जब से भारत में अंग्रेजों का आगमन हुआ तब से ही उन्होंने भारत की बहुसंख्यक हिन्दू आबादी को वर्गों में बांटकर वर्ग निर्माण के प्रयत्न शुरु कर दिये थे। आवश्यक था कि इसके लिए परिवारों की आपसी एकता को छिन्न-भिन्न किया जाता। यही सोचकर अंग्रेजों ने भारत में महिला और पुरुष के नाम पर अलग अलग अधिकारों की कूटनीतिक संरचना शुरु कर दी।

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