एण्ड नोबेल प्राईज गोज़ टू...इंडियन क्रिकेट टीम

Written by शनिवार, 24 मार्च 2007 22:09

चौंकिये नहीं... नोबेल पुरस्कार क्रिकेट टीम को भी मिल सकता है... अब देखिये ना जब से हमारी क्रिकेट टीम यहाँ से विश्व कप खेलने गई थी... तो वह कोई कप जीतने-वीतने नहीं गई थी...वह तो निकली थी एक महान और पवित्र उद्देश्य..."विश्व बन्धुत्व" का प्रचार करने । जब प्रैक्टिस मैच हुए तो भारत की टीम ने दिखा दिया कि क्रिकेट कैसे खेला जाता है... लेकिन जब असली मैच शुरू हुए तो भारत की टीम पहला मैच बांग्लादेश से हार गई...

बांग्लादेश से वैसे भी भारत के बहुत मधुर सम्बन्ध हैं...वहाँ से हमारे यहाँ आना-जाना लगा रहता है... वह तो हमारा छोटा भाई है... इसलिये वहाँ क्रिकेट को बढावा देने के लिये बडे भाई को तो कुर्बानी देनी ही थी, सो दे दी । फ़िर बात आई पाकिस्तान की... अब आप सोचेंगे कि वह तो हमारे ग्रुप में ही नहीं था... लेकिन भई है तो हमारा पडोसी ही ना... जैसे ही वे मैच हारे और बाहर हुए... भारत की टीम का हाजमा भी खराब हो गया... फ़िर एक बार पडोसी धर्म निभाने की बारी थी "बडे़ भाई" की... सो फ़िर निभा दिया... रह गया था तीसरा पडोसी श्रीलंका... उससे भी हमने मैच हार कर उसे भी दिलासा दिया कि तुम अपने-आप को अकेला मत समझना... "बडे़ भाई" सभी का खयाल रखते हैं... सो श्रीलंका से भी मैच हार गये । अब सोचिये एक ऐसे महान देश की महान टीम जो कि विश्व बन्धुत्व की भावना से ही मैच खेलती है, क्या उसे शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिलना चाहिये ? और यह तो मैने बताई सिर्फ़ एक बात जिससे नोबेल पुरस्कार मिल सकता है, मसलन...अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भी इस महान टीम ने काम किया... अब ये लोग मैच जीतते रहते तो सट्टा चलता रहता, देशवासियों का करोडों रुपया बरबाद होने से इन वीरों ने बचाया... लोगबाग रात-बेरात जाग-जाग कर मैच देखते... अलसाये से ऑफ़िस जाते और काम-धाम नहीं करते... हमारी इस महान टीम ने अरबों घण्टों का मानव श्रम बचाया और लोगों को टीवी से दूर करने में सफ़लता हासिल की, इतना महान कार्य आज तक किसी ने किया है ? और रही बात कप की... तो ऐसे कप तो हमारे जयपुर में ही बनते हैं कभी भी जाकर ले आयेंगे... उसके लिये इतनी सारी टीमों से बुराई मोल लेना उचित नहीं है...क्या पता कल को उनमें से आडे़ वक्त पर कोई हमारे काम आ जाये... भाईचारा बनाये रखना चाहिये...
और भी ऐसी कई बातें हैं जो इसमें जोड़ दी जायें तो नोबेल पक्का... नोबेल वालों को घर पर आकर नोबेल देना पडे़गा... विश्व बन्धुत्व, अर्थव्यवस्था को एक बडा योगदान, करोडों मानव श्रम घण्टों की बचत, कोई भी एक टीम एक साथ इतने सारे क्षेत्रों में महान काम नहीं कर सकती... और तो और भारत की टीम से हमारे सदा नाराज रहने वाले वामपंथी भाई भी खुश होंगे, क्योंकि इन खिलाडियों ने बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से पैसे तो पूरे ले लिये लेकिन जब उनका माल बिकवाने की बारी आई तो घर बैठ गये... इसे कहते हैं "चूना लगाना"....तो भाई लोगों यदि आप भी ऐसा ही समझते हैं कि नोबेल पुरस्कार भारत की क्रिकेट टीम को ही मिलना चाहिये... तो अपने मोबाईल के बॉक्स में जाकर "मू" "र" "ख" टाईप करें और 9-2-11 पर एसएमएस करें... सही जवाबों में से किसी एक विजेता को मिलेगी धोनी के बालों की एक लट, जो उन्होंने वापस आते वक्त हवाई जहाज में कटवाई थी, ताकि कहीं लोग उन्हें पहचान ना लें... तो रणबाँकुरों उठो...मोबाईल उठाओ और शुरू हो जाओ...

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