उमर अब्दुल्ला, कश्मीर के “पत्थर-फ़ेंकू” गिरोह को सरकारी नौकरी और राहत पैकेज देंगे…… Umar Abdullah, Kashmir Stone Pelters, Subsidy
Written by Super User सोमवार, 22 मार्च 2010 12:59
जम्मू कश्मीर सरकार जल्दी ही एक शासकीय नीति के तहत भारतीय सुरक्षा बलों, नागरिकों और दंगों के समय “पत्थर” फ़ेंकने वाले “गुमराह लड़कों”(??) के पुनर्वास के लिये नीति बना रही है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जल्दी ही इस सम्बन्ध में विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया जायेगा, ताकि इन “भटके हुए नौजवानों” (??) को नौकरी या रोज़गार दिया जा सके (यह खबर अब पुरानी हो चुकी है कि कश्मीर के जेहादी संगठन इन युवकों को रोज़ाना 100-200 रुपये की दिहाड़ी देते हैं, और इनका काम सिर्फ़ पत्थरबाजी करना होता है)।
इन लड़कों में से कुछेक गिरफ़्तार हैं और अधिकतर फ़रार हैं, लेकिन अमरनाथ ज़मीन मसला हो या नीलोफ़र बलात्कार मामला, अचानक ही झुण्ड के झुण्ड गलियों में से निकलकर पत्थर फ़ेंकने में ये “गुमराह लड़के” सबसे आगे रहते हैं। सोनिया “गाँधीवादी” सरकार ने दया दिखाते हुए कहा है कि, इन लड़कों को नौकरी, लोन, राहत पैकेज या ज़मीन देगी जिससे ये नवयुवक स्वरोज़गार में संलग्न हो सकें (यानी पत्थरों की फ़ैक्ट्री लगा सकेंगे)। पिछले माह इस पत्थर-फ़ेंकू गैंग द्वारा जो “गुमराह” टाइप का काम किया था, उसमें कार में बैठी एक महिला घायल हुई थी तथा उसकी गोद में 11 माह का बच्चा इनके पत्थर से मारा गया। “बाय द वे”, बरेली (बरेली इसलिये कहा क्योंकि यह सबसे ताजा मामला है) समेत देश के प्रत्येक दंगे के समय इस “पत्थर-फ़ेंकू” गिरोह के कुछ “गुमराह युवक”(?) अपनी “डिस्ट्रीब्यूटरशिप” और “फ़्रेंचाइजी” चलाते हैं… कौन कहता है भारत में करियर ऑप्शन कम हैं? दुष्यन्त भी स्वर्ग में करवटें बदल रहे होंगे यह सोचकर कि मैंने ऐसा क्यों लिखा कि “एकाध पत्थर तबियत से तो उछालो यारों…”, अब उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस ने इसे एक “करियर ऑप्शन” बना दिया है, पत्थर फ़ेंको, पैकेज लो…।
और भाईयों-बहनों, “भटके हुए मासूम नवयुवक” तो कुछ भी कर सकते हैं, जामिया में पढ़ो, बाटला हाउस में रुको, गोलियाँ चलाओ, राहत पैकेज लो… (दिक्कत सिर्फ़ यही हुई कि शहीद मोहनचन्द्र शर्मा समझ नहीं पाये कि गुमराहों को कौन सा पैकेज देना है, सो उन्होंने बाटला हाउस में “अलग किस्म” का पैकेज दे दिया)।
बहरहाल, “भटके हुए नौजवान” ऐसी हरकत करते हैं कभी-कभी…। हाल ही में चिदम्बरम साहब और कश्मीर की सरकार ने आतंकवाद से निपटने का एक और नायाब तरीका निकाला, जिसके अनुसार पाकिस्तान की तरफ़ भाग चुके आतंकवादियों को वापस बुलाकर उन्हें घाटी में बसाने का इरादा है (यानी महात्मा गाँधी वाला हृदय परिवर्तन का फ़ण्डा)…। खैर, अब राष्ट्रीय हित में (कांग्रेस जो भी करती है राष्ट्रीय हित में ही होता है) हमारा फ़र्ज़ बनता है कि हम लगातार कांग्रेस को चुनते रहें और अपना टैक्स समय पर अदा करते रहें ताकि उन पैसों से कांग्रेस, नेशनल कान्फ़्रेंस और मुफ़्ती मोहम्मद बाप-बेटी जैसे लोग मिलकर कश्मीर में सबसिडी खाते रहें और हमारी छाती पर बोझा और बढ़ाते चले जायें…। (जल्दी ही सरकार "1411 बाघ बचे हैं" की तर्ज पर विज्ञापन निकालने वाली है, "कश्मीर में कुछेक हिन्दू बचे हैं, उन्हें भगाने के लिये POK से आतंकवादी आमंत्रित हैं)
अब सारी दुनिया को पता है कि भारत जैसे महान देश में “गुमराह”, “भटके हुए” और तथाकथित “मासूम” नवयुवकों (यानी कसाब जैसे) के “पिछवाड़े” लाल-नीले करने की बजाय, उन्हें “राहत पैकेज” दिये जाते हैं, तब भी हम कुछ सीखने को तैयार नहीं हैं…। तात्पर्य यह कि हिन्दुओं को कुछ नहीं आता, न तो ये वोटिंग के समय ठीक से एकजुट हो सकते हैं, न ही ठीक से “एकजुट गुमराह” हो सकते हैं… लानत है लानत!!!
