"दया" के महासागर और "मानवता" के मसीहा - एम. करुणानिधि (भाग-2) … Karunanidhi, Secularism, Human Rights, Terrorism (2)
Written by Super User बुधवार, 25 नवम्बर 2009 12:33
(भाग-1 से आगे जारी…)
10 जून 2006 को केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानन्दन खुद करुणानिधि से मिलने चेन्नै पहुँचे और अब्दुल नासिर मदनी की सुरक्षित रिहाई की गुहार लगाई। हालांकि "दया के सागर" ने तत्काल उसे रिहा करने से मना कर दिया (शायद अन्नादुरै का जन्मदिन दूर होगा), लेकिन महानता की पराकाष्ठा को पार करते हुए करुणानिधि ने जेल में ही मदनी के लिये आयुर्वेदिक मसाज और चिकित्सा की व्यवस्था करवा दी (क्या कहा? आपको कसाब का AC और अफ़ज़ल का चिकन बिरयानी याद आ गया? मेरी गलती नहीं है)। अप्रैल 2007 में कोयम्बटूर बम विस्फ़ोटों की सुनवाई पूरी हुई जिसमें 1300 गवाहों ने बयान दिये। 1 अगस्त 2007 को मुकदमे का निर्णय आया और जैसा कि अपेक्षित था अब्दुल नासेर मदनी को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया, जिसका केरल में एक हीरो की तरह स्वागत हुआ, बाशा, अंसारी तथा अन्य को सजा हुई, जिन्हें अब "दया के सागर" ने अन्नदुरै के जन्मदिन की खुशी में रिहा कर दिया। अब्दुल नासेर मदनी ने कहा कि वह कभी भी आतंकवादी नहीं था और अब वह राजनीति में आकर दलितों और मुस्लिमों (ज़ाहिर है) की सेवा करना चाहता है। मदनी ने भारी दरियादिली(?) दिखाते हुए कहा कि हालांकि तमिलनाडु सरकार ने उसे 9 साल जेल में रखा लेकिन वह इसके खिलाफ़ कोई मुकदमा दायर नहीं करेगा (आयुर्वेदिक मसाज के खिलाफ़ भी केस दायर होता है क्या?)।
केरल के बेशर्म वामपंथी नेताओं ने विधानसभा चुनावों में मदनी को एक हीरो बनाकर पेश किया। तमिलनाडु के सभी राजनैतिक दलों ने कोयम्बटूर बम विस्फ़ोटों के इस निर्णय पर चुप्पी साधे रखी, सरकार द्वारा तो उच्चतम न्यायालय में इसके खिलाफ़ अपील करने का सवाल ही नहीं था, जयललिता और भाजपा ने भी रहस्यमयी अकर्मण्यता दिखाई। बम विस्फ़ोट से पीड़ित परिवारों ने 18 जुलाई 2008 को इस फ़ैसले के खिलाफ़ एक याचिका दायर की है, लेकिन ऐसी सैकड़ों याचिकाएं भारतीय कोर्ट में कई सालों से चल रही हैं।
http://islamicterrorism.wordpress.com/2008/07/28/muslim-terrorists-target-sri-meenakshi-and-other-major-temples-in-tamil-nadu-security-tightened/
and
http://ibnlive.in.com/news/tamil-nadu-cops-foil-aug-15-terror-bid-arrest-one/69709-3.html?xml
सरकारों के इस मैत्रीपूर्ण रवैये की वजह से अलगाववादियों और देशद्रोहियों के हौसले इतने बुलन्द हैं कि इस वर्ष तमिलनाडु में कम से कम 14 जगह पर गणेश चतुर्थी के विसर्जन समारोह में कोई न कोई फ़साद या मारपीट हुई, जिसमें से एकाध-दो के बारे में करुणानिधि के लाड़ले अखबार और चैनलों "दिनाकरण" और "सन-टीवी" पर (मजबूरी में) दिखाये गये।
