क्या "लव जेहादी" अधिक सक्रिय होते जा रहे हैं…? (संदर्भ-नागपुर केस).... Love Jehad, Hindu Girls and Muslim Youth
Written by Super User सोमवार, 05 अप्रैल 2010 10:45
नागपुर के भानखेड़ा इलाके में योगेश्वर साखरे का परिवार रहता है, कुछ दिनों पहले तक यह एक सामान्य खुशहाल परिवार था। एक पुत्र प्रतीक (28), बड़ी पुत्री पल्लवी (20) और उससे छोटी रिंकू। लगभग सवा माह पहले एक गम्भीर बीमारी की वजह से प्रतीक की मृत्यु हो गई, और जब प्रतीक के गुज़रने के सवा महीने बाद उसके क्रियाकर्म संस्कार की रस्म निभाई जा रही थी, ठीक उसी दिन पल्लवी की मौत की खबर आई।
पल्लवी की लाश नागपुर के एक सार्वजनिक शौचालय में पाई गई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि वह चार माह की गर्भवती भी थी। पल्लवी का गला उसी के कुर्ते से घोंटा गया था और उसकी अर्धनग्न लाश पर कुछ घाव भी पाये गये। गहन तफ़्तीश और मोबाइल रिकॉर्ड की छानबीन के बाद पुलिस ने मोहम्मद शमीम (25) नामक एक शख्स को गिरफ़्तार किया है। मोहम्मद शमीम पहले से शादीशुदा है और नौ माह की बच्ची का बाप भी। हालांकि इस मामले में पुलिस ने अब तक सिर्फ़ हत्या का मामला दर्ज किया है, बलात्कार का नहीं, लेकिन कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया जा रहा है। पल्लवी साखरे, नागपुर के PWS कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी, जबकि शमीम एक कारपेंटर (बढ़ई) है।
पुलिस जाँच में पता चला है कि पल्लवी और शमीम के रिश्ते 2 साल से थे, और इसके पहले भी पल्लवी एक बार गर्भपात करवा चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक पल्लवी शमीम से दूसरे गर्भपात के लिये पैसा माँग रही थी साथ ही उस पर शादी के लिये दबाव भी बना रही थी, तथा 7 मार्च (रविवार) को उसने उसके घर आकर हंगामा करने की धमकी भी दी थी। पुलिस के अनुसार शमीम ने उसे मिलने के लिये बुलाया और उनके बीच हुई गर्मागर्मी के बाद शमीम ने उसका गला घोंट दिया और लाश को सार्वजनिक शौचालय में छिपा दिया, जहाँ से वह तड़के 8 मार्च को बरामद हुई। पुलिस की मार खाने के बाद शमीम ने बताया है कि उसकी पत्नी रिज़वाना सुल्तान को यह बात पता थी और उसे उसकी दूसरी शादी से कोई आपत्ति नहीं थी। पल्लवी की छोटी बहन रिंकू ने बताया कि पल्लवी के सेलफ़ोन पर शनिवार रात 10 बजे शमीम का फ़ोन आया था और उसके बाद से वह गायब हो गई, चूंकि परिवार पहले से ही युवा पुत्र के गम में डूबा था और कर्मकाण्ड के कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त था इसलिये उन्होंने तुरन्त पुलिस को खबर करने में कोताही बरती, और शायद यही पल्लवी की मौत का कारण बना। नागपुर नगरनिगम में कार्यरत योगेश्वर और शारदाबाई साखरे के परिवार पर डेढ़ माह के भीतर यह दूसरा वज्रपात हुआ।
यह तो हुआ घटना का विवरण, लेकिन इससे उठने वाले सवाल बहुत गम्भीर हैं और एक सामाजिक समस्या के साथ-साथ “लव जेहादियों” की घृणित मानसिकता को भी दर्शाती है।
2) दो साल से शोषण करवा रही, और एक बार गर्भपात करवा चुकी उस मूर्ख लड़की को क्या तब भी पता नहीं चला कि मोहम्मद शमीम की नीयत ठीक नहीं है?
