"दमदमे में दम नहीं अब ख़ैर मांगों जान की
ऐ ज़फर अब हो चुकी शमशीर हिंदुस्तान की।"

बहादुरशाह जफ़र जब गिरफ्तार किये गए, तो उर्दू जानने वाले एक अंग्रेज़ी पुलिस अफसर फिलिप ने गिरफ्तार बादशाह-ए-हिन्द पर तंज कसते हुए यह शेर कहा था।

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