परिवार भारत का वैशिष्ट्य माना जाता है। यह इसलिए कि परिवार के भाव का जो विस्तार भारतभूमि में हुआ, वह अन्यत्र कहीं और नहीं हुआ, बल्कि हुआ यह कि जो परिवार भारत में एक भाव था और जिसका विस्तार अपने कुटुम्ब से बढ़ कर संपूर्ण पृथ्वी तक हुआ था, उस परिवार भाव को अन्यत्र विशेषकर यूरोप में एक संस्था माना और बना दिया गया और इस प्रकार वह एक व्यक्तिगत सत्ता का प्रतीक बनकर रह गया।

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