3) आखिर पढ़ी-लिखी हिन्दू लड़कियाँ, किस प्रकार से कारपेंटर, ऑटो रिक्शा चालक, सब्जी बेचने वाले ( यहाँ तक कि बेरोज़गार) मुसलमान युवकों के जाल में फ़ँस जाती हैं? क्या तथाकथित प्रेम(?) करने के दौरान उनकी अक्ल घास चरने चली जाती है?
4) शमीम की बीवी उसकी दूसरी शादी के लिये सहमत थी (और बेचारी करती भी क्या?) फ़िर भी शमीम की नीयत यही थी कि पल्लवी का देह-शोषण करता रहे, और जिम्मेदारी से बचा भी रहे। यह मानसिकता क्या प्रदर्शित करती है?
5) क्या यह माना जाये कि हिन्दू लड़कियों को अधिक स्वतन्त्रता प्राप्त है इसलिये ऐसे मामले आजकल अधिक हो रहे हैं?
6) जब भी इस प्रकार का मामला (हिन्दू लड़की – मुसलमान लड़का) होता है, और हिन्दू संगठन अथवा राजनैतिक दल विरोध करते हैं तो हिन्दुओं के भीतर से ही उनका विरोध शुरु हो जाता है, इस मानसिकता को क्या कहा जाये? (सन्दर्भ - कोलकाता का रिज़वान-तोड़ी मामला)
7) जबकि ठीक इसके उलट (हिन्दू लड़का-मुस्लिम लड़की) का मामला सामने आता है तब मुसलमानों की तरफ़ से जमकर, एकजुट और परिणामकारक (सेकुलर) विरोध और जोड़तोड़ होता है (सन्दर्भ - कश्मीर का रजनीश-अमीना यूसुफ़ मामला)।
8) कर्नाटक और केरल हाईकोर्ट भी प्रथम दृष्टया मान चुके हैं कि भले ही “लव जेहाद” नाम की कोई आधिकारिक परिभाषा न हो, लेकिन पिछले 5 वर्षों में इन दोनों राज्यों की 2000 से अधिक लड़कियों में से… कुछ गायब हुई हैं, कुछ की मौत संदिग्ध स्थितियों में हुई, जबकि कुछ ने धर्म परिवर्तन किया, तो निश्चित ही कुछ न कुछ गड़बड़ है… (इसी प्रकार कुछ शहरों में “MMS ब्लैकमेल काण्ड” में भी जो लड़के पकड़ाये हैं उनमें से अधिकतर मुस्लिम ही हैं, जिन्होंने हिन्दू लड़कियों को फ़ँसाकर उनके अश्लील चित्र नेट पर अपलोड किये थे)।
http://hinduexistence.wordpress.com/2009/12/10/love-jihad-is-real-says-kerala-high-court-islamic-love-racket-in-india-for-conversion/
और तो और लन्दन से भी ऐसे मामले सामने आने लगे हैं…
9) महिला आरक्षण का विरोध करने वालों में मुस्लिम सांसद सबसे आगे और मुखर थे, तो क्या उन सांसदों को किसी ने “पिंक चड्डी” भेजने का मन बनाया है? (कल्बे जव्वाद ने तो अपरोक्ष रूप से औरतों को बच्चे पैदा करने की मशीन तक बता डाला)
बहरहाल बाकी के सवाल तो बाद में खड़े होते हैं, मुख्य सवाल पहला वाला है कि “माना, कि प्यार अंधा होता है, लेकिन क्या प्यार बहरा और मूर्ख भी होता है?” जिसके चलते हिन्दू लड़कियाँ ऐसे-ऐसे मुस्लिम नौजवानों के जाल में फ़ँस जाती हैं जिनकी औकात भी नहीं उनके परिवार के साथ उठने-बैठने की?
