नित्यानन्द स्वामी के बहाने नरेन्द्र मोदी पर हमला :- NDTV की चालबाजियाँ और "मिशनरी" की भूमिका… ... Nityanand Swami, Narendra Modi, Anti-Hindu Media Bias
Written by Super User बुधवार, 17 मार्च 2010 13:04
दक्षिण भारत में फ़िलहाल एक हंगामा मचा हुआ है, नित्यानन्द स्वामी को चेन्नई पुलिस ने एक सीडी और शिकायत के आधार पर गिरफ़्तार किया है। ऐसा आरोप हैं कि नित्यानन्द स्वामी के कई महिलाओं से सम्बन्ध रहे हैं और एक तमिल अभिनेत्री के साथ उनकी अश्लील सीडी उन्हीं के आश्रम में उनके शिष्य रह चुके एक व्यक्ति ने बनाई है। यह तो हुआ मूलरूप से बना हुआ केस, लेकिन जैसा कि हमेशा होता आया है, भारतीय मीडिया ने इस कहानी में प्रारम्भ से ही “हिन्दुत्व विरोधी रंग” भरना शुरु कर दिया था।
प्रणव “जेम्स” रॉय के चैनल NDTV ने सबसे पहले नित्यानन्द स्वामी के साथ नरेन्द्र मोदी की तस्वीरें दिखाईं और चिल्ला-चिल्लाकर नरेन्द्र मोदी को इस मामले में लपेटने की कोशिश की (गुजरात के दो-दो चुनावों में बुरी तरह से जूते खाने के बाद NDTV और चमचों के पास अब यही एक रास्ता रह गया है मोदी को पछाड़ने के लिये)। लेकिन जैसे ही अगले दिन से “ट्विटर” पर स्वामी नित्यानन्द की तस्वीरें गाँधी परिवार के चहेते एसएम कृष्णा और एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी दिखाई दीं, तुरन्त NDTV का मोदी विरोधी सुर धीमा पड़ गया (हालांकि ढेर सारे “हिन्दू विरोधी पत्रकार” अभी भी लगे हुए हैं इसे चबाने में)। नित्यानन्द के स्टिंग ऑपरेशन मामले को सही ठहराने के लिये NDTV ने नारायणदत्त तिवारी वाले मामले का सहारा लिया और दोनों को एक ही पलड़े पर रखने की कोशिश की। जबकि तिवारी एक संवैधानिक पद पर थे, उन्होंने राजभवन और अपने पद का दुरुपयोग किया और तो और होली के दिन भी वह लड़कियों से घिरे नृत्य कर रहे थे। नित्यानन्द जो भी कर रहे थे अपने आश्रम के बेडरूम में कर रहे थे, बगैर किसी प्रलोभन या दबाव के, इसलिये इन दोनों मामलों की तुलना तो हो ही नहीं सकती। नित्यानन्द अगर दोषी है तो सजा मिलनी ही चाहिये… (हालांकि जैसे-जैसे धागे सुलझ रहे हैं मामला संदिग्ध होता जा रहा है, क्योंकि पता चला है कि पुलिस को सीडी देकर आरोप लगाने वाला व्यक्ति “कुरुप्पन लेनिन” एक धर्म-परिवर्तित ईसाई है और यह व्यक्ति पहले एक फ़िल्म स्टूडियो में काम कर चुका है तथा "वीडियो मॉर्फ़िंग" में एक्सपर्ट है)।
अब आते हैं मुख्य मामले पर, 6M (मार्क्स, मुल्ला, मिशनरी, मैकाले, माइनो और मार्केट) के हाथों बिके हुए भारतीय मीडिया ने स्वामी नित्यानन्द को सीडी सामने आते ही तड़ से अपराधी घोषित कर दिया है, ठीक उसी तरह जिस तरह कभी संजय जोशी को किया था (हालांकि बाद में सीडी फ़र्जी पाई गई), या जिस तरह से कांची के वयोवृद्ध शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को तमिलनाडु की DMK सरकार ने गिरफ़्तार करके सरेआम बेइज्जत किया था। जब भी कोई हिन्दू “आईकॉन” किसी भी सच्चे-झूठे मामले में फ़ँसे तो मीडिया उन्हें “अपराधी” घोषित करने में देर नहीं करता… और इस समय किसी मानवाधिकारवादी के आगे-पीछे कहीं से भी “कानून अपना काम करेगा…” वाला सुर नहीं निकलता। जैसे ही मीडिया में आया कि मालेगाँव धमाके में पाई गई मोटरसाईकिल साध्वी प्रज्ञा की थी (जो काफ़ी पहले उन्होंने बेच दी थी), कि तड़ से “हिन्दू आतंकवाद” नामक शब्द गढ़कर हिन्दुओं पर हमले शुरु…। फ़िर चाहे जेल में कसाब और अफ़ज़ल ऐश कर रहे हों, लेकिन साध्वी प्रज्ञा को अण्डे खिलाने की कोशिश या गन्दी-गन्दी गालियाँ देना हो… महिला आयोग, नारीवादी संगठन सब कहीं दुबक कर बैठ जाते हैं, क्योंकि मीडिया ने