करीब दो साल पहले की बात है। भारतीय जनता पार्टी के आला नेताओं की प्रधानमंत्री निवास पर बैठक हुई। उसमें पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारी शामिल हुए। उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फीडबैक मांगी। तब एक महासचिव ने कहा था कि कार्यकर्ता निराश हो रहे हैं। उन्हें हमें संभालना होगा। तब प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा था कि आखिर क्या वजह है कि कार्यकर्ता निराश हो रहे हैं तो उस महासचिव का जवाब था कि कार्यकर्ताओं ने अपनी बेहतरी की अपेक्षा हमसे लगा रखी थी, लेकिन वह अपेक्षा पूरी नहीं हो पा रही है। इसलिए वे निराश हैं। तब प्रधानमंत्री का जवाब था कि आप कार्यकर्ताओं को समझाओ कि सरकार उन्हें कुछ नहीं दे सकती। प्रधानमंत्री का जवाब सुनकर वहां मौजूद सभी केंद्रीय पदाधिकारी अवाक रह गए थे।

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