(सैफ़ अली खान, आमिर खान जैसों की बात अलग है, वह दो-दो हिन्दू लड़कियों को फ़ँसाना “अफ़ोर्ड” कर सकते हैं… तथा करीना या किरण राव जिस “समाज” में रहती हैं, वह समाज भी बाकी के भारत से अलग-थलग और कटा हुआ है)।
कहने का मतलब कि, यह सिर्फ़ धार्मिक समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या भी है, और हमें मिलकर चिन्तन करने की आवश्यकता है कि - 1) ऐसे मामले पिछले कुछ वर्षो में अचानक क्यों बढ़ गये हैं? 2) क्या “लव जेहादी” अत्यधिक सक्रिय हो गये हैं? इसी प्रकार ऐसे मामलों में दोनों धर्मों के लोगों की “प्रतिक्रिया की मानसिकता” का अध्ययन भी किया जाना चाहिये… कि 3) हिन्दू “ऐसा” रिएक्ट क्यों करते हैं तथा मुस्लिम “वैसा” रिएक्ट क्यों करते हैं? 4) यह डाटा भी एकत्रित किया जाना चाहिये कि परदे और घुटन से बाहर आ चुकी कितनी मुस्लिम लड़कियों ने हिन्दू लड़कों से प्रेम (या शादी) की है? ताकि सही-सही स्थिति पता चल सके…
बहरहाल, समाजशास्त्रियों, शोधकर्ताओं और मनोवैज्ञानिकों के लिये कई मुद्दों पर बहुत सारा काम इकठ्ठा कर दिया है मैने…। अब प्रगतिशील महिलाएं, मुझे कोसने के लिये स्वतन्त्र हैं और धर्मनिरपेक्षतावादी, मुझे गरियाने के लिये…। यदि कोई “लव जेहाद” को समस्या मानने से ही इंकार कर दे तो मैं कुछ नहीं कर सकता… जो मेरा काम था (सूचना देना) वह मैंने कर दिया… बाकी की समीक्षा, विश्लेषण, अध्ययन वगैरह बुद्धिजीवियों का शगल है, वे करेंगे ही, मैं बुद्धिजीवी तो कतई नहीं हूँ…।
आप भी एक "सलाह" (I repeat, सलाह) के रूप में (वरना "हिन्दुओं" के लिये रिज़र्व की गई पिंक चड्डी आपके माथे आयेगी…) इस पोस्ट के मुद्दों को अपनी सहेलियों, बहनों और भाईयों को भेजें… उसके बाद भी वे नहीं मानतीं तो यह उनकी चॉइस होगी…। आखिर हम लोग "कोड़े" - "बुरके" वाले तालिबानी तो हैं नहीं…कि जबरदस्ती करें…
[अचानक इस पोस्ट को लिखने का विचार इसलिये आया कि इधर उज्जैन में भी ऐसी ही एक "खिचड़ी" पक रही है, लड़की बीएससी फ़र्स्ट क्लास है और एक निजी कम्पनी में कार्यरत है, जबकि लड़का (लव जेहादी) बमुश्किल 11वीं पास है…। लड़की का बाप एक प्रतिष्ठित कपड़ा व्यवसायी है, जबकि लव जेहादी कहने को तो प्रापर्टी ब्रोकर है (लेकिन असल में मकान खाली करवाने वाला गुण्डा है)… ऐसे में भला कौन सा समझदार बाप अपनी लड़की को आत्महत्या करने देगा, लेकिन लड़की उसी से शादी करने पर आमादा है। यह बात खुलते-खुलते लगभग सभी लोग जान गये हैं, लेकिन "बाहरी लोग" इस मामले में तब तक दखल नहीं दे सकते, जब तक लड़की का बाप न चाहे…। लड़की का बाप प्रतिष्ठा और इज्जत बचाने के चक्कर में दोनों को समझाने-बुझाने में लगा हुआ है… लड़की समझ नहीं रही और लव जेहादी समझना नहीं चाहता…। इस केस में लव जेहादी शादीशुदा तो नहीं है, लेकिन दोनों के बीच की सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक खाई इतनी चौड़ी है कि लड़की की "प्रेम-अक्ल" पर तरस आता है…। मामला संवेदनशील है, तथा बखेड़ा खड़ा न हो जाये इसलिये बाहरी लोग अभी चुपचाप तमाशा देख रहे हैं… देखते हैं आगे क्या होता है]
=====================
स्रोत - http://timesofindia.indiatimes.com/city/nagpur/Lover-murders-pregnant-girlfriend-in-public-loo/articleshow/5656034.cms