तो पहले ही उन्हें अपराधी घोषित कर दिया है। भारत के कितने अखबारों और चैनलों ने वेटिकन और अन्य पश्चिमी देशों में चर्च की आड़ में चल रहे देह शोषण के मामलों को उजागर किया है? चलिये वेटिकन को छोड़िये, केरल में ही सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं कितने लोगों को पता है… और वेटिकन तो अब इस तरफ़ काफ़ी आगे बढ़ चुका है, उधर सिर्फ़ महिलाओं के ही साथ यौन शोषण नहीं होता बल्कि पुरुषों के साथ भी “गे-सेक्स” के मामले सामने आ रहे हैं… द गार्जियन की खबर पढ़िये…
http://www.guardian.co.uk/world/2010/mar/04/vatican-gay-sex-scandal
बेंगलूरु के मठ वाले नित्यानन्द दोषी हैं या नहीं यह बाद में पता चलेगा, लेकिन उनके बहाने नरेन्द्र मोदी पर हमला करने का सुख(?) प्राप्त कर लिया गया, और यदि नित्यानन्द वाकई दोषी है तो उसे फ़ाँसी की सजा मिलनी चाहिये, यह माँग करने वालों की भीड़ भी जुट गई है, परन्तु इस बात पर कोई ध्यान नहीं देना चाहता कि जिस प्रकार कांची के शंकराचार्य और उड़ीसा के स्वामी लक्ष्मणानन्द सरस्वती धर्म परिवर्तन और ईसाई एवेंजेलिस्टों के खिलाफ़ मुहिम चलाये हुए थे, ठीक वैसे ही नित्यानन्द भी धर्म परिवर्तन की राह में रोड़ा बने हुए हैं, ऊपर से वह पिछड़ी जाति से भी आते हैं, ऐसे में भला करुणानिधि कैसे उन्हें सहन कर सकते थे। अरे भाई जब करुणानिधि हिन्दुओं के प्रतिष्ठित गुरु शंकराचार्य से नहीं डरे तो नित्यानन्द किस खेत की मूली हैं? जब मीडिया मेहरबान तो गधा पहलवान। अब रही बात सीडी की, तो कम्प्यूटर तकनीक के इस आधुनिक युग में कुछ भी सम्भव है… क्योंकि ऐसी भी खबर है कि जिस समय नित्यानन्द की यह सीडी बनाई गई उन्हें खाने में कोई ड्रग दिया गया था, परन्तु हिन्दुओं पर हमले करते समय चैनल/अखबार किसी बात का तटस्थ या तथ्यपूर्ण विचार नहीं करते, सिर्फ़ अपने “6M आकाओं” के आदेश का पालन करते हैं।
लेकिन किसी ऐसे पादरी की खबर “जेम्स” रॉय का चैनल नहीं दिखायेगा, जिसने एक अल्पवयस्क लड़की के साथ ज्यादती की और उसकी हत्या करवा दी (जबकि नित्यानन्द ने रंजीता के साथ उसकी मर्जी से सम्बन्ध बनाया होगा, उसकी हत्या नहीं की)। खबरों के अनुसार कोझीकोड के नीलाम्बर स्थित एक क्रिश्चियन होस्टल की स्कूली छात्रा अनु का शव पाया गया था जिस सम्बन्ध में पथनापुरम माउंट टबोर के फ़ादर(?) केजे जोसफ़ की गिरफ़्तारी हुई है। होस्टल की सहेली के बयानों के मुताबिक अनु के साथ बलात्कार और यौन शोषण की पुष्टि हो चुकी है, उसकी मौत चूहामार दवा खाने से हुई, लेकिन पुलिस को शक है कि यह विष उसे जबरदस्ती खिलाया गया है।
http://www.keralanext.com/news/2010/03/05/article104.asp
अनु की बहन ने दो पादरियों पर उसके यौन शोषण का आरोप लगाया है, इस पर पुलिस ने कहा है कि मामले में और भी गिरफ़्तारियाँ हो सकती हैं।
अरे रे रे रे रे, क्या कहा, आपको केरल के सिस्टर अभया हत्याकाण्ड की याद आ गई? स्वाभाविक बात है। उस केस में भी तो ऐसा ही कुछ हुआ था… 1992 में सिस्टर अभया की हत्या हुई थी, उसका भी यौन शोषण हुआ था, चर्च की ताकत द्वारा मामले को दबाने और उलझाने की वजह से 18 साल बाद भी अभया के परिजनों को न्याय नहीं मिल पाया है, ज्यादा जानना चाहते हैं तो इसे पढ़िये… (क्योंकि ऐसी खबरें “जेम्स” रॉय का NDTV आपको नहीं देगा…)
http://en.wikipedia.org/wiki/Sister_Abhaya_murder_case
और इसे पढ़िये…
http://www.rediff.com/news/2008/nov/19sister-abhaya-case-kerala-two-priests-held.htm
दिल्ली की जामा मस्जिद का अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के निर्णय की धज्जियाँ देखी हैं कभी किसी चैनल पर?
