लॉकडाउन के बाद अब देश को अनलॉक करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन देश की वितरण व्यवस्था संभालने वाला 9 करोड़ की संख्या का व्यापारी वर्ग अभी तक व्यापार विकास प्रोत्साहन से अछूता ही रहा है। अनलॉक में व्यापारियों को कोई मदद तो नहीं मिली, उलटे वे सरकारी नियमावली के मकड़जाल, बैंकों के उत्पीड़न और नए-नए अध्यादेशों के शिकार हो गए हैं।

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कोरोना महामारी के कारण न केवल भारत बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गयी है। भारत में लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति न केवल बिगड़ी है, बल्कि रसातल में चली गयी है। हालही में जारी मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों ने किसी खुशफहमी के लिए गुंजाइश नहीं छोड़ी है। सबको पता था कि आंकड़े गिरावट वाले होंगे लेकिन गिरावट 23.9 फीसदी की हो जाएगी, यह शायद ही किसी ने सोचा होगा।

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