शनिवार, 26 सितम्बर 2020 19:31
भारतीय मीडिया का संकीर्णतावाद और उसकी TRP भूख
मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है क्योंकि सार्वजनिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के एक साधन के रूप में तथा देश के लोकतान्त्रिक चरित्र का प्रचार-प्रसार करने में मीडिया की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है. यह एक तथ्य है कि मीडिया समाज के सभी सदस्यों को सूचना देता है, जागरूक बनाता है और लोकतान्त्रिक मूल्यों का विस्तार करता है या कहे कि नागरिकों को सशक्त बनाता है.
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मंगलवार, 23 जून 2015 14:11
मारीच राक्षस के भेष में है भारत का मीडिया...
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