http://www.encyclopedia.com/doc/1P3-1134197141.html
प्रारम्भिक सदमे के बाद नित्यानन्द स्वामी के भक्तों ने भी मोर्चा संभाल लिया है और सन टीवी के कर्ताधर्ताओं से पूछा है कि क्या सन टीवी ने यह वीडियो टेप प्रदर्शन से पहले जाँच लिया था कि यह सही है या नहीं? क्या सन टीवी ने इस टेप को लेकर पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की? क्या चैनल ने कभी इस बात की पुष्टि करने की कोशिश की है कि आश्रम की जिस ज़मीन को लेकर वह हंगामा खड़ा कर रहा है, वह ज़मीन स्वामी के बंगलुरू स्थित एक भक्त ने दान में दी है? क्या चैनल ने स्वामी अथवा आश्रम के नाम पर ज़मीन के आधिकारिक रिकॉर्ड देखे हैं? वह वीडियो जिस कमरे में शूट किया गया है, वैसा कोई कमरा आश्रम में है ही नहीं, फ़िर इसकी शूटिंग कहाँ हुई? क्या वीडियो में दिखाया गया व्यक्ति स्वामी नित्यानन्द ही है? चैनलों ने सबसे पहले दिन अभिनेत्री रंजीता का चेहरा छिपा क्यों दिया था? यदि यह सब प्रायोजित नहीं था तो चैनल पर इस खबर के प्रसारित होने के 5 मिनट के अन्दर ही आक्रोशित लोगों(?) की भीड़ ने आश्रम पर हमला कैसे कर दिया? भीड़ ने हमले के दौरान आश्रम में रह रहे हिन्दू भक्तों और महिलाओं से बदतमीजी क्यों की? उल्लेखनीय है कि चैनल सन टीवी और नक्कीरन अखबार में हेडलाइन यही थी कि फ़र्जी स्वामी नित्यानन्द सेक्स स्कैण्डल में फ़ँसे, यानी इन्होंने बगैर किसी जाँच या मुकदमे के स्वामी को तुरन्त दोषी ठहरा दिया और हल्ला मचा दिया… असल में यह चाल काउण्टर बैलेंसिंग कही जाती है। पिछले एक वर्ष में अमेरिका में चर्च ने ननों के शारीरिक और मानसिक शोषण और बच्चों के साथ पादरियों के यौन मामलों में लगभग 6 करोड़ डालर का मुआवज़ा चुकाया है तथा पोप सतत देश-दर-देश उनके द्वारा नियुक्त पादरियों के कुकर्मों की माफ़ी माँगते घूम रहे हैं। इसलिये भारत में हिन्दू धर्मगुरुओं को खासकर निशाना बनाया जा रहा है ताकि बैलेंस बना रहे, लेकिन भारत का मीडिया चर्च के कुकर्मों को सामने लाने में हमेशा पीछे ही रहा है।
इस बात को काफ़ी पहले ही साबित किया जा चुका है कि जहाँ एक ओर भारत में इस्लाम का प्रसार जेहाद, जोर-जबरदस्ती और आतंक के जरिये किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर चर्च का प्रसार, चालबाजियों, दुष्प्रचार, पैसों के लालच पर धर्म-परिवर्तन और मीडिया के उपयोग द्वारा किया जा रहा है, ऐसे खतरनाक हालातों में सभी हिन्दू धर्मगुरुओं और खासकर बाबा रामदेव को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि वे तो लुटेरी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का भी भारी नुकसान कर चुके हैं और उनके निशाने पर हैं… सो आने वाले दिनों में हमें हिन्दू धर्म के अन्य प्रतीकों और धर्माचार्यों के किस्से-कहानियाँ-स्कैण्डल सुनने को मिलें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिये…