Love Jihad, Love Jehad, Hindu Girls and Muslim Boys, Love Jihad as Social Evil, Love jehad and Karnataka High Court, Pink Chaddi Campaign and Women’s Reservation Bill, Rajneesh and Rizwan Case, लव जिहाद, लव जेहाद, हिन्दू लड़कियां और मुस्लिम लड़के, लव जेहाद एक सामाजिक समस्या, कर्नाटक-केरल हाईकोर्ट और लव जेहाद, पिंक चड्डी अभियान और महिला आरक्षण बिल, रजनीश और रिज़वान मामले और लव जेहाद, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
पल्लवी की लाश नागपुर के एक सार्वजनिक शौचालय में पाई गई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि वह चार माह की गर्भवती भी थी। पल्लवी का गला उसी के कुर्ते से घोंटा गया था और उसकी अर्धनग्न लाश पर कुछ घाव भी पाये गये। गहन तफ़्तीश और मोबाइल रिकॉर्ड की छानबीन के बाद पुलिस ने मोहम्मद शमीम (25) नामक एक शख्स को गिरफ़्तार किया है। मोहम्मद शमीम पहले से शादीशुदा है और नौ माह की बच्ची का बाप भी। हालांकि इस मामले में पुलिस ने अब तक सिर्फ़ हत्या का मामला दर्ज किया है, बलात्कार का नहीं, लेकिन कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया जा रहा है। पल्लवी साखरे, नागपुर के PWS कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी, जबकि शमीम एक कारपेंटर (बढ़ई) है।
पुलिस जाँच में पता चला है कि पल्लवी और शमीम के रिश्ते 2 साल से थे, और इसके पहले भी पल्लवी एक बार गर्भपात करवा चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक पल्लवी शमीम से दूसरे गर्भपात के लिये पैसा माँग रही थी साथ ही उस पर शादी के लिये दबाव भी बना रही थी, तथा 7 मार्च (रविवार) को उसने उसके घर आकर हंगामा करने की धमकी भी दी थी। पुलिस के अनुसार शमीम ने उसे मिलने के लिये बुलाया और उनके बीच हुई गर्मागर्मी के बाद शमीम ने उसका गला घोंट दिया और लाश को सार्वजनिक शौचालय में छिपा दिया, जहाँ से वह तड़के 8 मार्च को बरामद हुई। पुलिस की मार खाने के बाद शमीम ने बताया है कि उसकी पत्नी रिज़वाना सुल्तान को यह बात पता थी और उसे उसकी दूसरी शादी से कोई आपत्ति नहीं थी। पल्लवी की छोटी बहन रिंकू ने बताया कि पल्लवी के सेलफ़ोन पर शनिवार रात 10 बजे शमीम का फ़ोन आया था और उसके बाद से वह गायब हो गई, चूंकि परिवार पहले से ही युवा पुत्र के गम में डूबा था और कर्मकाण्ड के कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त था इसलिये उन्होंने तुरन्त पुलिस को खबर करने में कोताही बरती, और शायद यही पल्लवी की मौत का कारण बना। नागपुर नगरनिगम में कार्यरत योगेश्वर और शारदाबाई साखरे के परिवार पर डेढ़ माह के भीतर यह दूसरा वज्रपात हुआ।
यह तो हुआ घटना का विवरण, लेकिन इससे उठने वाले सवाल बहुत गम्भीर हैं और एक सामाजिक समस्या के साथ-साथ “लव जेहादियों” की घृणित मानसिकता को भी दर्शाती है।
1) एक अच्छे परिवार की पढ़ी-लिखी लड़की, किसी कम पढ़े-लिखे और शादीशुदा मुस्लिम के जाल में कैसे फ़ँस गई?
2) दो साल से शोषण करवा रही, और एक बार गर्भपात करवा चुकी उस मूर्ख लड़की को क्या तब भी पता नहीं चला कि मोहम्मद शमीम की नीयत ठीक नहीं है?
3) आखिर पढ़ी-लिखी हिन्दू लड़कियाँ, किस प्रकार से कारपेंटर, ऑटो रिक्शा चालक, सब्जी बेचने वाले ( यहाँ तक कि बेरोज़गार) मुसलमान युवकों के जाल में फ़ँस जाती हैं? क्या तथाकथित प्रेम(?) करने के दौरान उनकी अक्ल घास चरने चली जाती है?
