शनिवार, 12 अगस्त 2017 20:18
गणेशोत्सव से लोकमान्य बाहर : जातिवाद और डरपोक भाजपा
गणेशोत्सव जैसा ऊर्जावान और रंगीला त्यौहार बस कुछ ही दिनों दूर है. हम लोगों ने बचपन से अपनी पाठ्यपुस्तकों में पढ़ा है कि अमर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अर्थात बाल गंगाधर लोकमान्य तिलक जी ने अंग्रजों से मुकाबला करने हेतु देश की जनता को एकत्रित करने के उद्देश्य से गणेशोत्सव को “सार्वजनिक” बनाने की पहल की और सबसे पहले 1893 में पुणे में तिलक ने दस दिवसीय गणेशोत्सव मनाने की शुरुआत की.
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