इस समय पूरे भारत में एक सकारात्मक वातावरण है. GST और नोटबंदी के झटकों के बाद अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सँवर रही है और सामान्य रूप से समाज में भी कोई बड़ी उथल-पुथल नहीं है.

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लगभग साढ़े तीन वर्ष पहले त्रिपुरा में भाजपा के प्रभारी पद पर सुनील देवधर (Sunil Deodhar) के नियुक्ति हुई थी. यह प्रदेश शुरू से लेकर आज तक भाजपा के लिए “भीषण सूखे” जैसा प्रदेश ही रहा है. यहाँ न तो भाजपा का कोई संगठन था और न ही कोई वैचारिक जमीन.

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