मंगलवार, 19 सितम्बर 2017 20:05
सुन प्रशांत भूषण... हिन्दुस्तान हमारे बाप का ही है
पुराने ज़माने में राजा महाराजा अपने साथ एक भाट(कवि) अवश्य रखते थे. जो हमेशा उनके साथ मौजूद रहते थे. उनका काम था राजा की प्रशंसा में कविता लिखना. इससे होता कुछ नहीं था, बस राजाओ के अहम् को संतुष्टि मिलती थी. इसके एवज में उन्हें बेशुमार दौलत मिलती थी.
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शुक्रवार, 15 सितम्बर 2017 08:22
रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी, अर्थात कुत्ते की पूँछ : ज़ोया मंसूरी
सन 1948 में इज़राइल और अरब देशों बीच हुए युद्ध में सात लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी मुसलमान बेघर होकर सीरिया और पाकिस्तान जैसे देशों की ओर पलायन कर गए थे. ये दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी समस्या थी जो आज भी उतनी ही बड़ी है.
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