राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घुसते ही आसमान में मंडराते चील-कौए-बाज आपका स्वागत करते मिलेंगे। बढ़ती जनसंख्या, बेतहाशा शहरीकरण और अंधाधुंध औद्योगिकीकरण ने दिल्ली के पर्यावरण को उसके पूरे पारिस्थितिकीय तंत्र को ध्वस्त कर दिया है। दिल्ली में मूलभूत समस्याओं आवास, यातायात, पानी व बिजली इत्यादि से निपटना अब चुनौती बन चुका है।

Published in आलेख