सबसे खतरनाक बात यह कि सरकार के समर्थन से MNP (मनिथा नीधि पसाराई) नामक अलगाववादी संगठन अपने काडर को मिलिट्री ट्रेनिंग दे रहा है। तमिल दैनिक "दिनामणि" ने अप्रैल 2008 में इस सम्बन्ध में खबर दी थी कि जिसमें इस संगठन ने 15 अगस्त के मौके पर "फ़्रीडम परेड" का आयोजन किया, जिसमें इसके 1000 से अधिक सदस्यों ने बाकायदा शस्त्रों के साथ प्रदर्शन किया, लेकिन इसे भारत की आज़ादी के साथ जोड़कर एक छद्म आवरण में छिपा दिया गया। संगठन ने पिछले 4 साल में 25,000 नये सदस्यों की भरती की है। (देखें चित्र) MNP की गत वर्ष की वार्षिक रैली में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ़्रण्ट के झण्डे से मिलता जुलता झण्डा लहराया गया और पोस्टर चिपकाये गये। इस कवायद में पापुलर फ़्रण्ट नामक संगठन भी शामिल है जो कि बात करता है भारत की एकता और अखण्डता की, लेकिन इनकी वार्षिक बैठक में निम्न प्रस्ताव पारित किये गये हैं -
1) बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण किया जायेगा।
2) एयरपोर्ट का नाम शहीद(?) टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाये।
3) सच्चर कमेटी की सिफ़रिशे तुरन्त लागू करवाने हेतु संघर्ष किया जायेगा।
4) बाबा बोधनगिरि पर्वत के भगवाकरण का विरोध किया जायेगा।
5) अफ़ज़ल गुरु को फ़ाँसी क्यों नहीं होना चाहिये, इस विषय पर व्यापक प्रचार किया जायेगा।
6) सभी प्रकार के पुलिस एनकाउंटरों की जाँच की माँग की जायेगी
7) नरेन्द्र मोदी के खिलाफ़ धरना-प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे… आदि-आदि
http://www.popularfrontindia.org/documents/Popular%20Front%20of%20India%20Annual%20Report%202007.html
इस प्रकार की "फ़्रीडम परेड" की इजाज़त तमिलनाडु और केरल सरकारों ने कुम्भकोणम, मदुराई, इदुक्की आदि जगहों पर दी। यहाँ तक कि येद्दियुरप्पा ने भी "थोड़ा सा सेकुलर हो जायें" की तर्ज़ पर इस संगठन को मंगलोर में रैली की इजाजत दी, लेकिन मैसूर में तनाव को देखते हुए इसे अनुमति नहीं दी।
http://www.deccanherald.com/content/20200/pfi-flays-government-stages-protest.html
एक तरफ़ तो ये संगठन देशभक्ति की बातें करते जाते हैं, और दूसरी तरफ़ वन्देमातरम का विरोध, बाबरी मस्जिद की बरसी मनाना, अफ़ज़ल गुरु के समर्थन में कैम्पेन चलाना जैसे काम भी करते जाते हैं। TMMK (तमिलनाडु मुस्लिम मुनेत्र कषगम) और TNTJ (तमिलनाडु तौहीद जमात) के पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध उजागर हो चुके हैं, और पाकिस्तान के अखबारों में इन्हें कवरेज मिलता रहता है।
http://www.app.com.pk/en_/index.php?option=com_content&task=view&id=61510&Itemid=2