वैसे, 31 मार्च नज़दीक आ रहा है, इनकम टैक्स जरूर भर दीजियेगा… कश्मीर के राहत पैकेज में कमी नहीं आनी चाहिये… हम तो एक रोटी कम खा लेंगे, लेकिन एके-47 उठाये घूमने वाले, बम लगाने वाले और अब पत्थर फ़ेंकने वाले “मासूम” नौजवानों का पेट भरा रहे… बस!!! भई, आखिर गाँधीवाद और सहिष्णुता भी कोई चीज़ है कि नहीं… और इन सबका बाप, “सेकुलरिज़्म” तो छुट्टे सांड की तरह घूम ही रहा है पूरे देश में…
खबर का स्रोत इधर है –
http://in.news.yahoo.com/43/20100319/812/tnl-jammu-and-kashmir-government-to-reha.html
Terrorism in Kashmir, Jihad in Kashmir, Subsidy to Kashmir, Umar Abdullah and Mufti Sayeed, Mehbooba Mufti and Relation of Terror, Congress and Pseudo-Secularism, Special Package to Kashmir, कश्मीर में आतंकवाद, कश्मीर में जेहाद, कश्मीर को सबसिडी, उमर अब्दुल्ला, मुफ़्ती मोहम्मद सईद, महबूबा मुफ़्ती, नकली सेकुलरिज़्म और कांग्रेस, PDP और आतंकवाद, पाकिस्तान और कश्मीर में आतंकवाद, कश्मीर का राहत पैकेज और भारतीय करदाता, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
(चित्र - कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पथराव करते "मासूम" नौजवान)
इन लड़कों में से कुछेक गिरफ़्तार हैं और अधिकतर फ़रार हैं, लेकिन अमरनाथ ज़मीन मसला हो या नीलोफ़र बलात्कार मामला, अचानक ही झुण्ड के झुण्ड गलियों में से निकलकर पत्थर फ़ेंकने में ये “गुमराह लड़के” सबसे आगे रहते हैं। सोनिया “गाँधीवादी” सरकार ने दया दिखाते हुए कहा है कि, इन लड़कों को नौकरी, लोन, राहत पैकेज या ज़मीन देगी जिससे ये नवयुवक स्वरोज़गार में संलग्न हो सकें (यानी पत्थरों की फ़ैक्ट्री लगा सकेंगे)। पिछले माह इस पत्थर-फ़ेंकू गैंग द्वारा जो “गुमराह” टाइप का काम किया था, उसमें कार में बैठी एक महिला घायल हुई थी तथा उसकी गोद में 11 माह का बच्चा इनके पत्थर से मारा गया। “बाय द वे”, बरेली (बरेली इसलिये कहा क्योंकि यह सबसे ताजा मामला है) समेत देश के प्रत्येक दंगे के समय इस “पत्थर-फ़ेंकू” गिरोह के कुछ “गुमराह युवक”(?) अपनी “डिस्ट्रीब्यूटरशिप” और “फ़्रेंचाइजी” चलाते हैं… कौन कहता है भारत में करियर ऑप्शन कम हैं? दुष्यन्त भी स्वर्ग में करवटें बदल रहे होंगे यह सोचकर कि मैंने ऐसा क्यों लिखा कि “एकाध पत्थर तबियत से तो उछालो यारों…”, अब उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस ने इसे एक “करियर ऑप्शन” बना दिया है, पत्थर फ़ेंको, पैकेज लो…।
और भाईयों-बहनों, “भटके हुए मासूम नवयुवक” तो कुछ भी कर सकते हैं, जामिया में पढ़ो, बाटला हाउस में रुको, गोलियाँ चलाओ, राहत पैकेज लो… (दिक्कत सिर्फ़ यही हुई कि शहीद मोहनचन्द्र शर्मा समझ नहीं पाये कि गुमराहों को कौन सा पैकेज देना है, सो उन्होंने बाटला हाउस में “अलग किस्म” का पैकेज दे दिया)।
