कंगना, शिवसेना, उद्धव ठाकरे, राजनीति और बुलडोज़र
Written by मयंक चतुर्वेदी रविवार, 13 सितम्बर 2020 13:35अभिनेत्री कंगना रनोट ने मुंबई में रहने को लेकर एक प्रश्न खड़ा किया था कि अब मुंबई सेफ नहीं है। कंगना के ट्वीट में सवाल किया था कि मुंबई धीरे धीरे ‘पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर’ क्यों लगने लगी है, यह प्रश्न कितना सही है अथवा नहीं, इस पर चर्चा होनी ही चाहिए थी, इससे किसी को कोई परहेज भी नहीं होगा, कई फिल्मी हस्तियों की ओर से कंगना रनौत की आलोचना की गई.
कलेक्टर का पद हौआ :- पदनाम बदलने की बजाय अधिकार कम करें
Written by लिमटी खरे रविवार, 13 सितम्बर 2020 13:26किसान हलाकान रहे, बेरोजगारों को रोजगार की तलाश में खाक छाननी पड़ती रही, शिक्षा का स्तर बहुत निम्न पर पहुंच गया, स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटीलेटर पर दिखाई देने लगीं, उद्योग जगत की सांसें फूलती रहीं, न जाने क्या क्या चलता रहा देश के हृदय प्रदेश में, पर इनकी चिंता करने के बजाए कांग्रेस सरकार के द्वारा जिलों के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर का पदनाम बदलने की कवायद की गई, इसके लिए समिति का गठन भी कर दिया गया।
ई-मीडिया, डाटा युद्ध और कठपुतली बनी हुई जनता...
Written by संदीप प्रसाद रविवार, 13 सितम्बर 2020 13:16कुछ सालों के अंदर सोशल मीडिया के चलन में बहुत बढ़त हुई है। गूगल, फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम ने सारी दुनियाँ से स्त्री-पुरुष, बेरोजगार-रोजगार हर तपके और उम्र के लोगों को अपनी ओर खींचा है। सब अपने-अपने तरीके और स्तर से इस क्षेत्र में अपनी आजमाईश कर रहे हैं। तकनीक जगत में लगातार बनते नित नए रास्ते इस क्षेत्र की सीमाओं को और भी बढ़ाए जा रहे हैं।
हरमंदिर साहब की नींव मियाँ मीर ने नहीं रखी :- इतिहास और तथ्य
Written by राजेन्द्र सिंह मंगलवार, 08 सितम्बर 2020 19:44यह उल्लेखनीय है कि सिक्ख इतिहास के मूल स्रोतों में यही बताया गया है कि श्री हरिमन्दिर की नींव स्वयं श्रीगुरु अर्जुनदेव ने अपने कर-कमलों से रक्खी थी। बहुत बाद में यह बात उड़ा दी गई कि यह नींव श्री पंचम गुरु जी ने नहीं बल्कि मुसलमान पीर-फ़क़ीर या दरवेश शेख मुहम्मद मियां मीर ने रक्खी थी। वस्तुत: इस उत्तरवर्ती उड़ाई बात में कोई सार नहीं है। यहां यह विचारणीय है कि मियां मीर द्वारा श्री हरिमन्दिर की नींव रखने की इस निराधार और झूठी बात को किसने पहले-पहल तूल देकर उड़ाया।
कोरोना के बहाने हरियाणा में सरकारी नौकरियों पर रोक क्यों??
Written by सत्यवान सौरभ मंगलवार, 08 सितम्बर 2020 19:33हरियाणा राज्य के घर-घर में 5 तारीख़ को शिक्षक दिवस के दिन शाम को 5 बजे 5 मिनट के लिए ताली, थाली या घंटी बजी. राज्य का हर बेरोज़गार युवा और उनके समर्थन में लोग छतों पर दिखे. क्या सरकारी भर्तियों के लिए अब इस मुहीम में सारा भारत एक साथ उतरेगा और उसी भाषा में अपनी बात सरकार तक पहुंचाएगा जिस भाषा में सरकार समझती है l
कोरोना संकट समाप्ति के बाद भी दिक्कत जारी रहेगी...
