कणकवली रेलवे स्टेशन से मुम्बई यात्रा करते समय अथवा वहाँ से वापस आते समय स्टेशन की सीढ़ियों के पास श्री मधु दण्डवते (Madhu Dandavate) का जो तैलचित्र लगा हुआ है, मैं सदैव उसे दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करके ही आगे बढ़ता हूँ.

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