क्या इन्हीं पाकिस्तानियों के लिये मरे जा रहे हैं शाहरुख खान…?? Paki Players, IPL, Shahrukh Khan, Aman ki Asha, year after 26/11
Written by Super User सोमवार, 08 फरवरी 2010 12:10
शाहरुख खान को पाकिस्तानी खिलाड़ियों को न लिये जाने पर भारी निराशा हुई है (भले ही खुद ने न खरीदा हो)। अच्छे सम्बन्ध बनाने के नाम पर भारत की “नॉस्टैल्जिक फ़ौज” और धंधेबाज अखबार “अमन की आशा” के नाम थूक-चाट अभियान भी चलाये हुए हैं… लेकिन पाकिस्तान के खिलाड़ी इस बारे में क्या सोचते हैं, अथवा भारत की टीम के साथ खेल के दौरान वे लोग जिस तरह से गाली-गलौज करते हैं, उसे देखते हुए कोई बेशर्म या मूर्ख ही होगा जो उनसे मधुर सम्बन्ध की अपेक्षा रखे…। आईये देखते हैं कुछ यू-ट्यूब वीडियो… (जिन पाठकों के पास तेज गति इंटरनेट नहीं है उनकी सुविधा के लिये डायरेक्ट लिंक भी दिया है, आराम से बफ़र कर लीजिये और बाद में देखिये…)
पहले वीडियो में सोहेल तनवीर से इंटरव्यू लिया जा रहा है, जिसमें वह कहता है “हिन्दुस्तानियों की नीयत ही खराब है”, जबकि एंकर और कोई जोकरनुमा विशेषज्ञ कहता है “हिन्दुओं की आदत रही है मुंह में राम और बगल में छुरी रखने की…”। सोहेल के कथन को तौला जाये तो उससे एक बात उभरकर सामने आती है कि उसकी परवरिश जिस माहौल में हुई है उसमें वह हर भारतीय को “हिन्दू” ही मानता है, और जब राजस्थान रॉयल्स से खेलकर लाखों रुपये कमाये थे तब उसे हिन्दुओं की नीयत खराब नहीं दिख रही थी, जब भिखारियों के पिछवाड़े पर लात पड़ गई तो राम और छुरी याद आने लगे। एक और नोट करने लायक बात है कि पाकिस्तान का कम से कम एक चैनल तो है जो खुलेआम भारत के विरोध और बहिष्कार की बात कर रहा है, हमारे यहाँ का मिशनरी के हाथों बिका और मुल्लाओं की तरफ़दारी करने वाला “सेकुलर मीडिया” इस मामले पर मुँह में दही जमाकर बैठा है, उलटा शाहरुख का पक्ष लेकर बाल ठाकरे से भिड़ गया है (यदि किसी व्यक्ति के पास किसी भारतीय चैनल का कोई वीडियो हो जिसमें वह खुलेआम कह रहा हो कि “इन पाकिस्तानियों की औकात ही ऐसी है और ये लोग इसी लायक हैं और हमें तब तक इनके साथ कोई सम्बन्ध नहीं रखने चाहिये जब तक ये लोग खुद अपने यहाँ आतंकवादियों का खात्मा न कर दें…” ऐसी कोई लिंक हो तो टिप्पणी में अवश्य दें। यह है मानसिकता का अन्तर… पहले वीडियो देखिये, फ़िर आगे बात करते हैं…
Direct link : http://www.youtube.com/watch?v=_2IL-6YaCk0
आजकल शाहरुख खान अपनी छत पर नमाज़ पढ़ते हैं, बार-बार "सलाम" और "इंशाअल्लाह" शब्दों का प्रयोग करने लगे हैं, यह सब वे अपनी फ़िल्म के प्रमोशन के लिये कर रहे हैं अथवा उनका कोई छिपा हुआ एजेण्डा है यह तो वही जानें। लेकिन शक होता है कि शाहरुख खान उस शोएब मलिक को अपनी टीम में लेने के लिये क्यों बेचैन हैं जिसने टी-20 विश्व कप फ़ाइनल में हारने के बाद मंच से कहा था कि “मैं समूचे इस्लामी जगत से माफ़ी