इसमें कोई शक नहीं है कि लॉग-इन करने के साथ ही फेसबुक हमारा डाटा कलेक्ट करता है। इसका इस्तेमाल यूजर को एड के साथ टारगेट करने के लिए किया जाता है। इसी डाटा के जरिए हमारी पसंद और नापसंद भी जानी जाती है, तभी हमारी वॉल पर उसी तरह के विज्ञापन आते हैं, जो हमारी पसंद के साथ जुड़े होते हैं। इससे साफ है फेसबुक हर यूजर को ट्रैक करता है और उसके डाटा को स्टोर करता है और इसे थर्ड पार्टी एप्स को भी बेचता है, चाहे कंपनी इस बात को लेकर कितना भी इंकार क्यों न कर ले।
कैसे चलता है डाटा का यह पूरा खेल
आप अनजाने में नहीं, जानबुझकर ऐसे देते हैं अपना डाटा
डाटा का यह असली खेल उन थर्ड पार्टी एप से शुरू होता है जो आपसे लॉग-इन करने के लिए आपका फेसबुक पासवर्ड मांगती हैं। इनमें एक नहीं हजारों एप्स हैं, जिनका दिन-ब-दिन विस्तार हो रहा है। जैसे ही आप इन एप्स को अपना एक्सेस देते हैं ये आपको ट्रैक करना स्टार्ट कर देती हैं। आपके पसंद से लेकर नापसंद तक विहेवियर की सारी चीज़ें सार्वजनिक हो जाती हैं। इतना ही नहीं आपके साथ ही आपकी फ्रेंड लिस्ट में मौजूद सभी लोगों की जानकारी गोपनीय नहीं रह पाती।
इन एप्स में खास तौर पर कैंडी क्रश, उबर और स्पॉटीफाई शामिल हैं। इसके अलावा दूसरे एप्स भी इससे अछूते नहीं हैं। ये सारे थर्ड पार्टी एप्स आपकी अलग-अलग तरह की जानकारी कलेक्ट करते हैं। आपका नाम, जेंडर और लोकेशन तो छोड़ ही दीजिए- ये तो इनके खाते में जाता ही है, आपकी दूसरी सूचनाएं भी इनकी झोली में चली जाती हैं।
डार्क नेट पर भी बेचा जाता है डाटा, आपकी विचारधारा का भी होता है इस्तेमाल
ऐसे होता है आपके डाटा का खेल
ये थर्ड पार्टी एप अब आपके डाटा को दूसरी कंपनियों को बेचती हैं। इनमें विहेवियर रिसर्च फर्म, स्ट्रैटर्जी कम्युनिकेशन फर्म और डाटा एनालिसिस फर्म आदि शामिल हैं। इसका उदाहरण आप कैंब्रिज एनालिटिका के तौर पर देख ही चुके हैं। अगर याद न हो तो बता दें कि ये वो ही फर्म है जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार के लिए काम किया था।
कंटेंट मार्केटिंग एजेंसी फ्रैक्टल ने तो यहां तक पाया है कि कि आपके फेसबुक का डाटा गैर-कानूनी तौर पर डार्क नेट पर बेचा जाता है। डॉलर्स में इसकी कीमत लगती है। थर्ड पार्टी एप्स आपको जो डाटा लेती हैं और इनको बेचती हैं, इनसे तो आप खुद निपट सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपनी सेटिंग्स में जानकर इन सारे एप्स को हटाना होगा और देखना होगा कि आप कितने एप्स से जुड़े हैं। लेकिन, उसका क्या जो फेसबुक आपके डाटा के साथ करता है। इसकी सही-सही जानकारी फेसबुक कभी देता ही नहीं। जब-जब फेसबुक पर सवाल उठते हैं वो बस सफाई ही देता है। भारत है डाटा का सबसे बड़ा बाजार, 18 से 24 साल के युवा रहते हैं फेसबुक पर सबसे ज्यादा सक्रिय...
आपकी विचारधारा का भी होता है इस्तेमाल?
