वैसे तो इस विषय के बारे में बहुत से बन्धु जानते होंगे, परन्तु मुझे लगा कि यदि कोई नहीं जानता तो उसके लिये यह एक उपयोगी सामग्री होगी.... उज्जैन के ही एक शख्स श्री अरुण ऋषि का एक न्यास है जिसका नाम है "आरोग्यवान भवः न्यास"... तो अरुण जी के अनुसार यदि रोज प्रातः हम दो मिनट ताली बजायें तो हमारा शरीर स्वस्थ रह सकता है । ताली बजाने की विधि इस प्रकार है कि - हमारी दोनों हथेलियाँ पूरी खुली हों अर्थात दोनों हथेलियों के सभी बिन्दु आपस में अधिक से अधिक स्पर्श करें । खुली हवा में बैठें या खडे़ रहें...पूरी खुली हथेलियों को आपस में जोर से टकरायें... लेकिन शुरुआत में धीरे-धीरे कुछ सेकंड तक फ़िर उसे तेज करते जायें... लगभग एक मिनट तक लगातार ताली बजाने पर आपकी हथेलियों मे थोडी सी गर्मी आ जायेगी या हो सकता है कि किसी व्यक्ति की हथेलियों में हल्की सी जलन होने लगे... तब रुक जायें... दोनों हथेलियों को आपस में रगडें... और चेहरे पर मालिश करें... यही प्रक्रिया कुछ देर बाद जब हथेलियों की गर्मी, जलन खत्म हो जाये फ़िर से एक मिनट के लिये ताली बजायें... इस प्रकार कुल दो मिनट ताली रोज सुबह बजायें... इसके साथ ही रोज नहाते वक्त अपने पैरों के तलवे रगड़-रगड़ कर साफ़ करें... जैसे-जैसे आपके तलवे चमकदार होते जायेंगे, आपके चेहरे पर भी तेज बढता जायेगा... वैसे तो यह आजमाया हुआ तरीका है, लेकिन यदि किसी को इस पर विश्वास नहीं हो रहा हो तो वे कृपया इसे एक-दो महीने तक करके देखें, क्योंकि इसमे नुकसान कुछ भी नहीं है, सिर्फ़ फ़ायदा ही फ़ायदा है... उपरोक्त ताली चिकित्सा और कुछ नहीं बल्कि चीनी "एक्यूप्रेशर" का सरलतम रूप है... इसका वैज्ञानिक आधार यह है कि जब हम जोर-जोर से ताली बजाते हैं तो हमारे हथेलियों में स्थित सूक्ष्म बिन्दु जिनसे सारे शरीर को रक्त की आपूर्ति होती है वे सक्रिय हो जाते हैं । उन रक्त नलिकाओं पर दबाव बनता है और प्रातः की शुद्ध प्राणवायु के साथ मिलकर वह खराब रक्त को स्वच्छ करता है । साथ ही हृदय की धमनियों को जो रक्त जाता है वह भी अतिरिक्त शुद्ध होकर जाता है... जब आप एक मिनट तक लगातार ताली बजायेंगे तो आपको पसीना आयेगा, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है... यदि एक मिनट तक लगातार नहीं बजा सकते हैं तो कोई बात नहीं जब हाथ में दर्द सा महसूस होने लगे, तत्काल रुक जायें... फ़िर कुछ देर बाद बजायें... धीरे-धीरे प्रैक्टिस से आप लगातार दो मिनट तक जोर-जोर से ताली बजा पायेंगे... यही एक्यूप्रेशर तकनीक तलुवों में भी काम करती है । हमारे शरीर के सभी अंगों के लिये हथेलियों और तलुवों में बिन्दु बने होते है सिर्फ़ उनपर दबाव देना होता है और सारी रक्त नलिकायें खुलती चली जाती हैं । ताली चिकित्सा का आधार हमारी आरतियों में भी समाहित है, जब सभी मिलकर ताली बजाते थे और आरती गाते थे । वैसे भी यह वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध हो चुका है कि घंटियों की आवाज से हवा में मौजूद सूक्ष्म कीटाणु और बैक्टीरिया मर जाते हैं । तो भाईयों... रोज दो मिनट ताली बजायें, नहाते वक्त तलवे रगडें और स्वस्थ रहें ।