desiCNN - Items filtered by date: जुलाई 2017

सामान्यतः आज देश के विभिन्न भागों में बंग्लादेशी व पाक-परस्त ज़िहादी अनेक प्रकार से इस्लामिक आतंकवाद में लिप्त है, जिससे बढती हुई राष्ट्रिय व सामाजिक समस्याओं का किसी को अनुमान ही नहीं हो रहा है। क्योंकि भारत की हज़ारों वर्ष पुरानी सत्य सनातन संस्कृति और दर्शन को आज के छदम सेक्युलर केवल मैकाले व मार्क्सवाद की दृष्टि से देखने के आदी हो चुके है।

Published in आलेख

(यह लेख मूलतः नितिन श्रीधर ने लिखा है, और इसका हिन्दी अनुवाद अवतंस कुमार ने किया है)

इसके पहले वाले लेख में (उस लेख की लिंक यह है)... हमने दुनियाँ भर के विभिन्न मतों और संस्कृतियों में मासिक-धर्म से जुड़ी मान्यताओं और प्रचलनों पर विचार किया था।

Published in आलेख

पिछले बीस-पच्चीस वर्षों में, जब से भारत ने मुक्त अर्थव्यवस्था को अपनाया है भारत के लाखों युवा विदेशों में नौकरी-धंधा कर रहे हैं. अमेरिका-कनाडा-ऑस्ट्रेलिया-अरब देशों सहित यूरोप के तमाम देशों में भारतीयों ने सफलतापूर्वक अपनी मेहनत एवं प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

Published in ब्लॉग

प्राचीन भारत में हमारे ऋषि-मुनियों एवं विद्वानों ने जनता को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए परम्पराओं में कई ऐसे खेल आविष्कार कर दिए थे, जिनके द्वारा न सिर्फ हिन्दुओं का युद्ध कौशल उभरकर सामने आता था, बल्कि शस्त्रों को पहचानने, उनके द्वारा सटीक हमला करने एवं उनसे बचाव करने की तकनीक भी व्यक्ति खेल-खेल में ही सीख जाता था.

Published in आलेख

हाल ही में एक प्रसिद्ध पत्रिका “आउटलुक” ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन अपने अंतिम समय से पहले हिन्दू दलित नहीं रह गए थे, बल्कि वे “कन्वर्टेड ईसाई” बन चुके थे.

Published in आलेख

सतनामियों के इतिहास के बारे में अधिकाँश लोग अंजान हैं. झारखंड, छत्तीसगढ़ और बंगाल के एक बड़े हिस्से में फैले लगभग एक करोड़ से अधिक सतनामी समुदाय वही हैं, जिन्होंने औरंगजेब द्वारा हिन्दुओं पर जजिया थोपने के इस्लामिक फैसले का कठोरतम विरोध किया था.

Published in आलेख

भारत की कई महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक महत्त्व की बेशकीमती वस्तुएँ आज भी विदेशों के संग्रहालयों अथवा सरकारों के कब्जे में मौजूद हैं. इन अनमोल विरासतों के बारे में भारत सरकार के पास सबूत भी मौजूद हैं, परन्तु कुछ कानूनी एवं कुछ तकनीकी कारणों की वजह से भारत के ये गौरवशाली विरासत अभी भी भारत में नहीं आ पाई हैं. कोहिनूर हीरा तो खैर विश्वप्रसिद्ध है ही, उसी से मिलता-जुलता एक और हीरा है, जिसका नाम है “नासक”.

Published in आलेख

सृष्टि विज्ञान के दो पहलू हैं। पहला पहलू है कि सृष्टि क्या है? आधुनिक विज्ञान यह मानता है कि आज से 13.7 अरब वर्ष पहले बिग बैंग यानी कि महाविस्फोट हुआ था। उसके बाद जब भौतिकी की रचना हुई, अर्थात्, पदार्थ में लंबाई, चौड़ाई और गोलाई आई, वहाँ से विज्ञान की शुरुआत हुई। उससे पहले क्या हुआ, इस पर विज्ञान मौन है। क्योंकि भौतिकी की यह सीमा है।

Published in आलेख

कुछ तथाकथित दलित चिंतकों (असल में वेटिकन के गुर्गे) का सदा से आरोप रहता है कि मंदिरों में दलितों के साथ भेदभाव किया जाता है, उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं मिलता. हालाँकि यह बात पहले ही सिद्ध हो चुकी है कि यह केवल दुष्प्रचार भर है, क्योंकि देश के हज़ारों मंदिरों में से इक्का-दुक्का को छोड़कर किसी भी मंदिर में घुसते समय, किसी से उसकी जाति नहीं पूछी जाती है.

Published in आलेख

हाल ही में केरल के एक उच्च पदस्थ से रिटायर्ड हुए पुलिस अधिकारी ने हिन्दू-मुस्लिम-ईसाई समुदायों के पैदा होने वाले बच्चों के बारे में जो शोध रिपोर्ट सार्वजनिक की उसके बाद केरल के राजनैतिक तबकों के साथ-साथ ईसाई बहुल क्षेत्रों में भी बेचैनी फ़ैल गयी है.

Published in आलेख
पृष्ठ 1 का 4