सबसे पहले भारतीय क्रिकेट टीम में आरक्षण नीति लागू होना चाहिये । टीम में ओबीसी के लिये चालीस प्रतिशत और मुसलमानों के लिये बीस प्रतिशत आरक्षण होना चाहिये । जब ओबीसी का बल्लेबाज चौका मारे तो उसे छक्का माना जाये, एससी वर्ग का बल्लेबाज जब साठ रन बना ले तो उसे शतक माना जाये । शोएब अख्तर को सखत चेतावनी दी जायेगी कि जब मुसलमान बल्लेबाजी करे तो गेंदबाजी साठ मील प्रतिघंटा से अधिक नहीं होना चाहिये (आखिर हमें पिछडे वर्गों को सुविधायें देकर आगे लाने का प्रयास करना है) । ओलंपिक मे ओबीसी का धावक अस्सी मीटर भी दौड ले तो उसे सौ मीटर माना जाये । भाला फ़ेंक, चक्का फ़ेंक और गोला फ़ेंक में ओबीसी और एससी/एसटी को तीस प्रतिशत की छूट मिलेगी । चूँकि प्रमोशन में भी आरक्षण है इसीलिये टीम का कप्तान भी बदल-बदल कर रोटेशन के आधार पर होना चाहिये । सबसे पहले एससी कप्तान, एसटी कप्तान, मुसलमान कप्तान, ओबीसी कप्तान, सामान्य कप्तान, अगडों में पिछडा कप्तान, पिछडों में अति पिछडा कप्तान, थोडे पिछडों में ज्यादा अगडा कप्तान.. आदि, क्योंकि हमें खिलाडी की प्रतिभा से हमें कोई लेना-देना नहीं है, हाँ, लेकिन यह नियम लोकसभा और राज्यसभाओं पर लागू नहीं होगा, क्योंकि वहाँ तो प्रतिभा पहले ही नदारद है ।
इस वर्ष से फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड में भी आरक्षण लागू हो..जैसे यदि कुल बीस पुरस्कार बाँटे जाने हैं तो उसमें से चौदह पुरस्कार स्वमेव आरक्षित हो जायेंगे, जैसे कि "बेस्ट गायक" का पुरस्कार सामान्य वर्ग वाले को मिले, तो "बेस्ट संगीतकार" का अवार्ड ओबीसी संगीतकार को ही मिलेगा । यदि बेस्ट अभिनेत्री का पुरस्कार मुसलमान को मिला, तो बेस्ट स्क्रीन प्ले का पुरस्कार खुद-ब-खुद एसटी लेखक को मिलना चाहिये । नेताओं को आम जनता में अपनी छवि बनाने के लिये उसी हवाई जहाज से सफ़र करना चाहिये जिसे कोई एससी-एसटी पायलट उडा रहा हो, फ़ोकट में AIIMS में भरती होने पर वे जोर दें कि उनका ऑपरेशन सिर्फ़ और सिर्फ़ एसटी डॉक्टर ही करेगा.. तभी सही मायनों में इन वर्गों की उन्नति हो सकेगी..आओ हम दुनिया को बता दें कि भारत तेजी से आगे बढ रहा है.. मुझे आशा है कि हमारे बुद्धिजीवी प्रधानमन्त्री इन माँगों पर विचार करेंगे और आगे इटली की मेम तक पहुँचायेंगे.. क्योंकि उनके पास विचार करने के अलावा और कोई शक्ति है भी नहीं.. आमीन
आरक्षण : चाहिये ही चाहिये
माननीय प्रधानमन्त्री जी,
इतिहास पुरुषों वीपी सिंह और अर्जुन सिंह (दोनो ठाकुर ? क्या वाकई) नेताओं ने जो आरक्षण की महान परम्परा चलाई है मैं उसका पूर्ण समर्थन करता हूँ..इसीलिये मैं माँग करता हूँ कि नौकरियों और पदोन्नति की तरह हमें सभी क्षेत्रों में आरक्षण लागू कर देना चाहिये, मैं अपनी माँगों की सूची इस तरह रखता हूँ ....
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