मेरे चेन्नै ट्रांसफर के तीन महीने बाद पहली बार माता-पिता मेरे पास आए। यह जनवरी का महीना था। पोंगल के आसपास हमारी कांचीपुरम जाने की योजना बनी। चेन्नै से सड़क मार्ग से कांचीपुरम लगभग 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है। मुझे किसी ने बताया था कि गिंडी से कांचीपुरम के लिए बस मिल जाएगी।

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जो लोग घटनाओं पर निगाह बनाए रखते हैं, उन्हें इस बात की जानकारी अवश्य होगी कि कुछ माह पहले किस तरह से तमिलनाडु के थोठुकुदी स्थित भारत के सबसे बड़े तांबा निर्माण उद्योग अर्थात वेदांता समूह के स्टरलाईट इंडस्ट्रीज के सामने मजदूरों का प्रदर्शन हुआ था. यह प्रदर्शन आगे चलकर हिंसक भी हुआ और पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसमें कुछ मजदूर मारे गए. यह सारा आंदोलन एक वामपंथी NGO द्वारा प्रायोजित था, जिसने “पर्यावरण प्रदूषण” के नाम पर मजदूरों को भड़काया था. याद है ना??

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धनुषकोटि, भारतके दक्षिण-पूर्वी शेष अग्रभागपर स्थित हिन्दुआेंका यह एक पवित्र तीर्थस्थल है ! यह स्थान पवित्र रामसेतु का उद्गम स्थान है. ५० वर्षोंसे हिंदुओं के इस पवित्र तीर्थस्थल की अवस्था एक ध्वस्त नगर की भान्ति बनी हुई है. २२ दिसम्बर १९६४ के दिन इस नगर को एक चक्रवात ने पूरी तरह ध्वस्त किया.

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कुछ समय पहले उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान दिया था कि “ताजमहल को भारत की परम्परा और विरासत नहीं माना जा सकता”. जैसी कि उम्मीद थी, योगी आदित्यनाथ के इस बयान को लेकर “सेकुलरिज्म एवं वामपंथ” के नाम पर पाले-पोसे जाते रहे परजीवी तत्काल बाहर निकलकर विरोध प्रकट करेंगे.

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