इस सम्मान लौटाने की नौटंकी के बाद कम से कम देश को यह तो पता चला कि “अच्छा!!! इसे भी पुरस्कार मिला हुआ है??”, “अच्छा!!! इसे कब सम्मान मिल गया, लिखता तो दो कौड़ी का भी नहीं है..”. साथ ही इसी बहाने ऐसे सभी सम्मान पुरस्कार लौटाऊ साहित्यकारों की “पोलमपोल” लगातार खुलती जा रही है. इसी कड़ी में एक नाम है वडोदरा के सयाजीराव विवि के भूतपूर्व प्रोफेसर गणेश देवी साहब का...
गणेश देवी ने साहित्य अकादमी पुरस्कार क्यों लौटाया?
Written by Suresh Chiplunkar शनिवार, 24 अक्टूबर 2015 21:14आजकल देश के साहित्यकारों-लेखकों में सम्मान-पुरस्कार लौटाने की होड़ बची हुई है. बड़े ही नाटकीय अंदाज़ में देश को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि भारत में “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है”, “लेखकों को दबाया जा रहा है”, “कलम को रोका जा रहा है”... आदि-आदि-आदि.
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