मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है क्योंकि सार्वजनिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के एक साधन के रूप में तथा देश के लोकतान्त्रिक चरित्र का प्रचार-प्रसार करने में मीडिया की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है. यह एक तथ्य है कि मीडिया समाज के सभी सदस्यों को सूचना देता है, जागरूक बनाता है और लोकतान्त्रिक मूल्यों का विस्तार करता है या कहे कि नागरिकों को सशक्त बनाता है.

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किसी भी सरकार में वित्त, रक्षा, गृह और विदेश मंत्रालय के बाद दो सबसे महत्त्वपूर्ण मंत्रालय होते हैं, मानव संसाधन और सूचना प्रसारण मंत्रालय (Information and Broadcasting Ministry). पिछली सरकारों खासकर वामपंथ समर्थित काँग्रेस सरकारों ने इन दोनों ही मंत्रालयों का जनता को अपने पक्ष में मोड़ने, तथा पाठ्यक्रमों व इतिहास में मनमाने बदलाव करके ब्रेनवॉश करने के लिए बेहतरीन उपयोग किया है.

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