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ICHR में घुसे बैठे बौद्धिक धूर्त-लुटेरे और उनके कारनामे...
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मंगलवार, 09 अक्टूबर 2007 12:43
भाषा, उच्चारण और वर्णमाला (भाग-४)
Phonetics, Language, Alphabets in Hindi
‘अ’ की तरह ‘ह’ को भी सभी वर्णों का प्रकाशक कहा जाता है। कोई भी वर्ण बिना विसर्ग और अकार के बिना उच्चारित नहीं हो सकता। अ ही नाभि की गहराई से उच्चरित होने पर विसर्ग बन जाता है। इस प्रकार अ स्वयं अपने में से अपना विरोधी स्वर उत्पन्न करता है। तात्पर्य यह कि अ से ह तक की वर्णमाला में विसर्ग और अकार किसी ना किसी रूप में मौजूद रहते हैं।
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