ऐसा भी नहीं कि ये सिर्फ़ मानवता वगैरह का ही खेल खेलते हैं, मधु कौड़ा भी शरमा जायें ऐसे "2G स्पेक्ट्रम घोटाले" के तार इस पूरे "दयासागर" परिवार से ही लिपटे हुए हैं। (देखें चित्र) एक कम्पनी ETA समूह जिसे 2008 के अन्त में सिर्फ़ एक लाख के शेयर कैपिटल के साथ शुरु किया गया था, उसने एक साल के भीतर ही स्वान टेलीकॉम के 380 करोड़ के शेयर ले डाले, स्वान टेलीकॉम और 2G स्पेक्ट्रम घोटाले के बारे में काफ़ी कुछ पहले ही लिखा जा चुका है। ETA समूह के निदेशकों तथा करुणानिधि के बहुत "दोस्ताना सम्बन्ध" हैं, तथा ETA समूह को ही तमिलनाडु में नये सचिवालय के निर्माण सहित, बड़े-बड़े सड़क, बाँध के प्रोजेक्ट मिले हैं (बिलकुल राष्ट्रसन्त राजशेखर रेड्डी के परिवार की तरह)। अब भला मनमोहन सिंह जी की क्या बिसात कि वे दूरसंचार मंत्री राजा को निकाल बाहर करें, सो "रिक्वेस्ट" कर रहे हैं कि भाई साहब यदि मर्जी हो तो किसी दूसरे को दूरसंचार मंत्रालय दे दो, नहीं तो कोई बात नहीं… संसद में चार दिन हल्ला होगा, विपक्ष चिल्लायेगा, होना-जाना कुछ नहीं है (वैसे भी प्रधानमंत्री द्वारा अपनी पसन्द का मंत्रिमण्डल बनाने के दिन अब लद गये, अब मंत्रिमण्डल करुणानिधि, लालू, ममता, रेड्डी आदि लोग तय करते हैं)।
कुल मिलाकर कहा जाये, तो करुणानिधि की "दया" का पूरा का पूरा सागर तमिल उग्रवादियों के पक्ष में तो उमड़ा ही करता था, लेकिन वोट बैंक का बैलेंस अपने पक्ष में बनाये रखने के लिये इस्लामिक अलगाववादियों के पक्ष में भी जब-तब उमड़ता ही रहता है, खासकर अन्नादुरै की जयंती के दिन। जब सरकार खुद ही इन्हें प्रश्रय दे रही हो तो पुलिस से यह उम्मीद करना बेकार है कि वह खास शहरों के कुछ "खास मोहल्लों" में घुसने की हिम्मत भी कर सके। तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है, और पिता-बेटा-भतीजा-भांजा आदि मिलकर राज्य पर बोझ बढ़ाते जा रहे हैं।
चुनाव के समय "साम्प्रदायिकता" का डर दिखाकर और सस्ता चावल, सस्ता टीवी जैसे मूर्ख बनाने के नारों से चुनाव जीत लिया जाता है, फ़िर 5 साल के लिये नमस्ते… और यह दुर्गति कमोबेश भारत के हर राज्य में है… इसलिये महारानी की जय बोलिये तथा भारत बदलने निकले दलित के घर सोने वाले "युवराज" को चुपचाप सत्ता सौंप दीजिये… क्योंकि "मीडियाई भाण्ड" तो उनका ऐसा गुणगान कर रहे हैं जैसे "राहुल बाबा" पता नहीं क्या-क्या उखाड़ लेंगे और क्या-क्या बदल डालेंगे। तात्पर्य यह कि करुणानिधि, राजशेखर रेड्डी, मधु कोड़ा जैसे लोग येन-केन-प्रकारेण आपकी छाती पर मूंग दलते रहेंगे… नेहरु से शुरु करके "कांग्रेसी संस्कृति" ने 60 साल में देश को यही सौगात दी है, आप देखते रहने और अफ़सोस करने के सिवा कुछ भी नहीं कर सकते… देश में "सेकुलर" और वामपंथी लॉबी बहुत मजबूत है जबकि "हिन्दू" बिखरा हुआ, सोया हुआ और कुछ हद तक मूर्ख और नपुंसक भी…।
उम्मीद तो कम है, फ़िर भी अपनी तरफ़ से जगाने का छोटा सा प्रयास तो कर ही सकता हूँ…