सरकारी आँकड़ों के मुताबिक भारत में मिशनरी संस्थाओं का सबसे अधिक ज़मीन पर कब्जा है कभी मीडिया ने हल्ला मचाया? माओवादियों और नक्सलवादियों के कैम्पों में महिला कैडर के साथ यौन शोषण और कण्डोम मिलने की खबरें कितने चैनल दिखाते हैं? लेकिन चूंकि हिन्दू धर्मगुरु के आश्रम में हादसा हुआ है तो मीडिया ऐसे सवालों को सुविधानुसार भुला देता है, और कोशिश की जाती है कि येन-केन-प्रकारेण नरेन्द्र मोदी या संघ या भाजपा का नाम इसमें जोड़ दिया जाये, या और कुछ नहीं मिले तो हिन्दू संस्कृति-परम्पराओं को ही गरिया दिया जाये। मीडिया और सेकुलरों के लगातार जारी इस दुष्प्रचार और दोगलेपन को समय-समय पर प्रकाशित और प्रचारित किया ही जाना चाहिये, जनता को बताना होगा कि ये लोग किस तरह से पक्षपाती हैं, पक्के हिन्दू-विरोधी हैं। इस काम के लिये बड़ी मात्रा में विदेशों से हवाला और NGOs के जरिये पैसा आता है (एक हम हैं जो अपने ब्लॉग पर "डोनेट" का बटन लगाये बैठे हैं फ़िर भी कोई पैसा ही नहीं देता)।
लेख का सार यह है कि नित्यानन्द जो भी है, जैसा भी है अगर दोषी पाया गया तो (कानून के मुताबिक) सजा मिलनी ही चाहिये (उसी कानून? के मुताबिक जिसने सिस्टर अभया के हत्यारों को 18 साल बचाये रखा, उसी कानून? के मुताबिक, जिसने अफ़ज़ल की फ़ाँसी अब तक रोक रखी है), लेकिन इस बहाने हिन्दुओं और सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश का मुँहतोड़ जवाब दिया जायेगा। मीडिया की एकतरफ़ा चालबाजियों का एक उदाहरण हाल में देखा जा चुका है जब चैनलों के बीच कृपालु महाराज को दोषी और भगोड़ा ठहराने की होड़ सी लगी थी, कृपालु महाराज चाहे जैसे भी हों अपने किये की सजा भुगतेंगे ही। लेकिन किसी चैनल ने यह पूछने की ज़हमत नहीं उठाई कि कांग्रेस द्वारा 55 साल तक राज करने के बाद, उत्तरप्रदेश से अधिकतम प्रधानमंत्री होने के बावजूद, दलितों की मसीहा मायावती और विप्र सिंह के अवतरित होने के बावजूद, वहाँ के दलित इतने गरीब क्यों हैं कि सिर्फ़ एक थाली, लड्डू और कुछ रुपयों के लिये हजारों की संख्या में जमा हो जाते हैं?
“दीवार” फ़िल्म का एक डायलॉग याद आता है, इंस्पेक्टर रवि कहता है “दूसरों के पाप गिनाने से तुम्हारे अपने पाप कम नहीं हो सकते, दूसरों के जुर्म बताने से ये सच्चाई नहीं बदल जाती कि तुम भी एक मुजरिम हो…”। जी हाँ, बिलकुल सही बात है…… लेकिन जब एक ही पक्ष (हिन्दू) के जुर्म बार-बार बताये जायेंगे, एक ही पक्ष (हिन्दू धर्म) को बार-बार प्रताड़ित किया जायेगा, हिन्दू प्रतीकों-त्योहारों-संस्कारों-संतों को बार-बार अपमानित किया जायेगा, सिर्फ़ इसलिये कि तुम्हारे पास “चैनल” और “अखबार” की ताकत है, तब हम जैसे आम आदमी ब्लॉग ही तो लिखेंगे ना… (भले ही आलोक मेहता और मृणाल पाण्डे जैसे तथाकथित बड़े पत्रकार ब्लॉग को कचरा लेखन मानते हों)… क्योंकि अभी हमारे दिमागों में ऐसे संस्कार नहीं आ पाये हैं कि “धर्म खतरे में है…” कहते ही हम पत्थर और तलवारें लेकर सड़कों पर निकल पड़ें…। हाँ, एक बात तो तय है कि मीडिया लगातार ऐसी ही हिन्दू विरोधी खबरें दिखाता रहे तो कभी न कभी ऐसे “संस्कार” भी आ आयेंगे, और फ़िर उस दिन क्या होगा, कहना मुश्किल है…
==================
राष्ट्रवादी विचारों के प्रचार-प्रसार हेतु अधिकाधिक सहयोग करें - स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया खाता क्रमांक 030046820585 (SURESH CHIPLUNKAR) - IFSC Code : SBIN0001309
Nityanand Swami Sex Scandal, Narendra Modi and Nityanand, NDTV and Karunanidhi, Hindu Godmen Denigration, Church and Sex Abuse, Vatican and Gay-Sex, Sister Abhaya Case of Kerala, Conversion and Missionary , नित्यानन्द स्वामी सेक्स स्कैण्डल, नरेन्द्र मोदी और नित्यानन्द स्वामी, NDTV करुणानिधि और हिन्दू संतों का अपमान, चर्च और स्कैण्डल, सिस्टर अभया हत्या मामला केरल, वेटिकन और गे-सेक्स, धर्म परिवर्तन और मिशनरी ताकतें, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
