फैजाबाद-अयोध्या के आसपास सौ किमी की अर्थव्यवस्था में देश भर से आए राम श्रद्धालुओं के कारण कितना जबरदस्त उछाल आएगा... इसके सामने ताजमहल जैसे "मनहूस मकबरे" से होने वाली कमाई पासंग भर भी नहीं ठहरेगी...
संक्षेप में तात्पर्य यह है कि यदि उत्तरप्रदेश के लोग यूपी का आर्थिक उत्थान देखना चाहते हैं तो जात-पाँत-धर्म को पीछे छोड़कर भव्य राम मंदिर के लिए मार्ग प्रशस्त करने का दबाव सरकारों पर बनाएँ... इसी में सभी का फायदा है... यदि इतनी सीधी सी बात समझ में नहीं आती तो फिर चुपचाप बैठे कुढ़ते रहिएगा कि अगले दस वर्ष बाद सरदार पटेल की उस विराट मूर्ति से गुजरात कैसे और कितनी कमाई करेगा... "धार्मिक पर्यटन" कोई मामूली बात नहीं है, होटल, सड़कें, भोजनालय, हार-फूल-प्रसाद, गाईड सहित दर्जनों काम-धंधे जुड़े होते हैं...
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सेकुलर-प्रगतिशील-वामपंथी मूर्खों की बातों में आकर पहले ही राम मंदिर निर्माण में काफी देर हो चुकी है. अब आगे उत्तरप्रदेश वालों की मर्जी...