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10 जून 2006 को केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानन्दन खुद करुणानिधि से मिलने चेन्नै पहुँचे और अब्दुल नासिर मदनी की सुरक्षित रिहाई की गुहार लगाई। हालांकि "दया के सागर" ने तत्काल उसे रिहा करने से मना कर दिया (शायद अन्नादुरै का जन्मदिन दूर होगा), लेकिन महानता की पराकाष्ठा को पार करते हुए करुणानिधि ने जेल में ही मदनी के लिये आयुर्वेदिक मसाज और चिकित्सा की व्यवस्था करवा दी (क्या कहा? आपको कसाब का AC और अफ़ज़ल का चिकन बिरयानी याद आ गया? मेरी गलती नहीं है)। अप्रैल 2007 में कोयम्बटूर बम विस्फ़ोटों की सुनवाई पूरी हुई जिसमें 1300 गवाहों ने बयान दिये। 1 अगस्त 2007 को मुकदमे का निर्णय आया और जैसा कि अपेक्षित था अब्दुल नासेर मदनी को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया, जिसका केरल में एक हीरो की तरह स्वागत हुआ, बाशा, अंसारी तथा अन्य को सजा हुई, जिन्हें अब "दया के सागर" ने अन्नदुरै के जन्मदिन की खुशी में रिहा कर दिया। अब्दुल नासेर मदनी ने कहा कि वह कभी भी आतंकवादी नहीं था और अब वह राजनीति में आकर दलितों और मुस्लिमों (ज़ाहिर है) की सेवा करना चाहता है। मदनी ने भारी दरियादिली(?) दिखाते हुए कहा कि हालांकि तमिलनाडु सरकार ने उसे 9 साल जेल में रखा लेकिन वह इसके खिलाफ़ कोई मुकदमा दायर नहीं करेगा (आयुर्वेदिक मसाज के खिलाफ़ भी केस दायर होता है क्या?)।
केरल के बेशर्म वामपंथी नेताओं ने विधानसभा चुनावों में मदनी को एक हीरो बनाकर पेश किया। तमिलनाडु के सभी राजनैतिक दलों ने कोयम्बटूर बम विस्फ़ोटों के इस निर्णय पर चुप्पी साधे रखी, सरकार द्वारा तो उच्चतम न्यायालय में इसके खिलाफ़ अपील करने का सवाल ही नहीं था, जयललिता और भाजपा ने भी रहस्यमयी अकर्मण्यता दिखाई। बम विस्फ़ोट से पीड़ित परिवारों ने 18 जुलाई 2008 को इस फ़ैसले के खिलाफ़ एक याचिका दायर की है, लेकिन ऐसी सैकड़ों याचिकाएं भारतीय कोर्ट में कई सालों से चल रही हैं।
http://islamicterrorism.wordpress.com/2008/07/28/muslim-terrorists-target-sri-meenakshi-and-other-major-temples-in-tamil-nadu-security-tightened/
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सरकारों के इस मैत्रीपूर्ण रवैये की वजह से अलगाववादियों और देशद्रोहियों के हौसले इतने बुलन्द हैं कि इस वर्ष तमिलनाडु में कम से कम 14 जगह पर गणेश चतुर्थी के विसर्जन समारोह में कोई न कोई फ़साद या मारपीट हुई, जिसमें से एकाध-दो के बारे में करुणानिधि के लाड़ले अखबार और चैनलों "दिनाकरण" और "सन-टीवी" पर (मजबूरी में) दिखाये गये।