माँगता हूं कि हम हिन्दुस्तान से नहीं जीत पाये…” (यानी T-20 की हार को वह नालायक आदमी इस्लामी जगत की हार से जोड़ रहा था, और शाहरुख उसका बचाव कर रहा था), या क्यों इस सोहेल तनवीर को लेने के लिये शाहरुख मरे जा रहे हैं जो भारत को “हिन्दू” कहकर पुकार रहा है, या क्यों धोखेबाज अफ़रीदी को भारत में खिलाने के लिये बेताब हो रहे हैं, जिसे खाना नहीं मिला इसलिये गेंद ही चबा रहा है… वीडियो देखिये…
डायरेक्ट लिंक : http://www.youtube.com/watch?v=NAuElcY3gfg
पाकिस्तानी, ऑस्ट्रेलियन और इंग्लिश खिलाड़ी हमेशा से ही खेल में धोखेबाजी, चालबाजी और गालीगलौज करते रहे हैं… इसी शाहिद अफ़रीदी को भारत में खिलाने की योजना है “सेकुलरों” की…। अब एक और महोदय हो देखिये… जन्म से नशे की गोलियों के आदी व्यक्ति जैसी आँखों वाले शोएब अख्तर (इस नशेलची की आँखें संजय दत्त से मिलती-जुलती हैं)…। इस शोएब अख्तर को शाहरुख ने पहले IPL ने अपनी टीम में लिया था… यह शोएब अख्तर नाम की बीमारी, भारत के हमारे प्रिय खिलाड़ी इरफ़ान पठान को कैसी भद्दी-भद्दी गालियाँ दे रहा है (वैसे भी पाक में रहने वाले मुस्लिम भारत के मुस्लिमों को नीची निगाह से देखते हैं, विभाजन के समय इधर से गये उनके भाई-बन्दों को ही “मुहाजिर” बताकर भारी ज़ुल्म करते हैं), खुद देख लीजिये…
http://www.youtube.com/watch?v=p7v0lP7VpXQ
हम और आप सिर्फ़ महसूस कर सकते हैं, कि सचिन तेंडुलकर को उसके कैरियर की शुरुआत में इन पाकिस्तानियों ने कितनी गालियाँ दी होंगी… हालांकि बाद में भौंक-भौंककर शान्त हो गये होंगे, क्योंकि उन्हें पता चल गया होगा कि गालियाँ देने के बाद तेंडुलकर अपने बल्ले से उनका पिछवाड़ा लाल कर डालता है… ऐसा ही एक पुराना वीडियो है जिसमें घमण्डी आमिर सोहेल को वेंकटेश प्रसाद ने करारा जवाब दिया, लेकिन अपनी गेंदबाजी से… इसे देखिये…
http://www.youtube.com/watch?v=OpsSe_zvaoU
हालांकि इनसे निपटने का गौतम गम्भीर वाला तरीका भी एकदम सही है… इसे देखिये… इसमें गौतम गम्भीर ने शाहरुख खान के चहेते को कैसी “भिट्टी” मारी…
http://www.youtube.com/watch?v=ZU7cUU-71dk
कहने का तात्पर्य यह है कि हमारे खिलाड़ी भी जनता के बीच से ही आते हैं, नेताओं और धंधेबाजों के बीच से नहीं… वे धोखेबाज पाकिस्तानियों और घमण्डी ऑस्ट्रेलियाईयों से निपटना अच्छी तरह जानते हैं… लेकिन हमारा मीडिया और सरकार उन्हें सहयोग करने को राजी नहीं होती…। सरकार के पास सदा-सर्वदा “शान्ति-फ़ार्मूला” तैयार होता है, जबकि मीडिया भी वही राग गाता है जिसकी धुन कांग्रेस उसे बनाकर देती है, वरना पाकिस्तान की औकात है ही कितनी, उसके कराची के पूरे स्टॉक एक्सचेंज को अकेले मुकेश अम्बानी सात बार पूरा खरीद लें तब भी उनके पास पैसा बचा रहेगा… हम हर बात में पाक से कोसों आगे हैं, फ़िर उसके सामने यह गिड़गिड़ाना और बेशर्मी भरा तथाकथित गाँधीवाद किसलिये?
