शनिवार, 17 दिसम्बर 2016 12:04
विमुद्रीकरण एवं मोबाईल बैंकिंग
स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव...
प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपनी मन की बात में युवाओं से आग्रह किया है कि हमें कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ना है और अधिकाँश भुगतान डिजिटल स्वरूप में करना चाहिए, ताकि भारत में नकदी का प्रवाह “सफ़ेद और ईमानदार धन” के रूप में हो सके. स्वाभाविक रूप से मोदी विरोधियों के पेट में दर्द शुरू हुआ और लगभग सभी का मूल सवाल था कि अभी भारत में कितने लोग सरलता से मोबाईल उपयोग कर पाते हैं? भारत में कितने मोबाईल हैं? उसमें से कितने स्मार्टफोन हैं? क्या स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव है? इन सभी प्रश्नों का एक ही उत्तर है, “जहाँ चाह, वहाँ राह...”.
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