Written by निरंजन परिहार मंगलवार, 08 सितम्बर 2020 19:14हमारे हिंदुस्तान में अब बहुत कुछ पहले जैसा नहीं होगा। बहुत कुछ बदल गया है। एकदम उलट हालात में चला गया है। फिर भी आपको, अगर लग रहा हो कि फिर से वही पुरानेवाले दिन आ जाएंगे। सब कुछ पहले जैसा होगा। जीना आसान होगा और हालात सुधरेंगे। तो भूल जाइए। कम से कम 5 साल तक तो यह सब दिमाग से बिल्कुल ही निकाल दीजिए कि जिंदगी फिर से ठीक ठाक हो जाएगी।
गाँधी परिवार के अधिनायकवाद के खिलाफ उठने लगी आवाज़
Written by विनोद कुमार सर्वोदय मंगलवार, 08 सितम्बर 2020 19:08आज देश का सबसे पुराना राष्ट्रीय राजनैतिक दल कांग्रेस एक परिवार की भक्ति के दुष्परिणाम से आहत हो रहा हैं। लेकिन भूल सुधार करते हुए पिछ्ले दिनों कुछ प्रथम पंक्ति के कांग्रेस के नेताओं के साथ ही कुछ अन्य वरिष्ठ कांग्रेस जनों ने एक पत्र लिख कर कांग्रेस हाई कमान को सच्चाई का सामना करने के लिये झकझोर दिया है। लगभग सभी समाचार पत्रों में वरिष्ठ पत्रकारों के बडे-बडे लेख आने से अधिनायकवादी सोनिया परिवार संकट में आ गया हैं। इस वर्ण संकर परिवार का वर्षो पुराना अहंकार सम्भवत: अब टूटने जा रहा हैं।
राहुल चाहें तो छः घंटे में नया काँग्रेस अध्यक्ष बन जाए...
Written by रामकिशोर उपाध्याय सोमवार, 07 सितम्बर 2020 20:08पार्टी के आग्रह को मानते हुए सोनिया जी ने अगले छह माह तक कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष बने रहना स्वीकार कर लिया है | अब प्रश्न यह है कि छह माह में कांग्रेस क्या कोई नया अध्यक्ष ढूँढ पाएगी ? कांग्रेस पार्टी का इतिहास बताता है कि वहाँ पिछले सौ वर्षों से गाँधी-नेहरू परिवार के सदस्य या उनके प्रतिनिधि स्थाई अध्यक्ष के रूप में स्वीकार किये जाते रहे हैं | यद्यपि परिवार की सहमति के बिना भी कुछ प्रभावशाली लोग अध्यक्ष बने, किन्तु वे अधिक समय तक टिक नहीं पाए | पार्टी संगठन के भीतर भी परिवार का अपना संगठन है जो सभी को नियंत्रित करता है | गाँधी परिवार पर मुखर होने वाले के लिए पार्टी में बाहर जाने का मार्ग खोल दिया जाता है |
"दलित" कौन हैं? यह शब्द कहाँ से आया? -- तथ्य एवं इतिहास जानें
Written by डॉक्टर विवेक भटनागर सोमवार, 07 सितम्बर 2020 13:33कहा जाता है कि पुष्यमित्र शुंग के काल में ब्राह्मण और दलित जैसा विभाजन था, जबकि यह विभाजन मुसलमानों और अंग्रेजों की देन है। उन्होंने अपने समय में जो हमारी पुस्तकों से खिलवाड़ किया और हमारे समाज की वर्ण व्यवस्था को समझ नहीं सके। मुसलमानों को शेख सैयद, मुगल व पठान जैसे विशेषणों वाली जाती व्यवस्था की आदत थी और अंग्रेजों में स्टूअर्ट, बार्बू, हेनरी और हॉनऑवर जैसी उच्च जाति व्यवस्था की।
जनसँख्या नियंत्रण क़ानून जरूरी क्यों?? -- तथ्य, तर्क और आँकड़े
Written by अश्विनी उपाध्याय रविवार, 06 सितम्बर 2020 18:29हजारों वर्ष पूर्व भगवान राम ने 'बहुविवाह' और 'जनसंख्या विस्फोट' पर रोक लगाया था और एक 'समान नागरिक संहिता' और ‘हम दो-हमारे दो’ नीति लागू की थी. जनता को स्पष्ट संदेश देने के लिए भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन ने स्वयं ‘हम दो-हमारे दो’ नियम का पालन किया था जबकि उस समय जनसँख्या विस्फोट की समस्या इतनी खतरनाक नहीं थी. वर्तमान समय में जनसँख्या विस्फोट भारत के लिए बम विस्फोट से भी अधिक खतरनाक है. जब तक 2 करोड़ बेघरों को घर दिया जायेगा तब तक 10 करोड़ बेघर और पैदा हो जायेंगे इसलिए जनसंख्या विस्फोट रोकना बहुत जरूरी है.