प्रणव “जेम्स” रॉय के चैनल NDTV ने सबसे पहले नित्यानन्द स्वामी के साथ नरेन्द्र मोदी की तस्वीरें दिखाईं और चिल्ला-चिल्लाकर नरेन्द्र मोदी को इस मामले में लपेटने की कोशिश की (गुजरात के दो-दो चुनावों में बुरी तरह से जूते खाने के बाद NDTV और चमचों के पास अब यही एक रास्ता रह गया है मोदी को पछाड़ने के लिये)। लेकिन जैसे ही अगले दिन से “ट्विटर” पर स्वामी नित्यानन्द की तस्वीरें गाँधी परिवार के चहेते एसएम कृष्णा और एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी दिखाई दीं, तुरन्त NDTV का मोदी विरोधी सुर धीमा पड़ गया (हालांकि ढेर सारे “हिन्दू विरोधी पत्रकार” अभी भी लगे हुए हैं इसे चबाने में)। नित्यानन्द के स्टिंग ऑपरेशन मामले को सही ठहराने के लिये NDTV ने नारायणदत्त तिवारी वाले मामले का सहारा लिया और दोनों को एक ही पलड़े पर रखने की कोशिश की। जबकि तिवारी एक संवैधानिक पद पर थे, उन्होंने राजभवन और अपने पद का दुरुपयोग किया और तो और होली के दिन भी वह लड़कियों से घिरे नृत्य कर रहे थे। नित्यानन्द जो भी कर रहे थे अपने आश्रम के बेडरूम में कर रहे थे, बगैर किसी प्रलोभन या दबाव के, इसलिये इन दोनों मामलों की तुलना तो हो ही नहीं सकती। नित्यानन्द अगर दोषी है तो सजा मिलनी ही चाहिये… (हालांकि जैसे-जैसे धागे सुलझ रहे हैं मामला संदिग्ध होता जा रहा है, क्योंकि पता चला है कि पुलिस को सीडी देकर आरोप लगाने वाला व्यक्ति “कुरुप्पन लेनिन” एक धर्म-परिवर्तित ईसाई है और यह व्यक्ति पहले एक फ़िल्म स्टूडियो में काम कर चुका है तथा "वीडियो मॉर्फ़िंग" में एक्सपर्ट है)।
अब आते हैं मुख्य मामले पर, 6M (मार्क्स, मुल्ला, मिशनरी, मैकाले, माइनो और मार्केट) के हाथों बिके हुए भारतीय मीडिया ने स्वामी नित्यानन्द को सीडी सामने आते ही तड़ से अपराधी घोषित कर दिया है, ठीक उसी तरह जिस तरह कभी संजय जोशी को किया था (हालांकि बाद में सीडी फ़र्जी पाई गई), या जिस तरह से कांची के वयोवृद्ध शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को तमिलनाडु की DMK सरकार ने गिरफ़्तार करके सरेआम बेइज्जत किया था। जब भी कोई हिन्दू “आईकॉन” किसी भी सच्चे-झूठे मामले में फ़ँसे तो मीडिया उन्हें “अपराधी” घोषित करने में देर नहीं करता… और इस समय किसी मानवाधिकारवादी के आगे-पीछे कहीं से भी “कानून अपना काम करेगा…” वाला सुर नहीं निकलता। जैसे ही मीडिया में आया कि मालेगाँव धमाके में पाई गई मोटरसाईकिल साध्वी प्रज्ञा की थी (जो काफ़ी पहले उन्होंने बेच दी थी), कि तड़ से “हिन्दू आतंकवाद” नामक शब्द गढ़कर हिन्दुओं पर हमले शुरु…। फ़िर चाहे जेल में कसाब और अफ़ज़ल ऐश कर रहे हों, लेकिन साध्वी प्रज्ञा को अण्डे खिलाने की कोशिश या गन्दी-गन्दी गालियाँ देना हो… महिला आयोग, नारीवादी संगठन सब कहीं दुबक कर बैठ जाते हैं, क्योंकि मीडिया ने तो पहले ही उन्हें अपराधी घोषित कर दिया है। भारत के कितने अखबारों और चैनलों ने वेटिकन और अन्य पश्चिमी देशों में चर्च की आड़ में चल रहे देह शोषण के मामलों को उजागर किया है? चलिये वेटिकन को छोड़िये, केरल में ही सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं कितने लोगों को पता है… और वेटिकन तो अब इस तरफ़ काफ़ी आगे बढ़ चुका है, उधर सिर्फ़ महिलाओं के ही साथ यौन शोषण नहीं होता बल्कि पुरुषों के साथ भी “गे-सेक्स” के मामले सामने आ रहे हैं… द गार्जियन की खबर पढ़िये…