अब इस वीडियो को देखिये, कश्मीर की आज़ादी के लिये एकता प्रदर्शित करने यह रैली बुलाई गई है, जिसे हाफ़िज़ मोहम्मद सईद समेत सभी ने कश्मीर के लिये लड़ने का संकल्प लिया, हिन्दुओं और हिन्दुस्तान को गरियाया गया (पाकिस्तान से आने वाले किसी भी इंटरव्यू को सुनिये, वे लोग कभी “भारत” नहीं बोलते, हमेशा “हिन्दुस्तान” बोलते हैं… कहने को ये छोटी-छोटी बातें हैं लेकिन इनके अर्थ गहरे होते हैं)।
ऐ हिन्दू तुझे लश्कर के जूते पड़े…
http://www.youtube.com/watch?v=lQXcsmlqmFM
Reference… : http://neerajdiwan.wordpress.com/2010/02/06/kashmir-day-celebrated-in-pok
श्रीनगर के लाल चौक पर इस वर्ष 19 साल बाद पहली बार तिरंगा नहीं फ़हराया गया, यानी कांग्रेस और अब्दुल्ला परिवार मान चुका है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा…, राहुल के मुम्बई दौरे की तरह ही, चिदम्बरम का पाकिस्तान जाना भी एक “मीडिया इवेंट” बनकर रहेगा, क्योंकि हमारा मीडिया सिर्फ़ अल-कायदा, लादेन और जवाहिरी के वीडियो टेप दिखाकर देश की जनता को डराना जानता है, राष्ट्रवादी सोच, देशभक्ति का जज़्बा और तनकर खड़े होने की फ़ितरत तो कब की खत्म हो चुकी…। मुम्बई हमले के बाद “मोमबत्ती ब्रिगेड” घर चली गई है या फ़िर दारू पीकर फ़ुटपाथ पर सोये गरीबों पर गाड़ियाँ चढ़ाने में मशगूल है, इधर 26/11 के मृतकों-शहीदों का “वर्षश्राद्ध” निपट गया, पाकिस्तान का तो कुछ उखाड़ नहीं पाये, अब श्राद्ध का भोजन खाने के बाद दोबारा जूते खाने की तैयारी है…
(यदि यह लेख पसन्द आया हो तो इसे पढ़कर भूल न जायें, बल्कि अपने मित्रों को फ़ॉरवर्ड करें, ऑरकुट, फ़ेसबुक, ट्विटर आदि जहाँ-जहाँ भी लिंक दिया जा सकता है, दीजिये…, सिर्फ़ आपके जानने से क्या होगा… बाकियों को भी शाहरुख खान और कांग्रेस का असली चेहरा जानने का मौका दीजिये…)
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पहले वीडियो में सोहेल तनवीर से इंटरव्यू लिया जा रहा है, जिसमें वह कहता है “हिन्दुस्तानियों की नीयत ही खराब है”, जबकि एंकर और कोई जोकरनुमा विशेषज्ञ कहता है “हिन्दुओं की आदत रही है मुंह में राम और बगल में छुरी रखने की…”। सोहेल के कथन को तौला जाये तो उससे एक बात उभरकर सामने आती है कि उसकी परवरिश जिस माहौल में हुई है उसमें वह हर भारतीय को “हिन्दू” ही मानता है, और जब राजस्थान रॉयल्स से खेलकर लाखों रुपये कमाये थे तब उसे हिन्दुओं की नीयत खराब नहीं दिख रही थी, जब भिखारियों के पिछवाड़े पर लात पड़ गई तो राम और छुरी याद आने लगे। एक और नोट करने लायक बात है कि पाकिस्तान का कम से कम एक चैनल तो है जो खुलेआम भारत के विरोध और बहिष्कार की बात कर रहा है, हमारे यहाँ का मिशनरी के हाथों बिका और मुल्लाओं की तरफ़दारी करने वाला “सेकुलर मीडिया” इस मामले पर मुँह में दही जमाकर बैठा है, उलटा शाहरुख का पक्ष लेकर बाल ठाकरे से भिड़ गया है (यदि किसी व्यक्ति के पास किसी भारतीय चैनल का कोई वीडियो हो जिसमें वह खुलेआम कह रहा हो कि “इन पाकिस्तानियों की औकात ही ऐसी है और ये लोग इसी लायक हैं और हमें तब तक इनके साथ कोई सम्बन्ध नहीं रखने चाहिये जब तक ये लोग खुद अपने यहाँ आतंकवादियों का खात्मा न कर दें…” ऐसी कोई लिंक हो तो टिप्पणी में अवश्य दें। यह है मानसिकता का अन्तर… पहले वीडियो देखिये, फ़िर आगे बात करते हैं…
Direct link : http://www.youtube.com/watch?v=_2IL-6YaCk0
आजकल शाहरुख खान अपनी छत पर नमाज़ पढ़ते हैं, बार-बार "सलाम" और "इंशाअल्लाह" शब्दों का प्रयोग करने लगे हैं, यह सब वे अपनी फ़िल्म के प्रमोशन के लिये कर रहे हैं अथवा उनका कोई छिपा हुआ एजेण्डा है यह तो वही जानें। लेकिन शक होता है कि शाहरुख खान उस शोएब मलिक को अपनी टीम में लेने के लिये क्यों बेचैन हैं जिसने टी-20 विश्व कप फ़ाइनल में हारने के बाद मंच से कहा था कि “मैं समूचे इस्लामी जगत से माफ़ी माँगता हूं कि हम हिन्दुस्तान से नहीं जीत पाये…” (यानी T-20 की हार को वह नालायक आदमी इस्लामी जगत की हार से जोड़ रहा था, और शाहरुख उसका बचाव कर रहा था), या क्यों इस सोहेल तनवीर को लेने के लिये शाहरुख मरे जा रहे हैं जो भारत को “हिन्दू” कहकर पुकार रहा है, या क्यों धोखेबाज अफ़रीदी को भारत में खिलाने के लिये बेताब हो रहे हैं, जिसे खाना नहीं मिला इसलिये गेंद ही चबा रहा है… वीडियो देखिये…
डायरेक्ट लिंक : http://www.youtube.com/watch?v=NAuElcY3gfg
पाकिस्तानी, ऑस्ट्रेलियन और इंग्लिश खिलाड़ी हमेशा से ही खेल में धोखेबाजी, चालबाजी और गालीगलौज करते रहे हैं… इसी शाहिद अफ़रीदी को भारत में खिलाने की योजना है “सेकुलरों” की…। अब एक और महोदय हो देखिये… जन्म से नशे की गोलियों के आदी व्यक्ति जैसी आँखों वाले शोएब अख्तर (इस नशेलची की आँखें संजय दत्त से मिलती-जुलती हैं)…। इस शोएब अख्तर को शाहरुख ने पहले IPL ने अपनी टीम में लिया था… यह शोएब अख्तर नाम की बीमारी, भारत के हमारे प्रिय खिलाड़ी इरफ़ान पठान को कैसी भद्दी-भद्दी गालियाँ दे रहा है (वैसे भी पाक में रहने वाले मुस्लिम भारत के मुस्लिमों को नीची निगाह से देखते हैं, विभाजन के समय इधर से गये उनके भाई-बन्दों को ही “मुहाजिर” बताकर भारी ज़ुल्म करते हैं), खुद देख लीजिये…
http://www.youtube.com/watch?v=p7v0lP7VpXQ
हम और आप सिर्फ़ महसूस कर सकते हैं, कि सचिन तेंडुलकर को उसके कैरियर की शुरुआत में इन पाकिस्तानियों ने कितनी गालियाँ दी होंगी… हालांकि बाद में भौंक-भौंककर शान्त हो गये होंगे, क्योंकि उन्हें पता चल गया होगा कि गालियाँ देने के बाद तेंडुलकर अपने बल्ले से उनका पिछवाड़ा लाल कर डालता है… ऐसा ही एक पुराना वीडियो है जिसमें घमण्डी आमिर सोहेल को वेंकटेश प्रसाद ने करारा जवाब दिया, लेकिन अपनी गेंदबाजी से… इसे देखिये…
http://www.youtube.com/watch?v=OpsSe_zvaoU
