गरीबी और अशिक्षा का फायदा उठाकर बच्चों और महिलाओं की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। गरीब घर के बच्चों को कर्नाटक में काम दिलाने के बहाने मानव तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश रेलवे सुरक्षा बल ने किया है। स्पेशल ट्रेन में छापा मारकर 16 नाबालिग बच्चे को छुड़ाया गया। बच्चों को ले जा रहे तीन मानव तस्करों को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। सभी पूर्वांचन के गांवों के हैं। 12 से 15 साल की उम्र के इन बच्चों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया।
रोजगार का सुनहरा सपना बिहार में कैसे साकार होगा??
Written by ललित गर्ग गुरुवार, 05 नवम्बर 2020 19:13बिहार के चुनाव का सबसे प्रभावी एवं चमत्कारी मुद्दा रोजगार बन रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने माहौल की नजाकत को समझते हुए अपने संकल्प पत्र में 19 लाख रोजगार देने का वायदा किया है, जब से यह संकल्प-पत्र चुनावी समरांगण में आया है, बिहार के चुनावी माहौल का रंग ही बदल गया है। क्योंकि इससे पहले तक प्रांत के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री दस लाख नौकरियों का वायदा करने से तरह-तरह की आर्थिक विवशताओं के तर्क देते हुए किनारा करते हुए देखे जा रहे थे।
तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त होता असम प्रदेश
Written by डॉक्टर नीलम महेंद्र सोमवार, 02 नवम्बर 2020 19:43असम सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि अगले माह यानी नवंबर में वो राज्य में राज्य संचालित सभी मदरसों और संस्कृत टोल्स या संस्कृत केंद्रों को बंद करने संबंधी एक अधिसूचना लाने जा रही है।इस फैसले के अंतर्गत असम सरकार द्वारा संचालित या फिर यूँ कहा जाए, सरकार द्वारा फंडेड मदरसों और टोल्स को अगले पाँच महीनों के भीतर नियमित स्कूलों के रूप में पुनर्गठित किया जाएगा।
शाहबानो से शाहीनबाग :- मातृशक्ति की काँग्रेसी व्याख्या??
Written by प्रवीण गुगनानी सोमवार, 02 नवम्बर 2020 19:34सोनिया गांधी ने पिछले दिनों एक राष्ट्रीय समाचार पत्र मे एक लेख लिखा है। इस लेख मे वैसे तो कई कई विडंबनापूर्ण बाते हैं किंतु मैं मुख्यतः दो विषयों पर केंद्रित कर पाया हूं। एक देश मे लोकतंत्र की हत्या व दूजा विषय है देश की समूची मातृशक्ति की अस्मिता, कार्यक्षमता व आगे बढ़ने को शाहीन बाग जैसे बदनुमा दाग से जोड़ना।
हिन्दू धर्म में महिलाओं की मजबूत उपस्थिति एवं वेद
Written by डॉक्टर शुभता मिश्रा रविवार, 01 नवम्बर 2020 12:26हिन्दू धर्म को समझने के लिए उसके प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ अर्थात् ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद परम प्रमाण माने गए हैं। इन चारों वेदों में उद्धृत पवित्र मन्त्र वास्तव में ईश्वर की वाणी है, जिनके प्रति सभी हिन्दु धर्माबलंबियों की अगाध श्रद्धा और आस्था जुड़ी हुई है। सृष्टि के अनेक रहस्यों को उद्घाटित करता ऋग्वेद चारों वेदों में सबसे प्राचीन है, जिसमें मण्डल, सूक्त और ऋचाएं वर्णित हैं।
मप्र राजनैतिक परिदृश्य :- 11, 44 और 64 वर्ष का अजीब संयोग
Written by मनोज कुमार रविवार, 01 नवम्बर 2020 12:14शीर्षक आपको चौंका सकता है या कुछ देर के लिए सोचने के विवश कर सकता है लेकिन 11, 44 और 64 मध्यप्रदेश में बदलाव के महत्वपूर्ण वर्ष के रूप में रेखांकित है। 1956 में मध्यप्रदेश का पुर्नगठन होता है और 11 वर्ष बाद 1967 में पहला बदलाव देखने को मिलता है जब संविद शासन की स्थापना होती है। इसके 33 साल बाद यानि मध्यप्रदेश की स्थापना के 44 साल बाद वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश का विभाजन होता है और स्वतंत्र राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ प्रदेश का उदय होता है।
फालतू खर्चों पर अंकुश, मितव्ययिता को बचाना होगा...
Written by ललित गर्ग रविवार, 01 नवम्बर 2020 12:05प्रत्येक वर्ष 30 अक्टूबर को पूरी दुनिया में विश्व मितव्ययिता दिवस मनाया जाता है। मितव्ययिता दिवस केवल बचत का ही दृष्टिकोण नहीं देता है बल्कि यह नियंत्रित इच्छा, आवश्यकता एवं उपभोग की आवश्यकता व्यक्त करता है। जीवन में सादगी, संयम, अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण, त्याग एवं आडम्बर-दिखावामुक्त जीवन को प्राथमिकता देता है।
पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त शासन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सूचना का अधिकार कानून यानी आरटीआई एक्ट अस्तित्व में आया। 12 अक्टूबर, 2005 को भारत में लागू हुए इस कानून ने देश के नागरिकों को एक मायने में वास्तविक स्वतंत्रता दी। लेकिन आज 15 साल बाद भी इसके रास्ते में कई बाधाएं खड़ी हैं। जरूरत आरटीआई कानून को मजबूत करने की है।
कोरोना अनलॉक :- भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव शुरू
Written by प्रहलाद सबनानी बुधवार, 28 अक्टूबर 2020 13:36कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक गतिविधियां पूरे विश्व में ठप्प पड़ गईं थीं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा एवं मार्च 2020 के बाद से देश में आर्थिक गतिविधियों में लगातार कमी दृष्टिगोचर हुई। जिसके चलते, कई देशवासियों के रोज़गार पर विपरीत असर पड़ा था एवं शहरों से भारी मात्रा में मज़दूरों का ग्रामों की ओर पलायन दिखाई दिया था।
फ्रांस घटना :- इस्लामिक दुनिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
Written by विनोद कुमार सर्वोदय बुधवार, 28 अक्टूबर 2020 13:27पेरिस में 16 अक्टूबर को एक शिक्षक की नृशस हत्या करके एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार करके भड़के हुए इस्लामिक आतंकवाद ने सभ्य समाज को भयभीत करने का दुःसाहस किया है। विस्तार से समझने के लिए प्राचीन इतिहास को छोड़ते हुए 21 वीं सदी के आरम्भ से अब तक की कुछ घटनाओं पर विचार करना उचित रहेगा।