http://www.guardian.co.uk/world/2010/mar/04/vatican-gay-sex-scandal
बेंगलूरु के मठ वाले नित्यानन्द दोषी हैं या नहीं यह बाद में पता चलेगा, लेकिन उनके बहाने नरेन्द्र मोदी पर हमला करने का सुख(?) प्राप्त कर लिया गया, और यदि नित्यानन्द वाकई दोषी है तो उसे फ़ाँसी की सजा मिलनी चाहिये, यह माँग करने वालों की भीड़ भी जुट गई है, परन्तु इस बात पर कोई ध्यान नहीं देना चाहता कि जिस प्रकार कांची के शंकराचार्य और उड़ीसा के स्वामी लक्ष्मणानन्द सरस्वती धर्म परिवर्तन और ईसाई एवेंजेलिस्टों के खिलाफ़ मुहिम चलाये हुए थे, ठीक वैसे ही नित्यानन्द भी धर्म परिवर्तन की राह में रोड़ा बने हुए हैं, ऊपर से वह पिछड़ी जाति से भी आते हैं, ऐसे में भला करुणानिधि कैसे उन्हें सहन कर सकते थे। अरे भाई जब करुणानिधि हिन्दुओं के प्रतिष्ठित गुरु शंकराचार्य से नहीं डरे तो नित्यानन्द किस खेत की मूली हैं? जब मीडिया मेहरबान तो गधा पहलवान। अब रही बात सीडी की, तो कम्प्यूटर तकनीक के इस आधुनिक युग में कुछ भी सम्भव है… क्योंकि ऐसी भी खबर है कि जिस समय नित्यानन्द की यह सीडी बनाई गई उन्हें खाने में कोई ड्रग दिया गया था, परन्तु हिन्दुओं पर हमले करते समय चैनल/अखबार किसी बात का तटस्थ या तथ्यपूर्ण विचार नहीं करते, सिर्फ़ अपने “6M आकाओं” के आदेश का पालन करते हैं।
लेकिन किसी ऐसे पादरी की खबर “जेम्स” रॉय का चैनल नहीं दिखायेगा, जिसने एक अल्पवयस्क लड़की के साथ ज्यादती की और उसकी हत्या करवा दी (जबकि नित्यानन्द ने रंजीता के साथ उसकी मर्जी से सम्बन्ध बनाया होगा, उसकी हत्या नहीं की)। खबरों के अनुसार कोझीकोड के नीलाम्बर स्थित एक क्रिश्चियन होस्टल की स्कूली छात्रा अनु का शव पाया गया था जिस सम्बन्ध में पथनापुरम माउंट टबोर के फ़ादर(?) केजे जोसफ़ की गिरफ़्तारी हुई है। होस्टल की सहेली के बयानों के मुताबिक अनु के साथ बलात्कार और यौन शोषण की पुष्टि हो चुकी है, उसकी मौत चूहामार दवा खाने से हुई, लेकिन पुलिस को शक है कि यह विष उसे जबरदस्ती खिलाया गया है।
http://www.keralanext.com/news/2010/03/05/article104.asp
अनु की बहन ने दो पादरियों पर उसके यौन शोषण का आरोप लगाया है, इस पर पुलिस ने कहा है कि मामले में और भी गिरफ़्तारियाँ हो सकती हैं।
अरे रे रे रे रे, क्या कहा, आपको केरल के सिस्टर अभया हत्याकाण्ड की याद आ गई? स्वाभाविक बात है। उस केस में भी तो ऐसा ही कुछ हुआ था… 1992 में सिस्टर अभया की हत्या हुई थी, उसका भी यौन शोषण हुआ था, चर्च की ताकत द्वारा मामले को दबाने और उलझाने की वजह से 18 साल बाद भी अभया के परिजनों को न्याय नहीं मिल पाया है, ज्यादा जानना चाहते हैं तो इसे पढ़िये… (क्योंकि ऐसी खबरें “जेम्स” रॉय का NDTV आपको नहीं देगा…)
http://en.wikipedia.org/wiki/Sister_Abhaya_murder_case
और इसे पढ़िये…
http://www.rediff.com/news/2008/nov/19sister-abhaya-case-kerala-two-priests-held.htm
दिल्ली की जामा मस्जिद का अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के निर्णय की धज्जियाँ देखी हैं कभी किसी चैनल पर?
