भारत वर्ष की समाजिक व्यवस्था सदियों से धार्मिक व सामाजिक सद्भाव व सौहार्द पर आधारित रही है। देश के ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जो हमें यह बताते आ रहे हैं कि किस तरह हमारे पूर्वजों ने सौहार्द की वह बुनियाद रखी जिस का अनुसरण आज तक हमारा देश और यहाँ के बहुसंख्य लोग करते आ रहे हैं।

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सामान्यतः आज देश के विभिन्न भागों में बंग्लादेशी व पाक-परस्त ज़िहादी अनेक प्रकार से इस्लामिक आतंकवाद में लिप्त है, जिससे बढती हुई राष्ट्रिय व सामाजिक समस्याओं का किसी को अनुमान ही नहीं हो रहा है। क्योंकि भारत की हज़ारों वर्ष पुरानी सत्य सनातन संस्कृति और दर्शन को आज के छदम सेक्युलर केवल मैकाले व मार्क्सवाद की दृष्टि से देखने के आदी हो चुके है।

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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं की सैकड़ों याचिकाओं को देखते हुए जल्दी ही तीन तलाक, हलाला, शरीयत कोर्ट और बहुविवाह जैसे मामलों के संवैधानिक पहलुओं को देखने और इन पर दिशानिर्देश जारी करने के लिए पाँच जजों की एक संवैधानिक पीठ गठित की जाएगी.

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