सबसे खतरनाक बात यह कि सरकार के समर्थन से MNP (मनिथा नीधि पसाराई) नामक अलगाववादी संगठन अपने काडर को मिलिट्री ट्रेनिंग दे रहा है। तमिल दैनिक "दिनामणि" ने अप्रैल 2008 में इस सम्बन्ध में खबर दी थी कि जिसमें इस संगठन ने 15 अगस्त के मौके पर "फ़्रीडम परेड" का आयोजन किया, जिसमें इसके 1000 से अधिक सदस्यों ने बाकायदा शस्त्रों के साथ प्रदर्शन किया, लेकिन इसे भारत की आज़ादी के साथ जोड़कर एक छद्म आवरण में छिपा दिया गया। संगठन ने पिछले 4 साल में 25,000 नये सदस्यों की भरती की है। (देखें चित्र) MNP की गत वर्ष की वार्षिक रैली में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ़्रण्ट के झण्डे से मिलता जुलता झण्डा लहराया गया और पोस्टर चिपकाये गये। इस कवायद में पापुलर फ़्रण्ट नामक संगठन भी शामिल है जो कि बात करता है भारत की एकता और अखण्डता की, लेकिन इनकी वार्षिक बैठक में निम्न प्रस्ताव पारित किये गये हैं -
1) बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण किया जायेगा।
2) एयरपोर्ट का नाम शहीद(?) टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाये।
3) सच्चर कमेटी की सिफ़रिशे तुरन्त लागू करवाने हेतु संघर्ष किया जायेगा।
4) बाबा बोधनगिरि पर्वत के भगवाकरण का विरोध किया जायेगा।
5) अफ़ज़ल गुरु को फ़ाँसी क्यों नहीं होना चाहिये, इस विषय पर व्यापक प्रचार किया जायेगा।
6) सभी प्रकार के पुलिस एनकाउंटरों की जाँच की माँग की जायेगी
7) नरेन्द्र मोदी के खिलाफ़ धरना-प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे… आदि-आदि
http://www.popularfrontindia.org/documents/Popular%20Front%20of%20India%20Annual%20Report%202007.html
इस प्रकार की "फ़्रीडम परेड" की इजाज़त तमिलनाडु और केरल सरकारों ने कुम्भकोणम, मदुराई, इदुक्की आदि जगहों पर दी। यहाँ तक कि येद्दियुरप्पा ने भी "थोड़ा सा सेकुलर हो जायें" की तर्ज़ पर इस संगठन को मंगलोर में रैली की इजाजत दी, लेकिन मैसूर में तनाव को देखते हुए इसे अनुमति नहीं दी।
http://www.deccanherald.com/content/20200/pfi-flays-government-stages-protest.html
एक तरफ़ तो ये संगठन देशभक्ति की बातें करते जाते हैं, और दूसरी तरफ़ वन्देमातरम का विरोध, बाबरी मस्जिद की बरसी मनाना, अफ़ज़ल गुरु के समर्थन में कैम्पेन चलाना जैसे काम भी करते जाते हैं। TMMK (तमिलनाडु मुस्लिम मुनेत्र कषगम) और TNTJ (तमिलनाडु तौहीद जमात) के पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध उजागर हो चुके हैं, और पाकिस्तान के अखबारों में इन्हें कवरेज मिलता रहता है।
http://www.app.com.pk/en_/index.php?option=com_content&task=view&id=61510&Itemid=2
ऐसा भी नहीं कि ये सिर्फ़ मानवता वगैरह का ही खेल खेलते हैं, मधु कौड़ा भी शरमा जायें ऐसे "2G स्पेक्ट्रम घोटाले" के तार इस पूरे "दयासागर" परिवार से ही लिपटे हुए हैं। (देखें चित्र) एक कम्पनी ETA समूह जिसे 2008 के अन्त में सिर्फ़ एक लाख के शेयर कैपिटल के साथ शुरु किया गया था, उसने एक साल के भीतर ही स्वान टेलीकॉम के 380 करोड़ के शेयर ले डाले, स्वान टेलीकॉम और 2G स्पेक्ट्रम घोटाले के बारे में काफ़ी कुछ पहले ही लिखा जा चुका है। ETA समूह के निदेशकों तथा करुणानिधि के बहुत "दोस्ताना सम्बन्ध" हैं, तथा ETA समूह