http://www.encyclopedia.com/doc/1P3-1134197141.html
प्रारम्भिक सदमे के बाद नित्यानन्द स्वामी के भक्तों ने भी मोर्चा संभाल लिया है और सन टीवी के कर्ताधर्ताओं से पूछा है कि क्या सन टीवी ने यह वीडियो टेप प्रदर्शन से पहले जाँच लिया था कि यह सही है या नहीं? क्या सन टीवी ने इस टेप को लेकर पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की? क्या चैनल ने कभी इस बात की पुष्टि करने की कोशिश की है कि आश्रम की जिस ज़मीन को लेकर वह हंगामा खड़ा कर रहा है, वह ज़मीन स्वामी के बंगलुरू स्थित एक भक्त ने दान में दी है? क्या चैनल ने स्वामी अथवा आश्रम के नाम पर ज़मीन के आधिकारिक रिकॉर्ड देखे हैं? वह वीडियो जिस कमरे में शूट किया गया है, वैसा कोई कमरा आश्रम में है ही नहीं, फ़िर इसकी शूटिंग कहाँ हुई? क्या वीडियो में दिखाया गया व्यक्ति स्वामी नित्यानन्द ही है? चैनलों ने सबसे पहले दिन अभिनेत्री रंजीता का चेहरा छिपा क्यों दिया था? यदि यह सब प्रायोजित नहीं था तो चैनल पर इस खबर के प्रसारित होने के 5 मिनट के अन्दर ही आक्रोशित लोगों(?) की भीड़ ने आश्रम पर हमला कैसे कर दिया? भीड़ ने हमले के दौरान आश्रम में रह रहे हिन्दू भक्तों और महिलाओं से बदतमीजी क्यों की? उल्लेखनीय है कि चैनल सन टीवी और नक्कीरन अखबार में हेडलाइन यही थी कि फ़र्जी स्वामी नित्यानन्द सेक्स स्कैण्डल में फ़ँसे, यानी इन्होंने बगैर किसी जाँच या मुकदमे के स्वामी को तुरन्त दोषी ठहरा दिया और हल्ला मचा दिया… असल में यह चाल काउण्टर बैलेंसिंग कही जाती है। पिछले एक वर्ष में अमेरिका में चर्च ने ननों के शारीरिक और मानसिक शोषण और बच्चों के साथ पादरियों के यौन मामलों में लगभग 6 करोड़ डालर का मुआवज़ा चुकाया है तथा पोप सतत देश-दर-देश उनके द्वारा नियुक्त पादरियों के कुकर्मों की माफ़ी माँगते घूम रहे हैं। इसलिये भारत में हिन्दू धर्मगुरुओं को खासकर निशाना बनाया जा रहा है ताकि बैलेंस बना रहे, लेकिन भारत का मीडिया चर्च के कुकर्मों को सामने लाने में हमेशा पीछे ही रहा है।
इस बात को काफ़ी पहले ही साबित किया जा चुका है कि जहाँ एक ओर भारत में इस्लाम का प्रसार जेहाद, जोर-जबरदस्ती और आतंक के जरिये किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर चर्च का प्रसार, चालबाजियों, दुष्प्रचार, पैसों के लालच पर धर्म-परिवर्तन और मीडिया के उपयोग द्वारा किया जा रहा है, ऐसे खतरनाक हालातों में सभी हिन्दू धर्मगुरुओं और खासकर बाबा रामदेव को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि वे तो लुटेरी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का भी भारी नुकसान कर चुके हैं और उनके निशाने पर हैं… सो आने वाले दिनों में हमें हिन्दू धर्म के अन्य प्रतीकों और धर्माचार्यों के किस्से-कहानियाँ-स्कैण्डल सुनने को मिलें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिये…
सरकारी आँकड़ों के मुताबिक भारत में मिशनरी संस्थाओं का सबसे अधिक ज़मीन पर कब्जा है कभी मीडिया ने हल्ला मचाया? माओवादियों और नक्सलवादियों के कैम्पों में महिला कैडर के साथ यौन शोषण और कण्डोम मिलने की खबरें कितने चैनल दिखाते हैं? लेकिन चूंकि हिन्दू धर्मगुरु के आश्रम में हादसा हुआ है तो मीडिया ऐसे सवालों को सुविधानुसार भुला देता है, और कोशिश की जाती है कि येन-केन-प्रकारेण नरेन्द्र मोदी या संघ या भाजपा का नाम इसमें जोड़ दिया जाये, या और कुछ नहीं मिले तो हिन्दू संस्कृति-परम्पराओं को ही गरिया दिया जाये। मीडिया और सेकुलरों के लगातार जारी इस दुष्प्रचार और दोगलेपन को समय-समय पर प्रकाशित और प्रचारित किया ही जाना चाहिये, जनता को बताना होगा कि ये लोग किस तरह से पक्षपाती हैं, पक्के हिन्दू-विरोधी हैं। इस काम के लिये बड़ी मात्रा में विदेशों से हवाला और NGOs के जरिये पैसा आता है (एक हम हैं जो अपने ब्लॉग पर "डोनेट" का बटन लगाये बैठे हैं फ़िर भी कोई पैसा ही नहीं देता)।
