नवरात्रि आरम्भ हो गयी हैं. विजयदशमी भी आएगी ही. अपने आपको अम्बेडकरवादी, मूलनिवासी, साम्यवादी कहने वाले एक बार फिर से हमेशा की तरह JNU जैसे कुख्यात अड्डे पर विजयदशमी के स्थान पर "महिषासुर शहादत दिवस" मनाने का प्रपंच करेंगे.

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