जैसा कि सभी जानते हैं, भारत के मीडियाई क्षेत्र में कई-कई ऐसे पत्रकार और चैनल हैं, जो नरेंद्र मोदी से साफ-साफ़ और खुल्लमखुल्ला नफरत करते हैं. सन 2002 के बाद से भारत के मीडिया ने जिस एक व्यक्ति को सर्वाधिक निशाना बनाया, वे नरेंद्र मोदी ही हैं.

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मंगलवार, 27 अक्टूबर 2015 13:42

संजीव भट्ट और काँग्रेसी चालें...

काँग्रेस के बुरे दिनों को जारी रखते हुए सबसे ताज़ा मामला, अर्थात काँग्रेस के मुँह पर पड़ने वाला “तीसरा तमाचा” रहा संजीव भट्ट केस. पाठकों को याद होगा कि गुजरात 2002 के दंगों के पश्चात नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए काँग्रेस-NGOs-मीडिया गठबंधन के दो-तीन प्रमुख पोस्टर चेहरे हुआ करते थे, पहली थीं तीस्ता जावेद सीतलवाड, दूसरी थीं अहसान जाफरी की विधवा और तीसरे थे पुलिस अफसर संजीव भट्ट.

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