लेख का सार यह है कि नित्यानन्द जो भी है, जैसा भी है अगर दोषी पाया गया तो (कानून के मुताबिक) सजा मिलनी ही चाहिये (उसी कानून? के मुताबिक जिसने सिस्टर अभया के हत्यारों को 18 साल बचाये रखा, उसी कानून? के मुताबिक, जिसने अफ़ज़ल की फ़ाँसी अब तक रोक रखी है), लेकिन इस बहाने हिन्दुओं और सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश का मुँहतोड़ जवाब दिया जायेगा। मीडिया की एकतरफ़ा चालबाजियों का एक उदाहरण हाल में देखा जा चुका है जब चैनलों के बीच कृपालु महाराज को दोषी और भगोड़ा ठहराने की होड़ सी लगी थी, कृपालु महाराज चाहे जैसे भी हों अपने किये की सजा भुगतेंगे ही। लेकिन किसी चैनल ने यह पूछने की ज़हमत नहीं उठाई कि कांग्रेस द्वारा 55 साल तक राज करने के बाद, उत्तरप्रदेश से अधिकतम प्रधानमंत्री होने के बावजूद, दलितों की मसीहा मायावती और विप्र सिंह के अवतरित होने के बावजूद, वहाँ के दलित इतने गरीब क्यों हैं कि सिर्फ़ एक थाली, लड्डू और कुछ रुपयों के लिये हजारों की संख्या में जमा हो जाते हैं?
“दीवार” फ़िल्म का एक डायलॉग याद आता है, इंस्पेक्टर रवि कहता है “दूसरों के पाप गिनाने से तुम्हारे अपने पाप कम नहीं हो सकते, दूसरों के जुर्म बताने से ये सच्चाई नहीं बदल जाती कि तुम भी एक मुजरिम हो…”। जी हाँ, बिलकुल सही बात है…… लेकिन जब एक ही पक्ष (हिन्दू) के जुर्म बार-बार बताये जायेंगे, एक ही पक्ष (हिन्दू धर्म) को बार-बार प्रताड़ित किया जायेगा, हिन्दू प्रतीकों-त्योहारों-संस्कारों-संतों को बार-बार अपमानित किया जायेगा, सिर्फ़ इसलिये कि तुम्हारे पास “चैनल” और “अखबार” की ताकत है, तब हम जैसे आम आदमी ब्लॉग ही तो लिखेंगे ना… (भले ही आलोक मेहता और मृणाल पाण्डे जैसे तथाकथित बड़े पत्रकार ब्लॉग को कचरा लेखन मानते हों)… क्योंकि अभी हमारे दिमागों में ऐसे संस्कार नहीं आ पाये हैं कि “धर्म खतरे में है…” कहते ही हम पत्थर और तलवारें लेकर सड़कों पर निकल पड़ें…। हाँ, एक बात तो तय है कि मीडिया लगातार ऐसी ही हिन्दू विरोधी खबरें दिखाता रहे तो कभी न कभी ऐसे “संस्कार” भी आ आयेंगे, और फ़िर उस दिन क्या होगा, कहना मुश्किल है…
==================
राष्ट्रवादी विचारों के प्रचार-प्रसार हेतु अधिकाधिक सहयोग करें - स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया खाता क्रमांक 030046820585 (SURESH CHIPLUNKAR) - IFSC Code : SBIN0001309
Nityanand Swami Sex Scandal, Narendra Modi and Nityanand, NDTV and Karunanidhi, Hindu Godmen Denigration, Church and Sex Abuse, Vatican and Gay-Sex, Sister Abhaya Case of Kerala, Conversion and Missionary , नित्यानन्द स्वामी सेक्स स्कैण्डल, नरेन्द्र मोदी और नित्यानन्द स्वामी, NDTV करुणानिधि और हिन्दू संतों का अपमान, चर्च और स्कैण्डल, सिस्टर अभया हत्या मामला केरल, वेटिकन और गे-सेक्स, धर्म परिवर्तन और मिशनरी ताकतें, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
Published in
ब्लॉग
Tagged under

Super User