मोबाईल के कारण आ रही भाषा विकृति
आजकल तकनीक का ज़माना है. हर व्यक्ति के हाथ में मोबाईल है, स्मार्टफोन है, लैपटॉप है, इंटरनेट है. इन आधुनिक उपकरणों के कारण संवाद और सम्प्रेषण की गति बहुत तेज हो गई है. पलक झपकते कोई भी सन्देश दुनिया के दुसरे छोर पर पहुँच जाता है. लेकिन यह स्पष्ट रूप से देखने में आ रहा है कि मोबाईल अथवा स्मार्टफोन के जरिये भेजे जाने वाले संदेशों में भाषा और व्याकरण की गंभीर त्रुटियाँ हो रही हैं. इस कारण न सिर्फ हिन्दी, बल्कि अंगरेजी भाषा भी भ्रष्ट और विकृत हो रही है. इस बीमारी का प्रमुख कारण है “जल्दबाजी और अधूरा ज्ञान”.
भाषा, उच्चारण और वर्णमाला (भाग-१)
Phonetics, Language, Alphabets in Hindi
अक्सर हमारे मन में सवाल उठते हैं कि आखिर “भाषा” का उद्भव कैसे हुआ? वर्णमाला कैसे बनी?, उच्चार क्रिया क्या है? क, ख, ग, घ के बाद ङ ही क्यों आता है, ण क्यों नहीं आता?
किसी भी भाषा का विकास एक सतत प्रक्रिया है, मानव जीवन के हजारों वर्षों के इतिहास में कई बोलियाँ आईं-गईं, कई लिपियाँ बनीं-मिटीं, कई भाषाओं का उत्थान-पतन हुआ, कुछ लुप्त हो गईं या होने की कगार पर हैं। इस सारी प्रक्रिया में हमारे पूर्वजों, उनके पूर्वजों, साधु-महात्माओं, विद्वानों आदि सभी नें भाषा और उच्चारण क्रिया में कुछ ना कुछ शोध करके उसे आगे, और आगे बढाने का महती कार्य किया है।