संवाद एक सिखाई गई चीज़ है. बचपन में हम सब को शब्द और उनसे जुड़े भाव सिखाये गए तो हम बोलने लगे. आगे स्कूल-कॉलेज में लिखना सिखाया गया. समय बदलने के साथ जब सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी संवाद के लिए होने लगा तो इसे भी सिखाया जाना चाहिए था.

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