राष्ट्रीय सौर कैलेण्डर और भारतीय पंचांग क्या है? - जानिये
Written by लीना मेहेंदले मंगलवार, 22 सितम्बर 2020 19:17कितने लोगों को पता है कि राष्ट्रीय प्रतीकों की ही भांति देश की सरकार ने अपना एक कैलेंडर भी मान्य किया है, जोकि अपने देश की प्राचीन पंचांग परंपरा पर आधारित है। पंडित नेहरू द्वारा प्रसिद्ध विज्ञानी मेघनाद साहा के नेतृत्व में बनाई गई कैलेंडर समिति ने अंग्रेजी कैलेंडर के स्थान पर भारत के परंपरागत पंचाग व्यवस्था पर आधारित सौर शक संवत् को अपनाने का सुझाव दिया था।
इन दिनों देश के खुफिया, रणनीतिक और सामरिक हलकों में एक तूफान-सा आया हुआ है। इस तूफान की वजह है एक बहुसंस्करण अंगरेजी अखबार द्वारा हाल ही में किया गया खुलासा। वह यह है कि चीन एक कंपनी के माध्यम से एक विशालकाय डाटाबेस के जरिये कई देशों के महत्वपूर्ण से लेकर आम लोगों तक की गतिविधियों पर न सिर्फ नजर रखे हुए है, बल्कि विस्तृत जानकारी भी जुटा रहा है।
आश्रम वेबसीरीज :- हिन्दू धर्म की छवि बिगाड़ने का एक और प्रयास
Written by desiCNN शनिवार, 19 सितम्बर 2020 19:42टाइम्स इंटरनेट (टाइम्स ग्रुप की वेब शाखा) के स्वामित्व वाली वीडियो स्ट्रीमिंग और एम एक्स प्लेयर (MXPlayer) ने हाल ही में ‘आश्रम’ नामक एक वेब श्रृंखला प्रसारित की है । निर्माताओं के अनुसार, प्रकाश झा द्वारा निर्देशित श्रृंखला ‘उन नकली धर्मगुरुओं की वास्तविकता को उजागर करने का प्रयास है जो भोले-भाले लोगों को अपना लक्ष्य बनाते हैं’ ।
यू-ट्यूब से शुरू हुई, बेलारूस की चप्पल क्रान्ति क्या है?
Written by प्रणव प्रियदर्शी शुक्रवार, 18 सितम्बर 2020 19:14वक्त की चाल एक जैसी नहीं होती। कभी तो यह ऐसी मंथर गति पकड़ लेता है कि साल दर साल यूं ही बीतते चले जाते हैं और कभी इतनी तेज रफ्तार हासिल कर लेता है कि एक दिन एक युग पर भारी पड़ जाता है। पूर्व सोवियत संघ से अलग हुआ छोटा सा देश बेलारूस आजकल वक्त के इसी रोचक बदलाव का गवाह बना हुआ है।
पद्मनाभ स्वामी मुक्त हुए :- अब बाकी मंदिर कैसे मुक्त होंगे??
Written by सुरेश चिपलूनकर शुक्रवार, 18 सितम्बर 2020 18:57आठ-नौ वर्ष की लंबी कानूनी लड़ाई के पश्चात् हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया है कि केरल स्थित स्वामी पद्मनाभ मंदिर के प्रबंधन एवं निर्णय में त्रावनकोर के महाराज मार्तंड वर्मन राजवंश की ही प्रमुख भूमिका रहेगी। इस निर्णय का सभी सनातनधर्मियों में ह्रदय से स्वागत किया है।
आधुनिक भारत में समय की माँग है :- ऑनलाइन मतदान
Written by प्रभुनाथ शुक्ल शुक्रवार, 18 सितम्बर 2020 18:49ऑनलाइन वोटिंग की व्यवस्था वर्तमान समय की मांग है। आधुनिक तकनीक और विकास की वजह से वोटिंग के दूसरे तरीके भी अब मौजूद हैं। वैसे इसे हैक की आशंका से खारिज नहीँ किया जा सकता है। वोटरों को सीधे आधारकार्ड से जोड़ कर मतदान की आधुनिक सुविधा प्रणाली विकसित की जा सकती है।
कांजीवरम साड़ियों की अतिरिक्त चमक का रहस्य क्या है?
Written by सुलोचना वर्मा गुरुवार, 17 सितम्बर 2020 12:53मेरे चेन्नै ट्रांसफर के तीन महीने बाद पहली बार माता-पिता मेरे पास आए। यह जनवरी का महीना था। पोंगल के आसपास हमारी कांचीपुरम जाने की योजना बनी। चेन्नै से सड़क मार्ग से कांचीपुरम लगभग 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है। मुझे किसी ने बताया था कि गिंडी से कांचीपुरम के लिए बस मिल जाएगी।
छुआछूत और दलित :- वामपंथी पाठ्यक्रम से बाहर की तथ्यात्मक पुस्तकें...
Written by डॉक्टर त्रिभुवन सिंह गुरुवार, 17 सितम्बर 2020 12:35भारत के आज के दलित विमर्श को समझना हो तो आपको वर्ष 1930 से पहले के लिखी पुस्तकों को पढऩा चाहिए। इससे हमें पता चलता है कि वर्ष 1750 से 1900 के बीच भारत की जीडीपी विश्व जीडीपी का 25 प्रतिशत से घटकर मात्र 2 प्रतिशत बचती है और जिसके कारण 800 प्रतिशत लोग बेरोजगार और बेघर हो जाते हैं।
भारत के इतिहास में ऐसे-ऐसे योद्धा हुए हैं, जिनकी वीरता पूरे देश के लिए आदर्श हो सकती है। दुर्भाग्य यह है कि हमारी पाठ्य पुस्तकें उनके इतिहास को न केवल उपेक्षित करती हैं, बल्कि उन्होंने जिन्हें पराजित किया, ऐसे कमजोर शासकों को देश के राजा के रूप में चित्रित करती हैं। ऐसे विपरीत चित्र को बनाने में जिन्हें लज्जा नहीं आती, उन्हें प्रतिष्ठित इतिहासकार भी कहा जाता है।
कोरोना, सरकारी नियम और बैंक :- व्यापारी वर्ग की दुरावस्था
Written by Super User बुधवार, 16 सितम्बर 2020 19:00लॉकडाउन के बाद अब देश को अनलॉक करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन देश की वितरण व्यवस्था संभालने वाला 9 करोड़ की संख्या का व्यापारी वर्ग अभी तक व्यापार विकास प्रोत्साहन से अछूता ही रहा है। अनलॉक में व्यापारियों को कोई मदद तो नहीं मिली, उलटे वे सरकारी नियमावली के मकड़जाल, बैंकों के उत्पीड़न और नए-नए अध्यादेशों के शिकार हो गए हैं।