Tarun Tejpal, Secularism, Intellectual and Feminist Gang... Few Random Thoughts
Written by Super User सोमवार, 25 नवम्बर 2013 21:18तरुण तेजपाल, सेक्यूलरिज्म, प्रगतिशील "गैंग" और नारीवादी "गिरोह"...
मेरे फेसबुक पर कुछ छितरे-बिखरे विचार...सेक्यूलर गैंग की सदस्या, और "आज की तारीख में सबसे बड़े नैतिक अखबार" तहलका, की पत्रकार निशा सूसन का "पिंक चड्डी अभियान" तो आपको याद ही होगा ना...??.. मंगलोर के एक पब में दारू पीती और छिछोरी हरकतें करती लडकियों पर हमला करने के जुर्म में वामपंथी-प्रगतिशील गिरोह ने, श्रीराम सेना के बहाने समूचे हिन्दू समाज को बदनाम करने तथा श्रीराम सेना और ABVP को "हिन्दू तालिबान" के नाम से पुकारने का काम किया था...
लेकिन आज यही "गिरोह" (त)हलके तरुण तेजपाल को बचाने के लिए तर्क गढ़ रहा है, उसके जुर्म को हल्का साबित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है... उसे गिरफ्तारी से बचाने के लिए बड़े महँगे वकील लाईन लगाए खड़े हैं..
स्टिंग ऑपरेशन में अपनी इज्जत गँवा चुकी AAP पार्टी की शाजिया भी इसके पक्ष में बोल चुकी हैं... केजरीवाल का तो खैर इतिहास ही नक्सलियों और कश्मीरी अतिवादियों के समर्थन का रहा है... इन "तथाकथित ईमानदारों" ने कभी भी यह मांग नहीं की थी कि स्वामी नित्यानंद की फर्जी सीडी का Raw फुटेज जाँचा जाए... नारीवादी होने का ढोंग रचने वाली "पिंक चड्डी सूसन" ने कभी यह मांग नहीं की थी कि अभिनेत्री रंजीता की निजता और स्वाभिमान का ख्याल रखा जाना चाहिए...
तात्पर्य यह है कि यदि आप सेक्यूलर हैं, वामपंथी हैं, यदि आपने संघ-भाजपा-हिंदुत्व के खिलाफ कुछ काम किया है, तो न सिर्फ आपके बलात्कार-डकैती के जुर्म माफ होंगे, बल्कि आपको बचाने के लिए पूरा गिरोह अपनी ताकत झोंक देगा...
क्या आप अब भी हिंदुत्व के पक्ष में खड़ा होना चाहेंगे???
=====================
आपने सिर्फ लड़की का पक्ष सुना है... तरुण तेजपाल को भी उसका पक्ष रखने का मौका देना चाहिए... - शोमा चौधरी
- (लेकिन यह नियम किसी भी हिन्दू संत पर लागू नहीं होगा)
एक से बढ़कर एक "सेकुलर", इस छिछोरे तेजपाल के बचाव में फूहड़ और बचकाने तर्क लेकर आ रहे हैं... वाकई... यदि किसी "पत्रकार"(??) या "पुलिस अधिकारी"(??) ने भाजपा और मोदी के खिलाफ बहुत काम किया हो, तो उसे बलात्कार और डकैती की छूट मिल जाती है... उसके बचाव में पूरी "गैंग" जाती है....
====================
खैर... देखते हैं कि आखिर इसकी गिरफ्तारी कब होती है, और कब इसे मच्छरों से भरी हवालात की कोठरी में दस-बारह दिन जमीन पर सुलाया जाता है...
क्या जूदेव की आत्मा को शान्ति मिली होगी आज?? मित्रों को याद होगा कि मिशनरियों के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन चलाने वाले "असली जमीनी योद्धा" को भाजपा ने आजीवन राजनैतिक वनवास दिया था...
और ये "छिछोरा" माफी(??) मांगकर, छः महीने की पिकनिक मनाकर वापस लौटना चाहता है... लानत तो ये कि इसका "सेकुलर समर्थन" करने वाले भी बुद्धिजीवी भी दिखाई दे रहे हैं... शायद इन लोगों की निगाह में "बेटी की सहेली के साथ यौन शोषण" बड़ा मुद्दा नहीं है...
================
"तहलका" और "कोबरा पोस्ट" में इस समय कितनी महिला पत्रकार काम करती हैं?? यदि वे अब भी तेजपाल के खिलाफ अपना मुँह नहीं खोलतीं, तो मुझे उनके साथ सहानुभूति है...
================
"उच्च आदर्शों" और "नैतिकता" का ढोल पीट-पीटकर मामले की लीपा-पोती करने का आरम्भ तो हो चुका है... देखना बाकी है कि महिला आयोग कब अपना मुँह खोलता है और तेजपाल की गिरफ्तारी कब होती है...
"परिस्थितियों का गलत आकलन" तो दिल्ली की उस बस में चार दरिंदों ने भी किया था... उन्हें लगा था कि निर्भया और उसका ब्वाय फ्रेंड मर जाएंगे... तेजपाल ने भी "गलत आकलन" किया कि शायद "इतने महान पत्रकार" (हा हा हा हा) के खिलाफ लड़की अपना मुँह नहीं खोलेगी...
उन चारों को फाँसी की सजा (sorry... उनमें से एक "शांतिदूत" था, इसलिए नाबालिग निकल आया) हो गई और ये महाशय "अपने आंतरिक लोकपाल" के जरिये छः महीने की पिकनिक पर... लानत है.
================
गोवा पुलिस कहाँ हो तुम??? आओ ना... एक "सफेदपोश" तड़प रहा है तुम्हारी हवालात में आने को...
कोबरा पोस्ट और तहलका के मालिक तरुण तेजपाल तो एके सर से भी महान निकले... एके सर तो अपनी जाँच खुद के बनाए हुए आंतरिक लोकपाल से करवाते हैं, लेकिन तेजपाल ने खुद को छह माह का इस्तीफ़ा देकर "इतनी बड़ी" सजा भी दे डाली... वाह भाई नैतिकता हो तो ऐसी...
देखना तो यह है कि एक लड़की की कथित जासूसी पर, कथित "चिंता"(???) जताने वाले "कथित बुद्धिजीवी" और कथित नारीवादी संगठन(?) अपनी बेटी की उम्र की कन्या के साथ ऐसी हरकत करने वाले तेजपाल के साथ कैसा सलूक करते हैं...
#Tejpal
===============
जिनके घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरे घरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए और ना ही लाईट जलाकर कपड़े बदलने चाहिए...
Published in
ब्लॉग
Super User