4) शमीम की बीवी उसकी दूसरी शादी के लिये सहमत थी (और बेचारी करती भी क्या?) फ़िर भी शमीम की नीयत यही थी कि पल्लवी का देह-शोषण करता रहे, और जिम्मेदारी से बचा भी रहे। यह मानसिकता क्या प्रदर्शित करती है?
5) क्या यह माना जाये कि हिन्दू लड़कियों को अधिक स्वतन्त्रता प्राप्त है इसलिये ऐसे मामले आजकल अधिक हो रहे हैं?
6) जब भी इस प्रकार का मामला (हिन्दू लड़की – मुसलमान लड़का) होता है, और हिन्दू संगठन अथवा राजनैतिक दल विरोध करते हैं तो हिन्दुओं के भीतर से ही उनका विरोध शुरु हो जाता है, इस मानसिकता को क्या कहा जाये? (सन्दर्भ - कोलकाता का रिज़वान-तोड़ी मामला)
7) जबकि ठीक इसके उलट (हिन्दू लड़का-मुस्लिम लड़की) का मामला सामने आता है तब मुसलमानों की तरफ़ से जमकर, एकजुट और परिणामकारक (सेकुलर) विरोध और जोड़तोड़ होता है (सन्दर्भ - कश्मीर का रजनीश-अमीना यूसुफ़ मामला)।
8) कर्नाटक और केरल हाईकोर्ट भी प्रथम दृष्टया मान चुके हैं कि भले ही “लव जेहाद” नाम की कोई आधिकारिक परिभाषा न हो, लेकिन पिछले 5 वर्षों में इन दोनों राज्यों की 2000 से अधिक लड़कियों में से… कुछ गायब हुई हैं, कुछ की मौत संदिग्ध स्थितियों में हुई, जबकि कुछ ने धर्म परिवर्तन किया, तो निश्चित ही कुछ न कुछ गड़बड़ है… (इसी प्रकार कुछ शहरों में “MMS ब्लैकमेल काण्ड” में भी जो लड़के पकड़ाये हैं उनमें से अधिकतर मुस्लिम ही हैं, जिन्होंने हिन्दू लड़कियों को फ़ँसाकर उनके अश्लील चित्र नेट पर अपलोड किये थे)।
http://hinduexistence.wordpress.com/2009/12/10/love-jihad-is-real-says-kerala-high-court-islamic-love-racket-in-india-for-conversion/
और तो और लन्दन से भी ऐसे मामले सामने आने लगे हैं…
9) महिला आरक्षण का विरोध करने वालों में मुस्लिम सांसद सबसे आगे और मुखर थे, तो क्या उन सांसदों को किसी ने “पिंक चड्डी” भेजने का मन बनाया है? (कल्बे जव्वाद ने तो अपरोक्ष रूप से औरतों को बच्चे पैदा करने की मशीन तक बता डाला)
बहरहाल बाकी के सवाल तो बाद में खड़े होते हैं, मुख्य सवाल पहला वाला है कि “माना, कि प्यार अंधा होता है, लेकिन क्या प्यार बहरा और मूर्ख भी होता है?” जिसके चलते हिन्दू लड़कियाँ ऐसे-ऐसे मुस्लिम नौजवानों के जाल में फ़ँस जाती हैं जिनकी औकात भी नहीं उनके परिवार के साथ उठने-बैठने की?
