बिहार के चुनाव का सबसे प्रभावी एवं चमत्कारी मुद्दा रोजगार बन रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने माहौल की नजाकत को समझते हुए अपने संकल्प पत्र में 19 लाख रोजगार देने का वायदा किया है, जब से यह संकल्प-पत्र चुनावी समरांगण में आया है, बिहार के चुनावी माहौल का रंग ही बदल गया है। क्योंकि इससे पहले तक प्रांत के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री दस लाख नौकरियों का वायदा करने से तरह-तरह की आर्थिक विवशताओं के तर्क देते हुए किनारा करते हुए देखे जा रहे थे।

Published in आलेख

बिहार का चुनाव इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि इसके जरिए इस बात का भी फैसला होगा कि राज्य में अलग-अलग जमातों की नुमाइंदगी करने वाले दो बड़े नेताओं- लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान ने अपनी राजनीतिक विरासत अपने-अपने बेटे को सौंपने का जो काम किया है, उस पर जनता अपनी मुहर लगाती है या नहीं?

Published in आलेख

बिहार की सियासत में कभी धमक रखने वाली या यों कहें की विपक्षी की भूमिका निभाने वाली वामपंथ अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जहां महागठबंधन का हिस्सा बनकर 29 सीटों पर अपनी जोर आजमाइश कर रही है। वहीं एनडीए जो कि शुरुआती दौर से वामपंथ की नीतियों से दूरी बनाकर रखने वाली ने बिहार में वोटरों को ‘लाल झंडा’ का भय से अवगत कराना शुरु कर दिया है।

Published in आलेख

बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहाँ कोरोना महामारी के बीच चुनाव होने जा रहे हैं और भारत शायद विश्व का ऐसा पहला देश। आम आदमी कोरोना से लड़ेगा और राजनैतिक दल चुनाव। खास बात यह है कि चुनाव के दौरान सभी राजनैतिक दल एक दूसरे के खिलाफ लड़ेंगे लेकिन चुनाव के बाद अपनी अपनी सुविधानुसार एक भी हो सकते हैं।

Published in आलेख

बिहार विधानसभा चुनाव में जहां कल तक एनडीए और महागठबंधन के बीच वाकयुद्ध और राजनीतिक लड़ाई जारी थी। वहीं आज की तारीख में एनडीए और महागठबंधन अंदरुनी कलह से जुझ रहा है। महागठबंधन में कल तक जहां कांग्रेस, राजद, रालोसपा, वीआईपी एक साथ थे वहीं सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद होने के बाद महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, माले, सीपीआई जहां एक साथ हो गए।

Published in आलेख

बिहार की सियासत पल-पल बदल रही है। महागठबंधन में जहां कल तक जीच जारी थी और वीआईपी और रालोसपा ने मर्यादित सीटों के नहीं मिलने से किनारा कर लिया। वहीं एनडीए में भाजपा-जदयू के रिश्तों के बीच लोजपा के लाल चिराग की सियासत ने दोयम दर्जे की स्थिति पैदा कर रखी है।

Published in आलेख

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां एवं सरगर्मियां चरम पर हैं, वहां चुनावी चैसर अब लगभग बिछ चुकी है। कुल मिलाकर इस बार मुकाबला जेडीयू-बीजेपी बनाम आरजेडी-कांग्रेस-कम्युनिस्ट का बनता दिख रहा है। एनडीए में दरार पड़ चुकी है और लोजपा ने स्वतंत्र चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह चुनाव अनेक दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है।

Published in आलेख

बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों के एलान के साथ ही सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। चुनावी चौसर पर गोटियां बिछाने-सजाने, मतदाताओं को लुभाने-बरगलाने और सहयोगियों की गठरी का गांठ कसने का खेल शुरु हो गया है। चुनाव आयोग की कार्ययोजना के मुताबिक चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टुबर, तीन व सात नवंबर को संपन्न होंगे।

Published in आलेख