विगत कुछ वर्षों से “लव-जेहाद” एक वास्तविकता बन चुकी है. केरल हाईकोर्ट ने तो ईसाई संगठनों की याचिका पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट रूप से “लव-जेहाद” का नाम भी लिया था. इसके बावजूद “प्रगतिशील” कहे जाने वाले कुछ बुद्धिपिशाच अभी भी लव-जेहाद को काल्पनिक तथा हिन्दू संगठनों के मस्तिष्क की उपज बताते हैं. लेकिन नीचे दी गई कुछ अखबार कटिंग्स बताती हैं कि “लव-जेहाद एक वास्तविकता है”, और लड़कियों/महिलाओं को इससे बचाना जरूरी है.
बहरहाल लेख का विषय यह नहीं है कि “सेकुलर गधे” क्या सोचते हैं. लेख का विषय यह है कि लाख सावधानी के बावजूद यदि कोई हिन्दू महिला (या लड़की) किसी छद्म नामधारी मुसलमान के जाल में फँस जाती है, अथवा उसे इस बारे में कोई शक है... तो उस बहन को सिर्फ इतना समझाएँ कि कृपया वह अपने प्रेमी (या मंगेतर अथवा पति) से कुछ सवाल पूछे... इन्हीं सवालों से स्पष्ट हो जाएगा कि नाम बदलकर धोखा देने वाला अथवा “असली” मुस्लिम नाम रखकर भी उसे प्रेमजाल में फाँसने वाला उस बहन से वाकई प्रेम करता है या “लव-जेहाद” का मामला है. हिन्दू बहनों द्वारा (बहनों से) पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न इस प्रकार हैं... सबसे अंतिम ग्यारहवाँ सवाल जरूर पूछें...
१) क्या आपके प्रेमी (मंगेतर) की बहन को भी वैसी ही स्वतंत्रता हासिल है, जैसी आपको अपने हिन्दू परिवार में मिली हुई है? क्या आपके मुस्लिम प्रेमी (मंगेतर) की बहन भी आपकी ही तरह, किसी हिन्दू के साथ घूम-फिर सकती है, विवाह कर सकती है?
२) अपने प्रेमी (पति) से पूछें कि यदि आपको पता चले कि उसकी बहन किसी गैर-मुस्लिम के साथ सम्बन्ध रखे हुए है तो इस बारे में उसके क्या विचार हैं?
३) जिस तरह आप बड़ी श्रद्धा के साथ दरगाह/मजार पर उसके साथ गई थीं, क्या आपका मुस्लिम प्रेमी (मंगेतर/पति) भी आपके साथ मंदिर में जाता है, तिलक लगाकर प्रसाद ग्रहण करता है?
४) जिस तरह आप अपने मुस्लिम पति (प्रेमी) के साथ दरगाह अथवा मजार की सभी रस्मों, सिर ढँकना अथवा सजदा/नमाज अदा करती हैं, क्या वह भी उसी श्रद्धा के साथ मंदिरों में आरती/पूजा, मंत्रोच्चार करता है?
५) यदि कभी आपका मुस्लिम प्रेमी (पति) आपके हिन्दू देवताओं की खिल्ली उड़ाता है अथवा हिन्दू धर्म को कमतर बताता है, क्या तब आपने पैगम्बर मोहम्मद द्वारा छह वर्षीय आयशा के साथ निकाह के बारे में उससे कुछ पूछा है?
६) यदि आपने “गलती से” अथवा “जन्नत” के धोखे में इस्लाम स्वीकार कर लिया है, तो अपने प्रेमी (पति) से पूछिए कि मेरे माता-पिता ने इस्लाम नहीं अपनाया है, तो क्या उनको भी जन्नत मिलेगी?
उपरोक्त सवाल तो “व्यवहार” से सम्बन्धित हुए, अगले चार सवाल “कानूनी” टाईप के हैं, जिनसे तत्काल आपके मुस्लिम प्रेमी (पति) की पोल खुल जाएगी, कि यह “वास्तविक प्रेम है या लव-जेहाद”...
७) चूँकि वह आपसे प्रेम करता है, तथा प्रेम तो धर्म, पंथ, विश्वास से ऊपर की बात होती है, इसलिए आप ही क्यों इस्लाम स्वीकार करें... उसे कहिये कि वही हिन्दू धर्म स्वीकार करे.
८) क्या कभी आपके मुस्लिम प्रेमी (पति) ने आपको यह बताया है कि शरीयत क़ानून के मुताबिक़ वह चार विवाह कर सकता है और वह भी आपसे बिना पूछे अथवा बिना सहमति के.
९) क्या आपके मुस्लिम प्रेमी (पति) ने कभी आपको यह बताया है कि शरीयत के अनुसार वह किसी भी समय निकाहनामा रद्द करके आपको सिर्फ तीन-तलाक बोलकर, लिखकर, फोन पर, SMS पर व्हाट्स एप्प पर आपसे छुटकारा पा सकता है?
१०) क्या कभी आपने अपने मुस्लिम प्रेमी (पति) से “हलाला” के बारे में पूछा है कि, यह हलाला क्या होता है, कैसा होता है, क्यों होता है?
ऐसे कुछ और भी सवाल हैं, लेकिन आप इन चंद सवालों के जवाबों से ही जान जाएँगी कि आपका मुस्लिम प्रेमी (पति) वास्तव में आपसे कितना प्रेम करता है. साथ ही आप यह भी जान जाएँगी कि जो आपको फाँसने के लिए तमाम वादे करता था, वह वास्तव में “केवल अपने मज़हब” के प्रति वफादार है. यदि आपके मन में फिर भी कोई शक बाकी रह जाता है, अथवा ऊपर के सभी सवालों के जवाब घुमा-फिराकर अथवा आपको बहला-फुसलाकर आपको मना लेता है, तो उससे यह अंतिम सवाल और पूछिए...
११) जिस प्रकार आप अपने मुस्लिम पति (प्रेमी) के साथ हिन्दू देवताओं की खिल्ली उड़ाने वाली फिल्मों “पीके” अथवा “OMG” देखने गईं थीं, तब आप दोनों खूब हँसे थे... क्या आपका मुस्लिम प्रेमी (पति) ऐसी ही किसी चित्र प्रदर्शनी में आपके साथ जाना पसंद करेगा, जिसमें पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून बनाए गए हों?? क्या आपका मुस्लिम प्रेमी (पति) तब भी इतना ही खुश होगा, जितना वह “PK” अथवा “OMG” देखते समय हुआ था??
कहने का तात्पर्य यह है कि यदि कोई बहन “लव जेहाद” में नहीं फँसी है तो अच्छी बात है, लेकिन यदि किसी बहन को शक है कि शायद वह लव-जेहाद” में फँस चुकी है या गलती से निकाह कर बैठी है, तो पाँच मिनट में इन सवालों को पूछकर वह आश्वस्त हो सकती है, कि सामने वाला “सच्चा प्रेमी है, या पागल जेहादी” है...
(इस लेख में केवल दस विभिन्न स्थानों, विभिन्न अखबारों की कटिंग सबूत के तौर पर पेश की गई हैं... लेकिन यह "बीमारी" पूरे भारत में फ़ैली हुई है)
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साभार : अग्निवीर