(सैफ़ अली खान, आमिर खान जैसों की बात अलग है, वह दो-दो हिन्दू लड़कियों को फ़ँसाना “अफ़ोर्ड” कर सकते हैं… तथा करीना या किरण राव जिस “समाज” में रहती हैं, वह समाज भी बाकी के भारत से अलग-थलग और कटा हुआ है)।
कहने का मतलब कि, यह सिर्फ़ धार्मिक समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या भी है, और हमें मिलकर चिन्तन करने की आवश्यकता है कि - 1) ऐसे मामले पिछले कुछ वर्षो में अचानक क्यों बढ़ गये हैं? 2) क्या “लव जेहादी” अत्यधिक सक्रिय हो गये हैं? इसी प्रकार ऐसे मामलों में दोनों धर्मों के लोगों की “प्रतिक्रिया की मानसिकता” का अध्ययन भी किया जाना चाहिये… कि 3) हिन्दू “ऐसा” रिएक्ट क्यों करते हैं तथा मुस्लिम “वैसा” रिएक्ट क्यों करते हैं? 4) यह डाटा भी एकत्रित किया जाना चाहिये कि परदे और घुटन से बाहर आ चुकी कितनी मुस्लिम लड़कियों ने हिन्दू लड़कों से प्रेम (या शादी) की है? ताकि सही-सही स्थिति पता चल सके…
बहरहाल, समाजशास्त्रियों, शोधकर्ताओं और मनोवैज्ञानिकों के लिये कई मुद्दों पर बहुत सारा काम इकठ्ठा कर दिया है मैने…। अब प्रगतिशील महिलाएं, मुझे कोसने के लिये स्वतन्त्र हैं और धर्मनिरपेक्षतावादी, मुझे गरियाने के लिये…। यदि कोई “लव जेहाद” को समस्या मानने से ही इंकार कर दे तो मैं कुछ नहीं कर सकता… जो मेरा काम था (सूचना देना) वह मैंने कर दिया… बाकी की समीक्षा, विश्लेषण, अध्ययन वगैरह बुद्धिजीवियों का शगल है, वे करेंगे ही, मैं बुद्धिजीवी तो कतई नहीं हूँ…।
आप भी एक "सलाह" (I repeat, सलाह) के रूप में (वरना "हिन्दुओं" के लिये रिज़र्व की गई पिंक चड्डी आपके माथे आयेगी…) इस पोस्ट के मुद्दों को अपनी सहेलियों, बहनों और भाईयों को भेजें… उसके बाद भी वे नहीं मानतीं तो यह उनकी चॉइस होगी…। आखिर हम लोग "कोड़े" - "बुरके" वाले तालिबानी तो हैं नहीं…कि जबरदस्ती करें…
[अचानक इस पोस्ट को लिखने का विचार इसलिये आया कि इधर उज्जैन में भी ऐसी ही एक "खिचड़ी" पक रही है, लड़की बीएससी फ़र्स्ट क्लास है और एक निजी कम्पनी में कार्यरत है, जबकि लड़का (लव जेहादी) बमुश्किल 11वीं पास है…। लड़की का बाप एक प्रतिष्ठित कपड़ा व्यवसायी है, जबकि लव जेहादी कहने को तो प्रापर्टी ब्रोकर है (लेकिन असल में मकान खाली करवाने वाला गुण्डा है)… ऐसे में भला कौन सा समझदार बाप अपनी लड़की को आत्महत्या करने देगा, लेकिन लड़की उसी से शादी करने पर आमादा है। यह बात खुलते-खुलते लगभग सभी लोग जान गये हैं, लेकिन "बाहरी लोग" इस मामले में तब तक दखल नहीं दे सकते, जब तक लड़की का बाप न चाहे…। लड़की का बाप प्रतिष्ठा और इज्जत बचाने के चक्कर में दोनों को समझाने-बुझाने में लगा हुआ है… लड़की समझ नहीं रही और लव जेहादी समझना नहीं चाहता…। इस केस में लव जेहादी शादीशुदा तो नहीं है, लेकिन दोनों के बीच की सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक खाई इतनी चौड़ी है कि लड़की की "प्रेम-अक्ल" पर तरस आता है…। मामला संवेदनशील है, तथा बखेड़ा खड़ा न हो जाये इसलिये बाहरी लोग अभी चुपचाप तमाशा देख रहे हैं… देखते हैं आगे क्या होता है]
=====================
स्रोत - http://timesofindia.indiatimes.com/city/nagpur/Lover-murders-pregnant-girlfriend-in-public-loo/articleshow/5656034.cms
Love Jihad, Love Jehad, Hindu Girls and Muslim Boys, Love Jihad as Social Evil, Love jehad and Karnataka High Court, Pink Chaddi Campaign and Women’s Reservation Bill, Rajneesh and Rizwan Case, लव जिहाद, लव जेहाद, हिन्दू लड़कियां और मुस्लिम लड़के, लव जेहाद एक सामाजिक समस्या, कर्नाटक-केरल हाईकोर्ट और लव जेहाद, पिंक चड्डी अभियान और महिला आरक्षण बिल, रजनीश और रिज़वान मामले और लव जेहाद, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
Published in
ब्लॉग
Tagged under
Super User