भारत के आज के दलित विमर्श को समझना हो तो आपको वर्ष 1930 से पहले के लिखी पुस्तकों को पढऩा चाहिए। इससे हमें पता चलता है कि वर्ष 1750 से 1900 के बीच भारत की जीडीपी विश्व जीडीपी का 25 प्रतिशत से घटकर मात्र 2 प्रतिशत बचती है और जिसके कारण 800 प्रतिशत लोग बेरोजगार और बेघर हो जाते हैं।

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