इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों सम्बन्धी एक छोटी खुशखबरी… (माइक्रो पोस्ट)... EVM Hacking, Electronic Voting Machines in India
Written by Super User बुधवार, 20 अप्रैल 2011 17:26
बी के हरिप्रसाद एवं अन्य तकनीकी शोधकों का संघर्ष अन्ततः रंग लाता दिख रहा है। चुनाव आयोग ने हाल ही में वोटिंग मशीनें बनाने वाली दोनों सरकारी कम्पनियों के उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक कर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में डाले जाने वाले वोटों के “कागजी रिकॉर्ड” रखे जाने सम्बन्धी तकनीकी बदलाव करने हेतु बातचीत की है। EVM बनाने वाली दोनों कम्पनियों अर्थात भारत इलेक्ट्रोनिक्स (BEL) एवं इलेक्ट्रानिक कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (ECIL) को इस सम्बन्ध में सॉफ़्टवेयर एवं उचित हार्डवेयर बनाने के निर्देश दिये गये हैं ताकि मशीनों में दर्ज होने वाले वोटों का “प्रिण्टेड रिकॉर्ड” रखने की कोई मजबूत व्यवस्था हो।
उल्लेखनीय है कि सन 2004 में यूपीए की जीत के बाद से ही उक्त मशीनें संदेह के घेरे मे हैं एवं समय-समय पर विभिन्न शौकिया हैकरों एवं बीके हरिप्रसाद जैसे तकनीकी व्यक्ति ने इन मशीनों को सार्वजनिक रूप से “हैक” करके प्रदर्शित किया था, कि इन मशीनों को इस प्रकार “सेट” किया जा सकता है कि पड़ने वाले प्रत्येक दस वोट में से 4 या 5 किसी एक “खास पार्टी” के पक्ष में ही दर्ज हों, ताकि शक भी न हो सके। इसलिये लगातार यह माँग की जाती रही है कि मशीनों में दर्ज वोटों का कोई “पुख्ता सबूत” भी तो होना चाहिये, ताकि कभी “आवश्यकता पड़ने पर” जाँच की जा सके कि क्या वाकई मतदाता ने “उसी पार्टी” को वोट दिया था अथवा नहीं?
बीके हरिप्रसाद को कांग्रेस सरकार द्वारा तरह-तरह से परेशान किया जा चुका है, उन्हें खामख्वाह गिरफ़्तार भी किया गया था, परन्तु हरिप्रसाद इस बात पर अडिग रहे कि वोटिंग मशीनों के उत्पादन् से लेकर, विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में उनकी तैनाती तक के बीच में “कई छेद” ऐसे हैं जहाँ इन मशीनों को “मनमर्जी के मुताबिक हैक या प्रोग्रामिंग” किया जा सकता ह। वे इस “कलाकारी” का सार्वजनिक प्रदर्शन भी कर चुके हैं। अन्ततः सरकार को आंशिक रूप से झुकना पड़ा है एवं वोटिंग मशीनों को पूरी तरह बन्द नहीं करते हुए, सरकार ने इसके रिकॉर्ड को “प्रिण्ट-आउट” के रूप में रखने की शर्त मान ली है… अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वोट देने के तुरन्त बाद उस वोटर को उसके वोट की पर्ची दी जाएगी अथवा नहीं? क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता है तो गड़बड़ी की गुंजाईश फ़िर भी बनी रहेगी…
अधिक जानकारी एवं “ज्ञान” प्राप्ति के लिये इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के “फ़र्जीवाड़े” और “कलाकारी” पर समय निकालकर मेरी निम्न तीनों पोस्ट को पढ़ डालिये…
http://blog.sureshchiplunkar.com/2010/08/evm-hacking-hari-prasad-arrested.html
http://blog.sureshchiplunkar.com/2009/06/evm-rigging-elections-and-voting-fraud.html
==========
चलते-चलते :- खबर आई है कि असम के विधानसभा चुनाव में एक कांग्रेसी उम्मीदवार के पतिदेव ने एक टीवी चैनल पर बाकायदा चार्ट बनाकर यह घोषणा कर दी है कि किस विधानसभा क्षेत्र से कौन सा उम्मीदवार जीतेगा… बल्कि किसी-किसी विधानसभा क्षेत्र में तो इन महाशय ने यह भी बता दिया है कि उम्मीदवार “कितने वोटों” से जीतेगा…। यदि इन साहब की “भविष्यवाणी” (?) सही निकलती है तब या तो इन्हें “ज्योतिष क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान” देना ही पड़ेगा, अथवा इनका “पिछवाड़ा गरम” करके इनसे पूछा जाएगा कि यह सूचना उन्हें “कहाँ से” मिली? यानी अब असम विधानसभा चुनाव के नतीजों का, श्री हरिप्रसाद समेत सभी को बेसब्री से इंतज़ार है…