आपके राजनीतिक विचार क्या हैं। आप किस पॉलिटिकल क्लब से जुड़ें हैं और आपके सामाजिक सरोकार क्या हैं, ये सब डाटा भी फेसबुक स्टोर करता है। आपका आईपी एड्रेस जिससे आप लॉग-इन होते हैं और आपका फ्रेंड सर्कल चाहे उसने अपना अकाउंट डिलिट ही क्यों न कर दिया हो, सबकुछ फेसबुक पर डाटा के तौर पर मौजूद रहता है। मोटे तौर पर कह लीजिए सुबह उठने के साथ ही आपके एक्टिव स्टेट्स से लेकर आप लॉग आउट होने तक की सारी जानकारी फेसबुक इकट्ठा करता है।
हाल ही में फेसबुक के इंटरनल डॉक्यूमेंट्स से भी यह खुलासा हुआ है कि उसने यूजर्स के डाटा को बेचने के लिए बड़ी टेक कंपनियों के साथ साझेदारी की थी। फेसबुक 150 से ज्यादा कंपनियों को यूजर्स के डाटा का एक्सेस दे रहा था, इनमें यूजर्स के निजी मैसेज को पढ़ने का एक्सेस भी शामिल था। इस पूरे खेल के जरिए फेसबुक मोटी कमाई कर रहा था। और बड़ी टेक कंपनियां आपके डाटा के जरिए आप इंटरेस्ट को समझ रही थी ताकि आपको क्या बेचा जाए, उसे इसका पता लग सके। यह कोई मजाक नहीं है बल्कि फेसबुक के ही 270 से ज्यादा पन्नों के आंतरिक डॉक्यूमेंट्स से इस बात का खुलासा हुआ था।
भारत है बड़ा बाजार लेकिन सरकार सिर्फ फेसबुक को लगाती है फटकार
फेसबुक के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। यहां सबसे ज्यादा युवा फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। इन युवाओं में 18 से 24 साल की उम्र के बीच के युवा फेसबुक पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं। इनकी तादाद 73.8 करोड़़ से ज्यादा है। विवादों में घिरने के बाद से सरकार भी फेसबुक को कई बार फटकार लगा चुकी है। सरकार ने साफ कहा है कि अगर फेसबुक ने किसी भी तरह से भारतीय यूजर्स के डाटा के साथ खिलवाड़ किया या उसका दुरुपयोग किया तो भारतीय कानून के हिसाब से उनसे सख्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
अमेरिका से ज्यादा फेसबुक पर हैं भारतीय यूजर्स
डाटा एनालिसिस करने वाली दिग्गज वेबसाइट स्टेटिका के आंकड़ों की मानें तो फेसबुक पर अमेरिका से ज्यादा भारतीय यूजर्स सक्रिय हैं। ये ही वजह है कि फेसबुक के साथ ही दूसरी कंपनियों के लिए इस वक्त भारत डाटा का सबसे बड़ा बाजार है। अमेरिका में जहां फेसबुक के यूजर्स की संख्या 21.4 करोड़ से ज्यादा है, वहीं भारत में यह संख्या 29.4 करोड़ से ज्यादा है।
भारत में फेसबुक पर 18 से 24 साल के युवाओं की संख्या 7.38 करोड़़ है। 18 से 24 साल के उम्र की लड़कियों की फेसबुक पर संख्या 2.34 करोड़ है। वहीं, 35 से 45 साल के उम्र के पुरुषों की फेसबुक पर संख्या 2.26 करोड़ है। यानी फेसबुक पर सबसे ज्यादा वो भारतीय यूजर्स है जो कि 18 से 24 साल के युवाओं के बीच है।
बाकी देशों में कितने हैं फेसबुक के यूजर्स
इंडोनेशिया में फेसबुक यूजर्स 13.1 करोड़ हैं। जबकि ब्राजील में यह संख्या 12.9 करोड़ और फिलिपिंस में 7.3 करोड़ है। वियतनाम में फेसबुक यूजर्स की संख्या जहां 6 करोड़ है तो वहीं थाइलैंड में 5.1 करोड़ है। वहीं रूस में फेसबुक यूजर्स की संख्या 2.89 करोड़ है। अमेरिका में फेसबुक पर 25 से 34 साल की उम्र के युवाओं की संख्या 5.8 करोड़ है। इन आंकड़ों से आप फेसबुक पर अपने डाटा का अंदाजा लगा सकते हैं। आपका डाटा इस डिजिटल युग की सबसे बड़ी शक्ति है और आपको इसे गलत हाथों में पड़ने से बचाना है।