हालांकि इनसे निपटने का गौतम गम्भीर वाला तरीका भी एकदम सही है… इसे देखिये… इसमें गौतम गम्भीर ने शाहरुख खान के चहेते को कैसी “भिट्टी” मारी…
http://www.youtube.com/watch?v=ZU7cUU-71dk
कहने का तात्पर्य यह है कि हमारे खिलाड़ी भी जनता के बीच से ही आते हैं, नेताओं और धंधेबाजों के बीच से नहीं… वे धोखेबाज पाकिस्तानियों और घमण्डी ऑस्ट्रेलियाईयों से निपटना अच्छी तरह जानते हैं… लेकिन हमारा मीडिया और सरकार उन्हें सहयोग करने को राजी नहीं होती…। सरकार के पास सदा-सर्वदा “शान्ति-फ़ार्मूला” तैयार होता है, जबकि मीडिया भी वही राग गाता है जिसकी धुन कांग्रेस उसे बनाकर देती है, वरना पाकिस्तान की औकात है ही कितनी, उसके कराची के पूरे स्टॉक एक्सचेंज को अकेले मुकेश अम्बानी सात बार पूरा खरीद लें तब भी उनके पास पैसा बचा रहेगा… हम हर बात में पाक से कोसों आगे हैं, फ़िर उसके सामने यह गिड़गिड़ाना और बेशर्मी भरा तथाकथित गाँधीवाद किसलिये?
अब इस वीडियो को देखिये, कश्मीर की आज़ादी के लिये एकता प्रदर्शित करने यह रैली बुलाई गई है, जिसे हाफ़िज़ मोहम्मद सईद समेत सभी ने कश्मीर के लिये लड़ने का संकल्प लिया, हिन्दुओं और हिन्दुस्तान को गरियाया गया (पाकिस्तान से आने वाले किसी भी इंटरव्यू को सुनिये, वे लोग कभी “भारत” नहीं बोलते, हमेशा “हिन्दुस्तान” बोलते हैं… कहने को ये छोटी-छोटी बातें हैं लेकिन इनके अर्थ गहरे होते हैं)।
ऐ हिन्दू तुझे लश्कर के जूते पड़े…
http://www.youtube.com/watch?v=lQXcsmlqmFM
Reference… : http://neerajdiwan.wordpress.com/2010/02/06/kashmir-day-celebrated-in-pok
श्रीनगर के लाल चौक पर इस वर्ष 19 साल बाद पहली बार तिरंगा नहीं फ़हराया गया, यानी कांग्रेस और अब्दुल्ला परिवार मान चुका है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा…, राहुल के मुम्बई दौरे की तरह ही, चिदम्बरम का पाकिस्तान जाना भी एक “मीडिया इवेंट” बनकर रहेगा, क्योंकि हमारा मीडिया सिर्फ़ अल-कायदा, लादेन और जवाहिरी के वीडियो टेप दिखाकर देश की जनता को डराना जानता है, राष्ट्रवादी सोच, देशभक्ति का जज़्बा और तनकर खड़े होने की फ़ितरत तो कब की खत्म हो चुकी…। मुम्बई हमले के बाद “मोमबत्ती ब्रिगेड” घर चली गई है या फ़िर दारू पीकर फ़ुटपाथ पर सोये गरीबों पर गाड़ियाँ चढ़ाने में मशगूल है, इधर 26/11 के मृतकों-शहीदों का “वर्षश्राद्ध” निपट गया, पाकिस्तान का तो कुछ उखाड़ नहीं पाये, अब श्राद्ध का भोजन खाने के बाद दोबारा जूते खाने की तैयारी है…
(यदि यह लेख पसन्द आया हो तो इसे पढ़कर भूल न जायें, बल्कि अपने मित्रों को फ़ॉरवर्ड करें, ऑरकुट, फ़ेसबुक, ट्विटर आदि जहाँ-जहाँ भी लिंक दिया जा सकता है, दीजिये…, सिर्फ़ आपके जानने से क्या होगा… बाकियों को भी शाहरुख खान और कांग्रेस का असली चेहरा जानने का मौका दीजिये…)
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