को ही तमिलनाडु में नये सचिवालय के निर्माण सहित, बड़े-बड़े सड़क, बाँध के प्रोजेक्ट मिले हैं (बिलकुल राष्ट्रसन्त राजशेखर रेड्डी के परिवार की तरह)। अब भला मनमोहन सिंह जी की क्या बिसात कि वे दूरसंचार मंत्री राजा को निकाल बाहर करें, सो "रिक्वेस्ट" कर रहे हैं कि भाई साहब यदि मर्जी हो तो किसी दूसरे को दूरसंचार मंत्रालय दे दो, नहीं तो कोई बात नहीं… संसद में चार दिन हल्ला होगा, विपक्ष चिल्लायेगा, होना-जाना कुछ नहीं है (वैसे भी प्रधानमंत्री द्वारा अपनी पसन्द का मंत्रिमण्डल बनाने के दिन अब लद गये, अब मंत्रिमण्डल करुणानिधि, लालू, ममता, रेड्डी आदि लोग तय करते हैं)।
कुल मिलाकर कहा जाये, तो करुणानिधि की "दया" का पूरा का पूरा सागर तमिल उग्रवादियों के पक्ष में तो उमड़ा ही करता था, लेकिन वोट बैंक का बैलेंस अपने पक्ष में बनाये रखने के लिये इस्लामिक अलगाववादियों के पक्ष में भी जब-तब उमड़ता ही रहता है, खासकर अन्नादुरै की जयंती के दिन। जब सरकार खुद ही इन्हें प्रश्रय दे रही हो तो पुलिस से यह उम्मीद करना बेकार है कि वह खास शहरों के कुछ "खास मोहल्लों" में घुसने की हिम्मत भी कर सके। तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है, और पिता-बेटा-भतीजा-भांजा आदि मिलकर राज्य पर बोझ बढ़ाते जा रहे हैं।
चुनाव के समय "साम्प्रदायिकता" का डर दिखाकर और सस्ता चावल, सस्ता टीवी जैसे मूर्ख बनाने के नारों से चुनाव जीत लिया जाता है, फ़िर 5 साल के लिये नमस्ते… और यह दुर्गति कमोबेश भारत के हर राज्य में है… इसलिये महारानी की जय बोलिये तथा भारत बदलने निकले दलित के घर सोने वाले "युवराज" को चुपचाप सत्ता सौंप दीजिये… क्योंकि "मीडियाई भाण्ड" तो उनका ऐसा गुणगान कर रहे हैं जैसे "राहुल बाबा" पता नहीं क्या-क्या उखाड़ लेंगे और क्या-क्या बदल डालेंगे। तात्पर्य यह कि करुणानिधि, राजशेखर रेड्डी, मधु कोड़ा जैसे लोग येन-केन-प्रकारेण आपकी छाती पर मूंग दलते रहेंगे… नेहरु से शुरु करके "कांग्रेसी संस्कृति" ने 60 साल में देश को यही सौगात दी है, आप देखते रहने और अफ़सोस करने के सिवा कुछ भी नहीं कर सकते… देश में "सेकुलर" और वामपंथी लॉबी बहुत मजबूत है जबकि "हिन्दू" बिखरा हुआ, सोया हुआ और कुछ हद तक मूर्ख और नपुंसक भी…।
उम्मीद तो कम है, फ़िर भी अपनी तरफ़ से जगाने का छोटा सा प्रयास तो कर ही सकता हूँ…
Karunanishi, Tamilnadu, Islamic Terrorism, Abdul Madani, Human Rights in Tamilnadu, Coimbatore Bomb Blast Case, SIMI Activities in Tamilnadu Kerala, Achutanandan, A.Raja Telecom Scam, करुणानिधि, तमिलनाडु, इस्लामिक उग्रवाद, अब्दुल मदनी, मानवाधिकार और तमिलनाडु, कोयम्बटूर बम धमाके, तमिलनाडु केरल में सिमी गतिविधि, अच्युतानन्दन, ए राजा टेलीकॉम घोटाला, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
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