इतिहास में अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ, जब हिन्दुओं ने अपना धर्मनिरपेक्ष या उदार चेहरा न दिखाया हो। वह हमेशा ही अपनी धार्मिक उदारता के कारण अपनी क्षति करता रहता है। हिन्दुओं ने अपनी उदारता के कारण हमेशा धोखा खाया है, और उसके साथ ही वह चर्च और अरब देशों से संचालित प्रोपोगैंडा का शिकार भी है।

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