ग्राहक “सही उत्पाद” की तलाश करते-करते साईट-दर-साईट भटकते हुए बुरी तरह त्रस्त हो जाता है. इस समस्या का एक नवोन्मेषी एवं शानदार आईडिया लेकर आई है www.ReadyViews.com नाम की स्टार्ट-अप.. इस कम्पनी की वेबसाईट आपको “सबसे बेहतर” चुनने में मदद करती है, और इस चुनाव की प्रक्रिया गणितीय होते हुए भी ग्राहक के लिए बेहद सरल और सटीक रखी गई है, ताकि ग्राहक को वही मिले जो सबसे उत्तम हो. आईये संक्षेप में देखते हैं कि आखिर इस का नवोन्मेषी विचार क्या है और यह कैसे काम करती है.

मोदी के विरोध और वामपंथ-मुस्लिम मानसिकता से ग्रस्त JNU विवि, अफज़ल गूरू के समर्थन में "देशद्रोह" के स्तर तक पहुँच जाएगा, किसी ने सोचा नहीं था... पढ़िए इस विवि से निकलने वाली घटिया राजनीति, और वैचारिक ज़हर की पड़ताल करती रिपोर्ट...

इस्लाम में तमाम तरह की ऊँच-नीच और जाति प्रथा होने के बावजूद अपना घर सुधारने की बजाय, उन्हें हिन्दू दलितों की “नकली चिंता” अधिक सताती है. विभिन्न फोरमों एवं सोशल मीडिया में असली-नकली नामों तथा वामपंथी बुद्धिजीवियों के फेंके हुए बौद्धिक टुकड़ों के सहारे ये मुस्लिम बुद्धिजीवी हिंदुओं में दरार बढ़ाने की लगातार कोशिश करते रहते हैं. जबकि इनके खुद के संस्थानों में इन्होंने दलितों के लिए दरवाजे बन्द कर रखे हैं.

दुनिया में कभी भी, कुछ भी “मुफ्त” नहीं होता, “मुफ्त” नहीं मिलता यह एक सर्वमान्य सिद्धांत है जो हम भारतवासी अक्सर भूल जाते हैं. जब Internet.org की योजनाओं का गहराई से विवेचन किया गया तब पता चला कि वास्तव में यह योजना “इंटरनेट रूपी टॉफी की लत लगे हुए भारतीयों के लिए” उस ठग का एक मायाजाल ही है.

केजरीवाल क्रोध में इतने अंधे हो गए कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद की गरिमा को किनारे रखते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुने हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “कायर” और “मनोरोगी” तक कह डाला (यही वह केजरीवाल थे, जो कुछ दिनों पहले भाजपा को “असहिष्णुता” के मुद्दे पर लेक्चर दे रहे थे). किसी को समझ नहीं आया कि आखिर केजरीवाल के इतना बिलबिलाने की वजह क्या थी.

चोर मचाए शोर :- नेशनल हेराल्ड मामला

Written by गुरुवार, 31 दिसम्बर 2015 10:51

"नेशनल हेराल्ड" भ्रष्टाचार मामले में डॉक्टर स्वामी ने सोनिया-राहुल को जकड़ रखा है... डॉक्टर स्वामी जिसके पीछे पड़ जाते हैं, उसका राजनैतिक जीवन समाप्त हो जाता है... इस बारे में विस्तार से पूरी रिपोर्ट पढ़िए... 

SGFX फाईनेंस और शरद पवार का रहस्य...

Written by मंगलवार, 01 दिसम्बर 2015 12:58

शरद गोविंदराव पवार, अर्थात जिन्हें भारत की जनता शरद पवार यानी NCP के सर्वेसर्वा, भूतपूर्व कृषि मंत्री, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, बारामती के शुगर किंग एवं क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड तथा ICC के अध्यक्ष वगैरह-वगैरह-वगैरह के नाम से जानती है, ऐसे महान और बुद्धिमान व्यक्ति को कुछ “फ्रॉड टाईप”(??) के व्यक्तियों ने ब्रिटेन की एक रहस्यमयी कंपनी SGFX में बोर्ड सदस्य बना लिया और पवार साहब को पता भी नहीं चला, यानी ऐसे चमत्कार भी कभीकभार हो जाते हैं.

मुस्लिम वोट बैंक के लिए काँग्रेस द्वारा खामख्वाह टीपू सुलतान की जयंती मनाने के भद्दे विवाद के समय प्रसिद्ध लेखक एवं कलाकार गिरीश कर्नाड ने भी अपनी कथित “सेकुलर उपयोगिता” को दर्शाने एवं अपने महामहिमों को खुश करने के लिए एक बयान दिया था कि बंगलौर के अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम केम्पेगौडा टर्मिनल से बदलकर टीपू सुलतान के नाम पर कर दिया जाना चाहिए. हालाँकि एक दिन में ही गिरीश कर्नाड को अक्ल आ गई और वे अपने बयान से पलट गए. ऐसा क्यों हुआ, यह हम लेख में आगे देखेंगे.

तरक्की करने वाले किसी दूसरे देश में कैसे अधिकाधिक रोड़े उत्पन्न किए जा सकें अथवा उसकी तरक्की को कैसे धीमा अथवा पटरी से उतारा जा सके, इस हेतु अमेरिका-जर्मनी जैसे देशों ने विभिन्न देशों में अपने-अपने कई फर्जी और गुप्त संगठन तैयार कर रखे हैं. जिनके द्वारा समय-समय पर अलग-अलग पद्धति से उस देश में उनके हितसाधन किए जाते हैं. इस खेल को समझने के लिए आगे पढ़ें... 

मैं जानता हूँ कि शीर्षक देखकर आप चौंके होंगे, लेकिन यह सवाल है ही ऐसा. और यह सवाल करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि दिसम्बर 2015 के बाद ऐसा हो सकता है कि दिल्ली-मुम्बई-आजमगढ़-कटिहार से लेकर भारत के किसी भी शहर में आपकी बेटी, या बीवी या बहू के आसपास ही “निर्भया” का बलात्कारी बैठा हो, उनसे बातें कर रहा हो. यह बात मैं आपको डराने के लिए नहीं कर रहा हूँ, बल्कि भारत के वर्तमान कानूनों एवं कथित मानवाधिकारवादियों के समाज-विरोधी कारनामों की वजह से पैदा हुई स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कह रहा हूँ...