बहरहाल, “भटके हुए नौजवान” ऐसी हरकत करते हैं कभी-कभी…। हाल ही में चिदम्बरम साहब और कश्मीर की सरकार ने आतंकवाद से निपटने का एक और नायाब तरीका निकाला, जिसके अनुसार पाकिस्तान की तरफ़ भाग चुके आतंकवादियों को वापस बुलाकर उन्हें घाटी में बसाने का इरादा है (यानी महात्मा गाँधी वाला हृदय परिवर्तन का फ़ण्डा)…। खैर, अब राष्ट्रीय हित में (कांग्रेस जो भी करती है राष्ट्रीय हित में ही होता है) हमारा फ़र्ज़ बनता है कि हम लगातार कांग्रेस को चुनते रहें और अपना टैक्स समय पर अदा करते रहें ताकि उन पैसों से कांग्रेस, नेशनल कान्फ़्रेंस और मुफ़्ती मोहम्मद बाप-बेटी जैसे लोग मिलकर कश्मीर में सबसिडी खाते रहें और हमारी छाती पर बोझा और बढ़ाते चले जायें…। (जल्दी ही सरकार "1411 बाघ बचे हैं" की तर्ज पर विज्ञापन निकालने वाली है, "कश्मीर में कुछेक हिन्दू बचे हैं, उन्हें भगाने के लिये POK से आतंकवादी आमंत्रित हैं)
अब सारी दुनिया को पता है कि भारत जैसे महान देश में “गुमराह”, “भटके हुए” और तथाकथित “मासूम” नवयुवकों (यानी कसाब जैसे) के “पिछवाड़े” लाल-नीले करने की बजाय, उन्हें “राहत पैकेज” दिये जाते हैं, तब भी हम कुछ सीखने को तैयार नहीं हैं…। तात्पर्य यह कि हिन्दुओं को कुछ नहीं आता, न तो ये वोटिंग के समय ठीक से एकजुट हो सकते हैं, न ही ठीक से “एकजुट गुमराह” हो सकते हैं… लानत है लानत!!!
वैसे, 31 मार्च नज़दीक आ रहा है, इनकम टैक्स जरूर भर दीजियेगा… कश्मीर के राहत पैकेज में कमी नहीं आनी चाहिये… हम तो एक रोटी कम खा लेंगे, लेकिन एके-47 उठाये घूमने वाले, बम लगाने वाले और अब पत्थर फ़ेंकने वाले “मासूम” नौजवानों का पेट भरा रहे… बस!!! भई, आखिर गाँधीवाद और सहिष्णुता भी कोई चीज़ है कि नहीं… और इन सबका बाप, “सेकुलरिज़्म” तो छुट्टे सांड की तरह घूम ही रहा है पूरे देश में…
खबर का स्रोत इधर है –
http://in.news.yahoo.com/43/20100319/812/tnl-jammu-and-kashmir-government-to-reha.html
Terrorism in Kashmir, Jihad in Kashmir, Subsidy to Kashmir, Umar Abdullah and Mufti Sayeed, Mehbooba Mufti and Relation of Terror, Congress and Pseudo-Secularism, Special Package to Kashmir, कश्मीर में आतंकवाद, कश्मीर में जेहाद, कश्मीर को सबसिडी, उमर अब्दुल्ला, मुफ़्ती मोहम्मद सईद, महबूबा मुफ़्ती, नकली सेकुलरिज़्म और कांग्रेस, PDP और आतंकवाद, पाकिस्तान और कश्मीर में आतंकवाद, कश्मीर का राहत पैकेज और भारतीय करदाता, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
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