कथित प्रगतिशील सहिष्णुता का असली चेहरा...
‘सत्ता’ का असली अर्थ मुझे तब समझ में आया जब दिल्ली में मुझे 1994 में “संस्कृति सम्मान” पुरस्कार मिला .वहां स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) में मैं दो दिनों तक रुका था.वैसे भी सूचना और संस्कृति मंत्रालयों से मेरा जुडाव तो था ही ,परन्तु इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) वो जगह है जहाँ 'सत्ता' सोने की चमकती थालियों में परोसी जाती है.
मुस्लिमों का नकली दलित प्रेम
इस्लाम में तमाम तरह की ऊँच-नीच और जाति प्रथा होने के बावजूद अपना घर सुधारने की बजाय, उन्हें हिन्दू दलितों की “नकली चिंता” अधिक सताती है. विभिन्न फोरमों एवं सोशल मीडिया में असली-नकली नामों तथा वामपंथी बुद्धिजीवियों के फेंके हुए बौद्धिक टुकड़ों के सहारे ये मुस्लिम बुद्धिजीवी हिंदुओं में दरार बढ़ाने की लगातार कोशिश करते रहते हैं. जबकि इनके खुद के संस्थानों में इन्होंने दलितों के लिए दरवाजे बन्द कर रखे हैं.
फ्री बेसिक्स बनाम नेट न्यूट्रलिटी
दुनिया में कभी भी, कुछ भी “मुफ्त” नहीं होता, “मुफ्त” नहीं मिलता यह एक सर्वमान्य सिद्धांत है जो हम भारतवासी अक्सर भूल जाते हैं. जब Internet.org की योजनाओं का गहराई से विवेचन किया गया तब पता चला कि वास्तव में यह योजना “इंटरनेट रूपी टॉफी की लत लगे हुए भारतीयों के लिए” उस ठग का एक मायाजाल ही है.