहुत लंबा विषय है और फिलहाल प्रसंग भी नहीं है, लेकिन उसके बाद आपातकाल एक मुहावरा बन गया। हम उसी मुहावरे की भाषा में बात कर रहे हैं। जब भी सरकारों या पुलिस ने तानाशाही और अलोकतांत्रिक रवैया अपनाया है, उन स्थितियों को ‘अघोषित आपातकाल’ करार दिया जाता रहा है।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित नवीनतम मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड में बेरोज़गारी दर 2004-2005 में 2.1 प्रतिशत से बढ़कर 2017-2018 में 4.2 प्रतिशत थी जो राज्य सरकार के लिए चिन्ता का विषय है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि उच्च बेरोज़गारी दर के पीछे सरकारी व निजी क्षेत्रों में रोज़गार के पर्याप्त अवसर पैदा करने में राज्य की अक्षमता है।

मध्य प्रदेश में चीनी सामान का इस दिवाली पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक विरोध हो रहा है। बाजार में उपभोक्ता स्वयं ही दुकानों में सावधानीपूर्वक खरीदारी कर रहे हैं और दुकानदार से यह पूछने में जरा भी गुरेज नहीं कर रहे कि यह सामान चाइनीज तो नहीं ? इसका असर यह है कि दुकानदार भी चीनी सामान से अपनी दुकान सजाने में अब तौबा करते देखे जा रहे हैं।

बीते 26 अक्टूबर को हरियाणा के बल्लभगढ़ के अग्रवाल स्कूल में पढ़ने वाली बीकॉम फाइनल की स्टूडेंट निकिता तोमर के अपहरण के प्रयास में असफल होने पर दो सिरफिरे आशिकों तौसीफ और रेहान ने सरेआम गोली मारकर निकिता की हत्या कर दी। मृतक निकिता के भाई और पिता ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में खुलासा किया कि निकिता को इस्लाम धर्म अपनाकर शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था।

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