भारतवर्ष अब शौचालय क्रान्ति (Swachchh Bharat Abhiyan) की ओर नए कदम बढा चुका है. शौचालय हर खास-ओ-आम व्यक्ति के जीवन का अभिन्न और अहम हिस्सा बन चुका है.

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सदियों से भारतीय ज्ञान एवं संस्कारों की एक महान परंपरा रही है. वेदों-पुराणों-ग्रन्थों सहित विभिन्न उत्सवों एवं सामान्य सी दिखाई देने वाली प्रक्रियाओं में भी हमारे ऋषि-मुनियों ने मनुष्य के स्वास्थ्य एवं प्रकृति के संतुलन का पूरा ध्यान रखा है.

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