जिस समय सारा देश भारत माता के जयगान और वन्दे मातरम के उद्घोषों से गूँज रहा था, उसी समय देश की राजधानी दिल्ली से मात्र 220 किमी दूर स्थित उत्तर प्रदेश के कासगंज (Kasganj in UP) शहर में चन्दन गुप्ता (Chandan Gupta) नाम का युवक जिसने अपने जीवन में अभी कुछ 19 बसन्त ही देखे होंगे, “भारत माता की जय” और “वन्दे मातरम” (Vandemataram) कहने का मूल्य अपने लहू से चुका रहा था.

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शनिवार, 27 जनवरी 2007 14:34

गणतंत्र दिवस 2007 और मीडिया

गणतन्त्र और हमारा मीडिया

कल ही गणतन्त्र दिवस (Republic Day of India) था और मै सोच रहा था कि लोगों, मित्रों को बधाई दूँ या उनसे शोक व्यक्त करूँ.... आज से पचास-साठ वर्ष पूर्व जिस आम आदमी को बाहर धकियाकर विशिष्टजनों के जिस गणतन्त्र का निर्माण किया गया, देखते-देखते कब वह "गनतन्त्र" बन गया आम आदमी जान भी नहीं सका... और जिन मूलभूत अधिकारों की गाथा हमें सुनाई गई थी वे तो शुरू से ही आम आदमी के लिये नही थे, ना कभी मिलने थे, ना आगे भी मिलेंगे... जो थोडी-बहुत आशा एक जमाने में उन्मुक्त और खुले प्रेस (Free Press) से थी अब वह भी धीरे-धीरे क्षीण होती नजर आ रही है..

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