सोमवार, 13 अगस्त 2018 20:54
वे पन्द्रह दिन :- १५ अगस्त, १९४७
आज की रात तो भारत मानो सोया ही नहीं है. दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता, मद्रास, बंगलौर, लखनऊ, इंदौर, पटना, बड़ौदा, नागपुर... कितने नाम लिए जाएं. कल रात से ही देश के कोने-कोने में उत्साह का वातावरण है. इसीलिए इस पृष्ठभूमि को देखते हुए कल के और आज के पाकिस्तान का निरुत्साहित वातावरण और भी स्पष्ट दिखाई देता है.
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