(बाबा रामदेव Vs अण्णा हजारे का भाग-2 एकाध दिन में आयेगा, तब तक “फ़िलर” के रूप में यह माइक्रो-पोस्ट पेश की गई है…)
उल्लेखनीय है कि सन 2004 में यूपीए की जीत के बाद से ही उक्त मशीनें संदेह के घेरे मे हैं एवं समय-समय पर विभिन्न शौकिया हैकरों एवं बीके हरिप्रसाद जैसे तकनीकी व्यक्ति ने इन मशीनों को सार्वजनिक रूप से “हैक” करके प्रदर्शित किया था, कि इन मशीनों को इस प्रकार “सेट” किया जा सकता है कि पड़ने वाले प्रत्येक दस वोट में से 4 या 5 किसी एक “खास पार्टी” के पक्ष में ही दर्ज हों, ताकि शक भी न हो सके। इसलिये लगातार यह माँग की जाती रही है कि मशीनों में दर्ज वोटों का कोई “पुख्ता सबूत” भी तो होना चाहिये, ताकि कभी “आवश्यकता पड़ने पर” जाँच की जा सके कि क्या वाकई मतदाता ने “उसी पार्टी” को वोट दिया था अथवा नहीं?
बीके हरिप्रसाद को कांग्रेस सरकार द्वारा तरह-तरह से परेशान किया जा चुका है, उन्हें खामख्वाह गिरफ़्तार भी किया गया था, परन्तु हरिप्रसाद इस बात पर अडिग रहे कि वोटिंग मशीनों के उत्पादन् से लेकर, विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में उनकी तैनाती तक के बीच में “कई छेद” ऐसे हैं जहाँ इन मशीनों को “मनमर्जी के मुताबिक हैक या प्रोग्रामिंग” किया जा सकता ह। वे इस “कलाकारी” का सार्वजनिक प्रदर्शन भी कर चुके हैं। अन्ततः सरकार को आंशिक रूप से झुकना पड़ा है एवं वोटिंग मशीनों को पूरी तरह बन्द नहीं करते हुए, सरकार ने इसके रिकॉर्ड को “प्रिण्ट-आउट” के रूप में रखने की शर्त मान ली है… अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वोट देने के तुरन्त बाद उस वोटर को उसके वोट की पर्ची दी जाएगी अथवा नहीं? क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता है तो गड़बड़ी की गुंजाईश फ़िर भी बनी रहेगी…
अधिक जानकारी एवं “ज्ञान” प्राप्ति के लिये इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के “फ़र्जीवाड़े” और “कलाकारी” पर समय निकालकर मेरी निम्न तीनों पोस्ट को पढ़ डालिये…
http://blog.sureshchiplunkar.com/2010/08/evm-hacking-hari-prasad-arrested.html
http://blog.sureshchiplunkar.com/2009/06/evm-rigging-elections-and-voting-fraud.html
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चलते-चलते :- खबर आई है कि असम के विधानसभा चुनाव में एक कांग्रेसी उम्मीदवार के पतिदेव ने एक टीवी चैनल पर बाकायदा चार्ट बनाकर यह घोषणा कर दी है कि किस विधानसभा क्षेत्र से कौन सा उम्मीदवार जीतेगा… बल्कि किसी-किसी विधानसभा क्षेत्र में तो इन महाशय ने यह भी बता दिया है कि उम्मीदवार “कितने वोटों” से जीतेगा…। यदि इन साहब की “भविष्यवाणी” (?) सही निकलती है तब या तो इन्हें “ज्योतिष क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान” देना ही पड़ेगा, अथवा इनका “पिछवाड़ा गरम” करके इनसे पूछा जाएगा कि यह सूचना उन्हें “कहाँ से” मिली? यानी अब असम विधानसभा चुनाव के नतीजों का, श्री हरिप्रसाद समेत सभी को बेसब्री से इंतज़ार है…
(बाबा रामदेव Vs अण्णा हजारे का भाग-2 एकाध दिन में आयेगा, तब तक “फ़िलर” के रूप में यह माइक्रो-पोस्ट पेश की गई है…)
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