बड़ा ही विचित्र सा शीर्षक है यह, क्या श्री भगवद्गीता की पुनरुत्पादन क्षमता पर कोई लेख भी लिखा जा सकता है? गीता (Bhagvadgita and Krishna) क्या कोई बीज है? जिसे बोने से कुछ उत्पन्न हो सकेगा? गीता तो ज्ञान की पुस्तक है, उपदेश है एवं इसका पठन, पाठन एवं जीवन में इसके उपदेशों को उतारना ही गीता की क्षमता है एवं हमारे देश में हजारों वर्षों से साधू संत एवं विद्वान् इस विषय पर भांति भांति के लेखन कर चुके हैं एवं कई विद्वानों ने गीता रहस्य, प्रस्थान त्रयी पर भाष्य, श्री कृष्ण भावनामृत आदि आदि द्वारा गीता के रहस्यों को उद्घाटित किया है, फिर यह उलटबांसी किसी वामपंथी या अज्ञानी के ही दिमाग की उपज हो सकती है.

Published in आलेख

श्रीमद्भागवद्गीता (Bhagvad Gita) सनातन धर्म का कालजयी ग्रन्थ है इस तथ्य को कोई नहीं नकार सकता है। इसे ग्रंथ को ग्रन्थ शिरोमणि कहा गया है, अर्थात यह इस जगत के सभी ग्रन्थों में से सर्वाधिक पूज्य और प्रतिष्ठित ग्रंथ है.

Published in आलेख