राजा जैनुल और श्रीभट्ट की समादरणीय जोड़ी जब कश्मीर में दो विपरीत दिशाओं में बहती सरिताओं-हिंदुत्व और इस्लाम को एक दिशा देने का अदभुत और प्रशंसनीय कार्य कर रही थी, तभी कहीं ‘शैतान’ उन अनोखे और प्रशंसनीय कार्यों को नष्ट करने के लिए उनकी जड़ों में मट्ठा डालने का कार्य भी कर रहा था। इस शैतान का उल्लेख इस्लामिक साहित्य में अक्सर मिलता है।

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